सुकना, दार्जिलंग 25 अक्टूबर । रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि भारत चीन के साथ लगी सीमाओं पर शांति चाहता और सीमा पर (पूर्वी लद्दाख इलाके में) हालिया तनाव का समाधान करना चाहता है।
श्री सिंह ने यह बातें यहां पर विजयादशमी के मौके पर पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग जिले में सुकना युद्ध स्मार पर शस्त्र पूजा के दौरान रविवार को कही।
सुकना तथा सिक्किम के दो दिवसीय दौरे पर आए श्री सिंह आज सुबह सुकना आधार 33 बटालियन के मुख्यालय पहुंचे और शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की।
उन्होंने सिक्किम में सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) द्वारा निर्मित गंगटोक-नाथुला रोड को वैकल्प के तौर पर गंगाटोक से नाथु ला ’तक जोड़ने के कार्य का वीडियो कॉन्फ्रेंसिंह के जरिये मुआयना किया।
इससे पहले उन्होंने ट्वीट कर कहा,‘‘देशवासियों को विजयादशमी की हार्दिक बधाई। आज मैं नाथु-ला जाऊंगा तथा जवानों से मुलाकात करूंगा। मैं शस्त्र पूजा में भी शामिल होऊंगा।
सेना एक इंच जमीन भी दूसरे के हाथों में नहीं जाने देगी: राजनाथ
भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में चल रही तनातनी के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज स्पष्ट शब्दों में कहा कि भारत शांति चाहता है लेकिन साथ ही वह देश को आश्वस्त करना चाहते हैं कि सेना एक इंच जमीन भी दूसरे के हाथ में नहीं जाने देगी।
पूर्वी सेक्टर की दो दिन की यात्रा पर गये श्री सिंह ने शनिवार को 33 वीं कोर के मुख्यालय में स्थिति और सैन्य तैयारियों की समीक्षा के बाद कहा , “ त्रिशक्ति कोर ने जो भूमिका निभाई है चाहे वह 62 रहा हो 67 रहा हो या 71 हो इसकी जितनी भी प्रशांस की जाये वह कम है। यदि आज इस स्थान पर खड़े रहकर हम बात कर रहे हैं तो इसका श्रेय यदि किसी को दिया जा सकता है तो यह हमारी त्रिशक्ति को दिया जा सकता है। इसके बहादुर जवानों को दिया जा सकता है । कई बहादुर जवानों ने अपने प्राणों का बलिदान दिया है।”
उन्होंने कहा , “ इस समय भारत और चीन की सीमा पर जो तनाव चल रहा है, भारत चाहता है कि यह समाप्त हो, शांति स्थापित हो, उद्देश्य हमारा यह है लेकिन कभी कभी कुछ ऐसी नापाक हरकतें होती रहती हैं। मैं पूरी तरह आश्वस्त हूं और मुझे पूरा भरोसा है कि किसी भी सूरत में हमारी सेना भारत की एक इंच ज़मीन भी दूसरे के हाथ में नहीं जाने देगी।”
उन्होंने कहा कि भारतीय सेना के जवानों से भेंट करके मुझे हमेशा बेहद ख़ुशी होती है। उनका मनोबल बहुत ऊँचा रहा है, इसकी जितनी भी प्रशंसा की जाए कम है।
उन्होंने कहा , “ हाल फिलहाल लद्दाख में भारत और चीन सीमा पर जो कुछ हुआ है उस पर निश्चित जानकारी के आधार पर मैं यह कह सकता हूं कि हमारे जवानों ने जिस तरह की भूमिका का निर्वहन किया है आगे यदि इतिहास लिखा जायेगा तो इतिहासकार जवानों की शौर्य गाथा को स्वर्ण अक्षरों में लिखेंगे। ”
सीमावर्ती क्षेत्रों में सड़कों से विकास की नयी राह खुली: राजनाथ
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज कहा कि सीमावर्ती क्षेत्रों में सड़कों के निर्माण से विकास की नयी राह खुली है और यह धारणा भी गलत साबित हुई है कि इन क्षेत्रों में सड़कों का विकास देश के हित में नहीं है।
रक्षा मंत्री ने आज सिक्किम में गंगटोक’ से ‘नाथू-ला’ को जोड़ने वाले एनएच 310 को राष्ट्र को समर्पित करने के मौके पर कहा कि यह मार्ग पूर्वी सिक्किम के सीमावर्ती क्षेत्रों के लोगों की जीवन रेखा है। सड़क सीमा संगठन ने करीब साढे 19 किलोमीटर लंबे इस वैकल्पिक मार्ग को बनाकर पूर्वी सिक्किम के निवासियों एवं सेना की आकांक्षाओं को पूरा किया है।