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शिवराज सिंह चौहान की मानहानि पर के के मिश्रा को हुई सजा,फैसले के बाद बता दी मुख्यमंत्री के भ्रष्टाचार की लिस्ट Attack News 

भोपाल, 17 नवंबर । भोपाल जिले की एक अदालत ने मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से जुडे मानहानि के मामले में आज कांग्रेस की मध्यप्रदेश इकाई के मुख्य प्रवक्ता के के मिश्रा को दोषी पाते हुए दो वर्ष की सजा सुनायी है।

अतिरिक्त जिला न्यायाधीश काशीनाथ सिंह ने के के मिश्रा को दोषी पाते हुए दो साल की साधारण सजा के अलावा पच्चीस हजार रूपए का जुर्माना लगाया है।attacknews

वही के के मिश्रा ने इस फैसले का सम्मान करते हुए एक बार फिर मुख्यमंत्री और श्री मती साधना सिंह पर भ्रष्टाचार के आरोप लगा दिए,मिश्रा की मूलतः पोस्ट इस प्रकार हैं-

*न्यायालयीन फैसले का मैं सम्मान करता हूँ,मुझे ऐसे ही फैसले का पूर्वानुमान था।शायद देश मे यह पहला फैसला होगा जिसमें किसी भ्रष्टाचार करने वाले को नहीं,उसे उजागर करने वाले को सजा सुनाई गई है?

इसे ही कलयुगी न्याय कहते हैं कि हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला जहां 3000 शिक्षकों की अवैध नियुक्तियों को लेकर जेल में हैं ,वहीं हमारे मुख्यमंत्री 1लाख 40 हजार पात्र बच्चों के भविष्य के आगे अंधेरा परोसने के बाद स्वछन्द घूम रहे हैं? गत 15 जनवरी,2014 को इन्हीं मुख्यमंत्री जी ने विधानसभा में व्यापमं घोटाले को अपने माथे का कलंक बताया था,वैसे भी प्रदेश के मुखिया के रूप में वे इस जवाबदारी से कैसे बच सकते हैं,,अब देश में इस परिभाषा को भी स्पष्ट होना चाहिए कि राज्य सरकार की मानहानि में क्या मुख्यमंत्री की पत्नी और बच्चे भी शामिल होते हैं*?

*मुख्यमंत्री जी,अब तो आप मुझे सजा दिलवाकर प्रसन्न हो हैं गए होंगे,किन्तु मैं आपको यह स्पष्ट कर दूं कि ऐसे कई फैसले भ्रष्टाचार के खिलाफ़ मेरी आवाज़ को बंद नहीं कर पाएंगे।भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज़ उठाने को लेकर इस फैसले ने मुझे और भी अधिक शक्ति दी है। अब तो आप सिर्फ इतना बता दीजिये कि व्यापमं घोटाले में आपने अपने रिश्तेदार डॉ. गुलाबसिंह किरार की गिरफ्तारी क्यों नहीं होने दी,आपको सरकारी वाहन में घूमाने वाले आरोपी राघवेंद्रसिंह तोमर जिसे आपने कोर्ट में पहचानने से मना कर दिया था,सरकारी गवाह बना कर क्यों बचा दिया गया ?व्यापमं की चेयरमेन रही आयएएस रंजना चौधरी आज भी किसकी कृपा से बाहर हैं?गत 27 मार्च,2014 के पहले आपके द्वारा बीएसएनएल का मोबाइल न.94256 09855 उपयोग में लाया जा रहा था।इसके साथ एक ADDON सिम न.94256 09866 आपकी धर्मपत्नी श्रीमती साधना सिंह उपयोग करती थीं,उसे इस घोटाले के उजागर हो जाने के तत्काल बाद बंद क्यों कर दिया गया? परिवहन आरक्षक भर्ती परीक्षा-2012 में घोटाले की बात 2013 में दर्ज एक एफआईआर में ही सामने आ गई थी,तब 39 लोगों के खिलाफ इसकी एफआईआर 14.10.2014 को सबसे आखरी में क्यों लिखी गई,मामला उजागर होने के बाद 17 लोगों ने ज्वाइन करने के बाद इस्तीफा क्यों दिया,स्वीकृत 198 पदों के स्थान पर 332 परिवहन आरक्षक चयनित कैसे,किसकी अनुमति से किस वैधानिक प्रक्रिया को अपनाने के बाद चयन किये गए,पुरुषों-महिलाओं की आहर्ताओं में नियम विरुद्ध परिवर्तन क्यों, किसलिए ,किसके आदेश पर किये गए,चयनित आरक्षकों को फिजीकल टेस्ट न कराए जाने का फरमान किसके इशारे पर तत्कालीन परिवहन मंत्री जगदीश देवड़ा ने जारी किया था,परिवहन आरक्षक भर्ती घोटाला उजागर हो जाने के बाद परिवहन मुख्यालय,ग्वालियर में दस्तावेजों में हेराफेरी ओर आग लगाकर उन्हें प्रमाणों सहित नष्ट करने वाला अतिरिक्त आयुक्त स्तर का अधिकारी कौन व किसका रिश्तेदार है*?

*इसी तरह रिश्ते में आपके मामा फूलसिंह पिता मंगलसिंह औऱ उनके पुत्र संजयसिंह चौहान (94253 65833) को लेकर मैं अपने कथन पर आज भी कायम हूँ।उनका निवास भोलेनाथ कॉलोनी,टीलाजमाल पुरा, तहसील हुजूर,जिला भोपाल,म.प्र. है।इनका मतदाता सूची क्रमांक 876 है और इनके विरुद्ध 2 लाख रु.कॉर्पोरेशन बैंक,जे.पी नगर,बैरसिया रोड,भोपाल के दो चेक बाउंस हो जाने को लेकर धारा-138 का प्रकरण भी JMFC कोर्ट ,बीना में दर्ज है ,जो अब भोपाल में ट्रांसफर हो गया है।इन्हें भी कोर्ट में आपने नकारते हुए यह कहा है कि मेरे मामा का निधन हो गया है,वे अभी जीवित है*!

*मुख्यमंत्री जी, वैसे भी जिस घोटाले में राज्यपाल,उनके दो बेटों के विरुद्ध FIR हुई हो,उनका ओएसडी जेल गया हो,आपका ओएसडी प्रेमप्रकाश जमानत पर हो,मंत्री,आयएएस, आईपीएस,राज्य प्रशासनिक-पुलिस सेवा अधिकारी,शिक्षा-चिकित्सा माफ़िया, दलाल लंबे समय तक जेल के सींखचों में बंद राह चुके हों,यही सब तो सरकार हैं,तो फिर सरकार और आपकी मानहानि कैसी ,आप तो यूं भी सरकार के मुखिया भी हैं*?

*ख़ैर,ईश्वरीय शक्ति बहुत बड़ी होती है और उसका न्याय किसी को भी नहीं बख्क्षता है*।
वैसे भी यह ऐतिहासिक सच है कि *बुलन्दी देर तक किस शख्स के हिस्से में रहती है,बहुत ऊंची इमारत हर घड़ी खतरे में रहती है*।
*आमीन*,

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