लंदन 27 मार्च।’कैम्ब्रिज एनालिटिका’ की पार्टनर कंपनी ओवलिनो बिजनेस इंटेलिजेंस (OBI) की वेबसाइट से डेटा चोरी के मामले में कांग्रेस कनेक्शन के भी सबूत मिले हैं.
फेसबुक से डेटा चोरी की खबरों को लेकर इन दिनों सोशल मीडिया पर हड़कंप मचा है. पॉलिटिकल डेटा एनालिसिस कंपनी ‘कैम्ब्रिज एनालिटिका’ पर 5 करोड़ फेसबुक यूजर्स का डेटा चुराकर, उनका गलत इस्तेमाल करने का आरोप लगा है. इन आरोपों से फेसबुक मुसीबत में घिर गई है.
इस बीच ‘डेटा ब्रीच’ के मामले को दुनिया के सामने रखने वाले व्हिसिल ब्लोअर क्रिस्टोफर विली का कहना है कि इस कंपनी का भारत में बड़े पैमाने पर बिजनेस है. भारत में उसका एक ऑफिस भी है.
बता दें कि क्रिस्टोफर विली कैम्ब्रिज एनालिटिका के कर्मचारी रह चुके हैं. उनका कहना है कि उन्होंने भारत के संबंध में काफी काम किया है. खासकर उसने इस मामले में कांग्रेस का नाम लिया है. जिसके बाद कांग्रेस बुरी फंसती दिख रही है. इस मामले में एक बार फिर से कांग्रेस का नाम आने के बाद बीजेपी का कहना है कि कांग्रेस चीफ राहुल गांधी को माफी मांगनी चाहिए.
28 साल के क्रिस्टोफर विली ने ये बातें ब्रिटिश पार्लियामेंट्री कमिटी में कही, जब वो कैम्ब्रिज एनालिटिका के खिलाफ अपने आरोपों को दोहरा रहे थे.
मंगलवार को डेटा ब्रीच मामले में फेसबुक के सीईओ मार्क जकरबर्ग को भी ब्रिटिश पार्लियामेंट्री कमेटी के सामने पेश होने था, लेकिन उन्होंने कमिटी के सामने पेश होने से इनकार कर दिया. जकरबर्ग ने अपनी कंपनी के चीफ टेक्निकल ऑफिसर माइक स्क्रोफेर और चीफ प्रॉडक्ट ऑफिसर क्रिस कॉक्स को इस मामले पर सफाई देने के लिए कहा है.
ये है पूरा मामला
दरअसल, ‘कैम्ब्रिज एनालिटिका’ ने अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की मदद की थी. ‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ और ‘लंदन ऑब्जर्वर’ ने पिछले हफ्ते अपनी इंवेस्टिगेटिव रिपोर्ट में ‘कैम्ब्रिज एनालिटिका’ के बारे में खुलासे किए. एक टीवी चैनल ने ‘कैम्ब्रिज एनालिटिका’ के सीईओ से जुड़ी एक रिपोर्ट दिखाई. फेसबुक से जुड़े डेटा चोरी के इस मामले की खबर के बाद महज 48 घंटे में मार्क जुकरबर्ग को करीब 58,500 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ.
‘कैम्ब्रिज एनालिटिका’ की पार्टनर कंपनी ओवलिनो बिजनेस इंटेलिजेंस (OBI) की वेबसाइट से डेटा चोरी के मामले में कांग्रेस कनेक्शन के सबूत मिले हैं. ओबीआई स्ट्रैटजिक कम्युनिकेशंस लेबोरेटरीज़ (SCL) इंडिया के ज्वॉइंट वेंचर का एक हिस्सा है. एससीएल ‘कैम्ब्रिज एनालिटिका’ की पेरेंट कंपनी भी है.
कई राजनीतिक दल हैं क्लाइंट
‘कैम्ब्रिज एनालिटिका’ की इंडियन एफिलिएटेड कंपनी ओवलिनो बिजनेस इंटेलिजेंस (OBI) की होमपेज पर कांग्रेस, जेडीयू के अलावा आईसीआईसीआई बैंक और एयरटेल के लोगो (LOGO) और नाम हैं. इससे पता चलता है कि ये सभी इसके क्लाइंट थे. वेबसाइट के मुताबिक, “यह पॉलिटिकल कैंपेन मैनेजमेंट का काम करती है. इसके होमपेज पर पीएम नरेंद्र मोदी और दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल की फोटो है. हालांकि, कंपनी ने आम आदमी पार्टी को अपना क्लाइंट नहीं बताया है.
बिहार विधानसभा चुनाव के लिए भी ली गई थीं सर्विस
कैम्ब्रिज एनालिटिका यह भी दावा है कि उसने 2010 में हुए बिहार विधानसभा चुनावों के लिए अपनी वेबसाइट पर काम किया था. हालांकि, कंपनी ने इसका खुलासा नहीं किया कि बिहार चुनावों के लिए किस पार्टी ने उसकी सर्विस ली थी?
वेबसाइट के मुताबिक, “2010 में बिहार विधानसभा चुनावों के डिटेल एनालिसिस के लिए कैम्ब्रिज एनालिटिक्स के साथ कॉन्ट्रैक्ट किया गया था. इसका मुख्य उद्देश्य फ्लोटिंग या स्विंग वोटर्स की पहचान करना था, जिन्हें तोड़ा या प्रभावित किया जा सके. इसका नतीजा सबके सामने था, बिहार में 15 साल बाद सरकार बदली.” बता दें कि जेडीयू ने स्वीकार किया कि उसने चुनाव के लिए कैम्ब्रिज एनालिटिका की सर्विस ली थी.attacknews.in