नई दिल्ली 13 अप्रैल। केंद्र सरकार ने बोलचाल और लिखित में दलित शब्द के प्रयोग पर रोक लगा दी है।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय ने इस संबंध में सभी राज्यों के प्रमुख सचिवों को लिखित आदेश जारी किया है। जिसमें कहा गया है कि अब सरकारी स्तर पर या कहीं भी दलित शब्द का प्रयोग वर्जित होगा।
केंद्र ने मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के 21 जनवरी के आदेश का हवाला दिया है और कहा गया है कि दलित शब्द का उल्लेख संविधान में कहीं नहीं मिलता है।
केंद्र ने मध्यप्रदेश कोर्ट द्वारा दिए आदेश का हवाला देते हुए केंद्र ने सभी प्रदेशों में दलित शब्द का प्रयोग बंद करवाया है।
नए आदेश के अनुसार अब किसी भी अनुसूचित जाति के व्यक्ति के आगे उनकी जाति का नाम लिखा जाना अनिवार्य होगा।
इससे पहले 10 फरवरी 1982 में नोटिफिकेशन जारी कर हरिजन शब्द पर भी रोक लगाई गई थी। हरिजन बोलने पर कड़ी सजा का प्रावधान है।
अभी यह पता नहीं चल पाया है कि दलित शब्द का प्रयोग करते हुए पाए जाने पर कितनी सजा का प्रावधान रखा गया है।
मंत्रालय ने प्रमुख सचिव को लिखे पत्र में स्पष्ट किया है कि दलित शब्द का उल्लेख संविधान में कहीं नहीं मिलता है।
हालांकि इससे पहले 1990 में इसी तरह का आदेश जारी हुआ था, जिसमें सरकारी दस्तावेजों में अनुसूचित जाति के लोगों के लिए सिर्फ उनकी जाति लिखने के निर्देश दिए गए थे।attacknews.in