अहमदाबाद 25 अप्रैल । स्वयंभू संत आसाराम बापू को 2013 में एक नाबालिग लडक़ी से दुष्कर्म के आरोप में राजस्थान के जोधपुर की एक अदालत द्वारा दोषी ठहराए जाने और उम्र कैद की सजा सुनाए जाने के बाद गुजरात के पूर्व शीर्ष पुलिस अधिकारी डी.जी. वंजारा उनके बचाव में सामने आए हैं।
एक फर्जी मुठभेड़ मामले में कथित रूप से संलिप्त रहें गुजरात के पूर्व पुलिस उपमहानिरीक्षक ने कहा कि आसाराम को दुष्कर्मी कहना ‘अनुचित’ है।
उन्होंने कहा, ‘‘हम फैसले का सम्मान करते हैं और अदालत में साबित किसी भी फैसले को न तो चुनौती देते हैं और न ही समर्थन करते हैं।’’
जोधपुर एससी/एसटी अदालत के न्यायाधीश मधुसूदन शर्मा द्वारा आसाराम के खिलाफ सजा सुनाने के बाद उनके अहमदाबाद स्थित आश्रम पहुंचे वंजारा ने कहा, ‘‘हालांकि यौन उत्पीडऩ मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद भी आसाराम को दुष्कर्मी कहा जाना उचित नहीं है।’’
वंजारा ने कहा, ‘‘पीडि़ता द्वारा दाखिल एफआईआर या आरोप-पत्र में कहीं भी यह नहीं कहा गया है कि उसके साथ दुष्कर्म किया गया। इसमें कहा गया है कि उन्होंने उसे अनुचित ढंग से छूने की कोशिश की।’’
वंजारा के अनुसार, पीडि़ता ने मुकदमे के दौरान भी यह कभी नहीं कहा कि उसके साथ दुष्कर्म किया गया है।
वंजारा ने कहा, ‘‘शिकायत के बाद पीडि़ता की कराई गई चिकित्सा जांच में उसकी कौमार्यता को अक्षुण्ण पाया गया। यह कभी दुष्कर्म का मामला नहीं था। यह सजा दुष्कर्म करने के लिए नहीं सुनाई गई।’’
वंजारा ने कहा, ‘‘पीडि़ता ने कहा है कि बापूजी ने उसे गलत इरादे से छुआ, जोकि एक अपराध है। लेकिन मुझे संदेह है कि क्या आसारामजी ने ऐसा किया होगा। उन्हें इस संबंध में सजा सुनाई गई है, लेकिन किसी अदालत का निर्णय अंतिम नहीं है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम इस फैसले का आदर करते हैं, लेकिन हम इसके खिलाफ उच्च न्यायालय जाएंगे। हमें विश्वास है कि हमें न्याय मिलेगा।’’ वंजारा ने पहले भी दावा किया था कि आसाराम बापू को इस मामले में फंसाया गया है।
उन्होंने 2016 में दावा किया था, ‘‘एक पुलिस अधिकारी होने के नाते, मैं जानता हूं कि असाराम बापू को पूरे मामले फंसाया गया है। उनके खिलाफ किया गया एफआईआर फर्जी है।’’
वंजारा ने कहा, ‘‘आसाराम के खिलाफ मामला एक षडय़ंत्र था, क्योंकि 77 वर्षीय संत ‘सनातक हिंदू धर्म के रक्षक’ थे।’’attacknews.in