अहमदाबाद/नयी दिल्ली, 13 जून। मौसम विभाग ने बृहस्पतिवार को बताया कि चक्रवात ‘वायु’ ने अपना रास्ता बदल लिया है और अब इसके गुजरात तट से टकराने की संभावना नहीं है, लेकिन इसके प्रभाव के चलते राज्य के कई तटीय जिलों में भारी बारिश होगी।
पूर्वोत्तर तथा पूर्वमध्य अरब सागर क्षेत्र में स्थित प्रचंड चक्रवाती तूफान ‘वायु’ पिछले छह घंटों के दौरान करीब 08 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उत्तर और उत्तर पश्चिम दिशा की और बढ़ते हुए आज 13 जून को भारतीय समयानुसार 0830 बजे पूर्वोत्तर तथा पूर्वमध्य अरब सागर में 20.4 डिग्री उत्तरी अक्षांश तथा 69.4 डिग्री पूर्वी देशांतर पर दीव से करीब 160 किलोमीटर दक्षिण दक्षिण पूर्व ,गुजरात के वेराल से 110 किलोमीटर दक्षिण पश्चिम तथा पोरबंदर से करीब 140 किलोमीटर दक्षिण में स्थित था।
इस तूफान के आज दोपहर बाद उत्तर और उत्तर पश्चिम दिशा की ओर बढ़कर आगे उत्तर पश्चिम की ओर मुड़ते हुए 135 -145 किलोमीटर की रफ्तार से सौराष्ट्र के तट से टकराते हुए गिर सोमनाथ, दीव, जूनागढ़, पोरबंदर और देवभूमि द्वारका पर अपना असर दिखाने की संभावना है। इस दौरान तूफान की गति बढ़कर 160 किलोमीटर प्रति घंटे तक भी पहुंच सकती है।
निम्नलिखित तालिका में तूफान की तीव्रता और उसकी दिशा का पूर्वानुमान दर्शाया गया है :
तिथि/समय (आईएसटी) -स्थिति (अंक्षाश0 उत्तर/देशांतर0पूर्व) – हवा की अधिकतम गति (किलोमीटर प्रति घंटे) – श्रेणी
13.06.19/0830 -20.4/69.4 – 135-145 से 160 – अत्यंत प्रचंड चक्रवाती तूफान
13.06.19/1130 – 20.8/69.4 – 135-145 से 160 – अत्यंत प्रचंड चक्रवाती तूफान
13.06.19/1730 –21.2/69.3 – 135-145 से 160 -अत्यंत प्रचंड चक्रवाती तूफान
13.06.19/2330 – 21.5/69.1 – 130-140 से 155 – अत्यंत प्रचंड चक्रवाती तूफान
14.06.19/0530 – 21.7/68.9 – 130-140 से 155 -अत्यंत प्रचंड चक्रवाती तूफान
14.06.19/1730 – 22.0/68.5 -120-130 से 145 -अत्यंत प्रचंड चक्रवाती तूफान
15.06.19/0530 – 22.1/68.2 -110-120 से 135 -प्रचंड चक्रवाती तूफान
15.06.19/1730 – 22.2/67.8 -100-110 से 125-प्रचंड चक्रवाती तूफान
चेतावनी :
(i) भारी वर्षा की चेतावनी :
सब डिवीजन
13 जून 2019
14 जून 2019
सौराष्ट्र और कच्छ
काफी बड़े क्षेत्र में वर्षा। कुछ स्थानों पर भारी वर्षा तथा सौराष्ट्र के तटवर्ती जिलों के कुछ स्थानों पर बहुत भारी वर्षा
काफी बड़े क्षेत्र में वर्षा तथा कुछ स्थानों पर भारी वर्षा। सौराष्ट्र के तटवर्ती जिलों के कुछ स्थानों पर बहुत भारी वर्षा
गुजरात क्षेत्र
कुछ स्थानों में वर्षा तथा छिटपुट स्थानों में भारी वर्षा
कुछ स्थानों में वर्षा
अगले दिन के 0830 बजे तक वर्षा।
भारी वर्षा : 64.5-115.5 एमएम/दिन; बहुत भारी वर्षा : 115.6-204.4 एमएम/दिन; अत्यधिक भारी वर्षा : 204.4एमएम/दिन से अधिक
ii. हवा की चेतावनी :
o 13 जून : को अरब सागर के उत्तरी क्षेत्र तथा गुजरात के तटवर्ती इलाकों में तूफान के कारण हवा की गति 135-145 प्रति घंटे किलोमीटर की रफ्तार से बढ़कर 160 किलोमीटर प्रति घंटे तक पहुंच सकती है। पूर्व मध्य अरब सागर के उत्तरी क्षेत्र तथा तटवर्ती महाराष्ट्र के उत्तरी हिस्से हवा की रफ्तार 50-60 किलोमीटर प्रति घंटे से बढ़कर 70 किलोमीटर प्रति घंटे तक पहुंच सकती है।
o 14 जून : सुबह के उत्तरी अरब सागर तथा गुजरात के तटवर्ती क्षेत्रों में हवा की गति 120-130 किलोमीटर प्रति घंटे से बढ़कर 145 किलोमीटर प्रति घंटे हो सकती है। बाद में इसकी गति धीमी पड़कर 40 -50 किलोमीटर प्रति घंटे रहने की संभावना है।
o 15 जून : शाम तक उत्तर अरब सागर तथा गुजरात तटवर्ती क्षेत्रों में तूफानी हवाओं की गति 100-110 किलोमीटर प्रति घंटे से बढ़कर 125 किलोमीटर प्रति घंटे तक पहुंच सकती है और बाद में इसकी रफ्तार कम हो सकती है।
iii. समुद्र की स्थिति :
o उत्तरी अरब सागर तथा गुजरात के तटवर्ती क्षेत्रों में 15 जून तक समुद्र की स्थिति खराब रहने की आशंका है। अगले 12 घंटों के दौरान उत्तरी और पूर्व मध्य अरब सागर में स्थिति गंभीर बनी रह सकती है।
o 13 जून को उत्तरी महाराष्ट्र के तटवर्ती क्षेत्रों में समुद्र की स्थिति बहुत खराब हो सकती है।
iv. मछुआरों को चेतावनी :
o मछुआरों को सलाह दी गई है कि वे 15 जून तक उत्तरी अरब सागर और गुजरात के तटवर्ती समुद्री क्षेत्र में न जाएं। उन्हें 13 जून को पूर्वमध्य अरब सागर तथा महाराष्ट्र के तटवर्ती क्षेत्रों के आसपास भी समुद्र नहीं जाने की सलाह दी गई है।
v. तूफान के दौरान समुद्र में ऊंची लहरें उठने की चेतावनी :
13 जून की दोपहर के बाद से तूफान के कारण समुद्र में 0.6 मीटर से लेकर 1.3 मीटर तक की ऊंची लहरें उठने की चेतावनी जारी की गई है। ऊंची लहरों के कारण गिर सोमनाथ, दीव, जूनागढ़, पोरबंदर, और देवभूमि द्वाराक के निचले इलाकों के डूबने का खतरा है।
v. i) गुजरात के गिर सोमनाथ, दीव, जूनागढ़, पोरबंदर, और देवभूमि द्वारका में तूफान से नुकसान होने की आशंका को देखते हुए कार्रवाई के लिए निम्नलिखित सुझाव दिये गये हैं :
i. छप्पर वाले घरों और झोपडि़यों को भारी नुकसान, छतें हवा में उड़ सकती हैं।
ii. बिजली के खंभों के मुड़ने या गिरने तथा संचार लाइनों को नुकसान होने की आशंका
iii. कच्ची और पक्की सड़कों को भारी नुकसान होने की आशंका। खतरे की स्थिति में बाहर निकलने वाले रास्तों के डूबने की आशंका। रेल की बिजली लाइनों और सिग्नल प्रणाली में बाधा पहुंचने की आशंका।
iv. खड़ी फसलों को भारी नुकसान होने, नारियल के पेड़ों के टूटने तथा अन्य फलदार पेड़ों को नुकसान पहुंचने की आशंका है।
v. छोटी नौकाओं तथा मध्यम श्रेणी के जहाजों के लंगर से टूटकर अलग हो जाने का खतरा।
vi. दृश्यता बुरी तरह प्रभावित होने की आशंका
सुझाएं गये कदम :
- रेल और सड़क यातायात को नियंत्रित रखना
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मछली पकड़ने की गतिविधियां पूरी तरह स्थगित रखना।
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तूफान से प्रभावित जिलों के निचले इलाकों में रहने वाली शहरी और ग्रामीण आबादी को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाना तथा प्रभावित इलाकों में रहने वाले लोगों को बेवजह घर से बाहर न निकलने की सलाह
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मोटर-बोट और छोटे जहाजों में समुद्र में यात्रा न करने की सलाह।
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तूफान के कारण भारी वर्षा से तटवर्ती जिलों के निचले इलाकों के जलमग्न होने का खतरा।
गुजरात सरकार ने तटीय जिलों में निचले इलाकों और कच्चे मकानों में रह रहे तीन लाख से अधिक लोगों को एहतियात के तौर पर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है।
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव एम राजीवन ने कहा, ‘‘इसके (चक्रवात वायु के) तट से टकराने की संभावना नहीं है। यह केवल तट के किनारे से गुजरेगा। इसके मार्ग में हल्का बदलाव आया है। लेकिन, इसका प्रभाव वहां होगा, तेज हवाएं चलेंगी और भारी बारिश होगी।’’
मौसम विज्ञान विभाग के अतिरिक्त महानिदेशक देवेंद्र प्रधान ने बताया कि चक्रवात समुद्र में रहेगा और गुजरात तट के किनारे-किनारे गुजरेगा।
प्रधान ने कहा, ‘‘इसने थोड़ा सा पश्चिम की तरफ रुख कर लिया है। यह गुजरात तट के किनारे-किनारे गुजरेगा।’’
पहले ऐसा पूर्वानुमान था कि चक्रवात बृहस्पतिवार अपराह्न तक गुजरात तट से टकराएगा।
मौसम विभाग की अतिरिक्त निदेशक मनोरमा मोहंती ने अहमदाबाद में पत्रकारों से कहा कि चक्रवात की दिशा ‘‘मामूली सी’’ बदल गई है।
उन्होंने कहा, ‘‘अत्यंत भीषण चक्रवात ‘वायु’ सौराष्ट्र तट पर नहीं टकराएगा, लेकिन यह तट के किनारे से गुजरेगा और गिर सोमनाथ, जूनागढ़, पोरबंदर, देवभूमि द्वारका जिलों तथा केंद्र शासित क्षेत्र दीव को प्रभावित करेगा।’’
मोहंती ने कहा, ‘‘चक्रवात का आंतरिक हिस्सा गुजरात में प्रवेश नहीं करेगा, लेकिन आधा चक्रवात, इसकी बाहरी परिधि राज्य में प्रवेश करेगी और तटीय क्षेत्रों को प्रभावित करेगी।’’
चक्रवात चेतावनी प्रभाग ने सुबह साढ़े आठ बजे के बुलेटिन में कहा, ‘‘काफी संभावना है कि यह कुछ समय तक उत्तर-उत्तर पश्चिमी दिशा की तरफ चलेगा और फिर उत्तर पश्चिमी दिशा में सौराष्ट्र तट के किनारे से गुजरेगा जिससे गिर सोमनाथ, दीव, जूनागढ़, पोरबंदर और देवभूमि द्वारका प्रभावित होंगे । इस दौरान 135 से 145 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलेंगी जो 13 जून को दोपहर बाद 160 किलोमीटर प्रति घंटे रफ्तार की हवाओं में तब्दील हो सकती हैं।’’
मोहंती ने कहा, ‘‘यद्यपि, यह नहीं टकराएगा, लेकिन यह नुकसान कर सकता है और बारिश, बंदरगाह, मछुआरों संबंधी सभी चेतावनी जस की तस हैं।’’
इस संबंध में एक अधिकारी ने कहा कि गुजरात सरकार ने तटीय जिलों में निचले इलाकों और कच्चे मकानों में रह रहे तीन लाख से अधिक लोगों को एहतियात के तौर पर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है।
बंदरगाहों और हवाईअड्डों पर परिचालन तथा बस और ट्रेन सेवाएं स्थगित कर दी गई हैं।
तटरक्षक बल, सेना, नौसेना, वायुसेना और सीमा सुरक्षाबल हाई अलर्ट पर हैं।
तटीय जिलों में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की लगभग 52 टीम और सेना की 11 टुकड़ी (प्रत्येक टुकड़ी में करीब 70 सैनिक) तैनात की गई हैं।
इसके अलावा सेना की 24 टुकड़ी किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए रिजर्व रखी गई हैं।
चक्रवात वायु के मद्देनजर भारतीय नौसेना की तैयारियां
भारतीय वायुसेना ने गुजरात सरकार और उसके नागरिक प्रशासन के साथ मिलकर चक्रवात वायु से निबटने की तैयारियों की समीक्षा की।
नौसेना का पश्चिमी कमान चक्रवात वायु की ताजा स्थिति पर करीबी नजर रखे हुए है। नौसेना के पोत चेन्नानी ,गोमती और दीपक राहत सामग्रियों के साथ मुंबई में हैं और सूचना मिलते ही तुरंत गुजरात पहुंचने के लिए तैयार खड़े हैं। इन जहाजों पर 5 हजार लीटर पीने का पानी भी लादा गया है। नौसेना के सात पोत और तीन हेलीकाप्टरों को अतिरिक्त रूप से तैयार रखा गया है।
आपात स्थिति में तुरंत सहायता पहुंचाने के लिए गोताखोरों और राहत कर्मियों की दो टीमें तथा 3चिकित्सा दल भी तैयार किए गए हैं। द्वारका और पोरबंदर में सामुदायिक रसोई चलाने की व्यवस्था की जा रही है। वायु सेना के हेलीकॉप्टरों और विमानों को आवश्यकता पड़ने पर तूफान से होने वाले नुकसान का आकलन करने और लापता तथा फंसे लोगों की तलाश और उन्हें सुरक्षित निकालने के लिए तैयार रखा गया है
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