वाशिंगटन,सात अक्टूबर । अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि चीन ने भारत सहित अपने पड़ोसियों के प्रति और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अचानक ‘‘घोर आक्रमक’’ रुख अपनाया है।
प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी ने तोक्यो में क्वाड मंत्रियों की बैठक के समापन के बाद यह बात कही, जिसमें नेताओं ने रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण क्षेत्र की शांति और स्थिरता सुनिश्चित करने में समन्वय का प्रण लिया।
क्वाड’ चार देशों का समूह है जिसमें अमेरिका और भारत के अलावा ऑस्ट्रेलिया व जापान भी शामिल हैं।
क्वाड देशों के विदेश मंत्रियों ने मंगलवार को तोक्यो में मुलाकात की। कोरोना वायरस संक्रमण के बाद यह पहली आमने सामने की बातचीत थी। यह बैठक हिंद-प्रशांत, दक्षिण चीन सागर और पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी)पर चीन के आक्रामक सैन्य रवैए की पृष्ठभूमि में हुई।
जापान के विदेश मंत्री तोशिमित्सु मोतेगी, भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर, अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ और ऑस्ट्रेलिया के विदेश मंत्री मॉरिस पायने ने मुक्त, खुले और नियम आधारित अंतरराष्ट्रीय प्रणाली को मजबूत करने की बात दोहराई।
पोम्पियों के साथ मौजूद एक वरिष्ठ अधिकारी ने संवाददताओं से कहा कि चीन की आक्रमकता चिंता का विषय है।
अधिकारी ने कहा,‘‘यह चिंता की बात है। मेरा मतलब है, यदि आप चीन और भारत के बीच हिमालय में संघर्ष को देखते हैं, तो अतीत में ऐसा हुआ है और स्थिति को नियंत्रण से बाहर जाने से रोकने के लिए ऐसे तरीके अपनाए गए जो न कहीं लिखे हैं और जो न कहीं कहे गए हैं। और फिर आप उसे देखिए जो यहां हाल ही में हुआ। यहां लोगों ने एक दूसरे से मारपीट करके उन्हें मौत के घाट उतार दिया।’’
जयशंकर ने ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री के साथ तोक्यो में की द्विपक्षीय बातचीत
भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री मॉरिस पायने के साथ बुधवार को तोक्यो में क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर द्विपक्षीय बातचीत की।
जयशंकर और पायने ‘क्वाड’ मंत्रियों की बैठक के लिए तोक्यो में हैं। ‘क्वाड’ चार देशों का समूह है जिसमें अमेरिका और भारत के अलावा ऑस्ट्रेलिया व जापान भी शामिल हैं। क्वाड के विदेश मंत्रियों की मंगलवार को बैठक हुई।
पायने के साथ अपनी मुलाकात के बाद जयशंकर ने ट्वीट किया कि दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों के बीच हुए ऑनलाइन शिखर सम्मेलन के बाद द्विपक्षीय संबंधों में प्रगति की समीक्षा की गई।
उन्होंने कहा,‘‘अच्छी मित्र एवं ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री मॉरिस पायने के साथ गर्मजोशी भरी मुलाकात। दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों के बीच ऑनलाइन शिखर सम्मेलन के बाद द्विपक्षीय संबंधों में प्रगति की समीक्षा की गई। वैश्विक मामलों और क्षेत्रीय मुद्दों पर सहयोग बढ़ाने पर चर्चा हुई। बहुपक्षीय मंचों पर और निकटता से काम करेंगे।’’ भारत और ऑस्ट्रेलिया के चीन के साथ बिगड़े संबंधों की पृष्ठभूमि में यह बैठक हुई है।
समझा जाता है कि जयशंकर और पायने ने अहम क्षेत्रीय सुरक्षा चुनौतियों पर बातचीत की है।
पिछले कुछ वर्षों में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच रक्षा और सुरक्षा संबंध तेजी से बढ़े हैं और दोनों देशों ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में एक साथ काम करने का प्रण भी लिया है। यह क्षेत्र चीन की बढ़ती आक्रामकता का गवाह है।
गौरतलब है कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और उनके ऑस्ट्रेलियाई समकक्ष स्कॉट मॉरिसन के बीच चार जून को एक ऑनलाइन शिखर सम्मेलन में दोनों देशों ने अपने संबंधों को एक व्यापक रणनीतिक साझेदारी के स्तर पर पहुंचाते हुए एक अहम समझौते पर हस्ताक्षर किए थे।