नयी दिल्ली, 23 मई । माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी ने बृहस्पतिवार को लोकसभा चुनाव में पार्टी की हार की जिम्मेदारी लेते हुये कहा कि जनता ने भाजपा की अगुवाई वाले गठबंधन के पक्ष में निर्णायक फैसला दिया है। पार्टी जनादेश को स्वीकार करती है।
येचुरी ने कहा कि “मतगणना के रुझान पूरी तरह से माकपा के विरुद्ध हैं और इससे पार्टी को करारा झटका लगा है। उन्होंने कहा, ‘‘पार्टी महासचिव होने के नाते हार की पहली जिम्मेदारी मेरी है। हम हार के कारणों की समीक्षा करेंगे।’’
येचुरी ने कहा कि इस चुनाव में धर्म के आधार पर व्यापक ध्रुवीकरण हो गया था। इसके अलावा त्रिपुरा और पश्चिम बंगाल में व्यापक हिंसा एवं भय के कारण लोगों को वोट नहीं डालने दिया गया।
उन्होंने कहा कि आगामी 26 और 27 मई को पार्टी पोलित ब्यूरो की बैठक है इसमें चुनाव परिणाम की समीक्षा की जाएगी। इसके अलावा सात, आठ और नौ जून को माकपा की केन्द्रीय समिति की बैठक में हार के कारणों को दुरुस्त कर भविष्य की कार्ययोजना तय की जायेगी।
उल्लेखनीय है कि मतगणना के शाम छह बजे तक के रुझान के मुताबिक माकपा ने तमिलनाडु में दो, केरल में एक सीट पर निर्णायक बढ़त बना ली थी। पश्चिम बंगाल और त्रिपुरा में पार्टी का पूरी तरह से सफाया हो गया है। मौजूदा लोकसभा में माकपा के पास नौ सीटें हैं।
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