बेंगलुरू, नौ फरवरी। पाकिस्तान स्थित आतंकवादी समूह लश्कर-ए-तैयबा के एक आतंकवादी को कर्नाटक की स्थानीय अदालत ने आतंकवाद के वित्त पोषण और धन शोधन के मामले में सात साल सश्रम कारावास की सजा सुनायी है।
अधिकारियों ने बताया कि अदालत ने कर्नाटक से अपनी गतिविधियां चलाने वाले बिलाल अहमद कुता उर्फ इमरान जलाल पर 50,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) की विशेष अदालत के न्यायाधीश शिवशंकर अमरानवर ने कल यह सजा सुनायी।
मामला जनवरी 2007 का है जब जलाल को एके श्रृंखला की राइफल, 200 गोलियों, एक हथगोला और सेटेलाइट फोन के साथ कर्नाटक पुलिस ने बेंगलुरू बस स्टेशन से गिरफ्तार किया था।
जलाल पर भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने, हथियार और विस्फोटक रखने सहित भारतीय दंड संहिता की अन्य धाराओं के तहत आरोप लगाया गया था।
अधिकारियों ने बताया कि जलाल वर्ष 2001 से इन गतिविधियों में शामिल था और लश्कर-ए-तैयबा का सदस्य है।
बाद में प्रवर्तन निदेशालय ने जलाल के खिलाफ पीएमएलए कानून के तहत मामला दर्ज किया।attacknews.in