नयी दिल्ली, 11 जून । दिल्ली उच्च न्यायालय ने आज दिल्ली विधानसभा से अनुरोध किया कि वह तीन नौकरशाहों के खिलाफ 13 जून तक कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं करे। इन नौकरशाहों को दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष ने उनके विभागों की ओर से विधायकों के कुछ सवालों के जवाब नहीं देने के कारण सदन में पेश होने का निर्देश दिया था।
न्यायमूर्ति सी हरिशंकर की अवकाशकालीन पीठ ने यह भी कहा कि 13 जून तक नौकरशाहों के खिलाफ इस मामले को आगे बढ़ाने वाली कोई कार्रवाई नहीं की जाए।
इससे पहले, विधान सभा अध्यक्ष राम निवास गोयल ने नौकरशाहों को चेतावनी दी थी कि यदि वह सत्तारूढ़ दल के विधायकों के तीन लिखित सवालों के उपयुक्त जवाब सोमवार तक नहीं देंगे तो उनके खिलाफ ‘‘नियमानुसार’’ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
विधानसभा का तीन दिवसीय सत्र छह जून को शुरू हुआ था जिसे 11 जून तक के लिये बढ़ा दिया गया था। पहले सत्र का समापन आठ जून को ही होना था। इन अधिकारियों को आज विधायकों के सवालों के जवाब देने थे।
ये नौकरशाह जिन विभागों से संबद्ध थे उन विभागों ने विधायकों के लिखित सवालों के जवाब कथित तौर पर मुहैया नहीं करवाए थे जिसके बाद छह जून को गोयल ने उन्हें अगले दिन विधानसभा की कार्यवाही के दौरान मौजूद रहने का निर्देश दिया था।
इस घटनाक्रम से नाराज विस अध्यक्ष ने इस स्थिति को ‘‘ अघोषित आपातकाल ’’ बताया था जिसमें सरकारी अधिकारी विधायकों की ओर से पूछे जाने वाले सवालों के जवाब नहीं देते हैं। इसके लिये उन्होंने उप राज्यपाल अनिल बैजल को जिम्मेदार ठहराया था।attacknews.in