चेन्नई, 11 मार्च । मद्रास उच्च न्यायालय का कहना है कि भ्रष्टाचार ‘‘कैंसर’’ की तरह फैल रहा है। अदालत ने सोमवार को तमिलनाडु के सतर्कता अधिकारियों से उन तालुक कार्यालयों में समय समय पर छापे मारने को कहा जहां आरोप है कि कानूनी उत्तराधिकारी प्रमाणपत्र जैसे हर दस्तावेज को जारी करने के लिए रिश्वत मांगी जाती है।
न्यायमूर्ति एस एम सुब्रमण्यम ने कहा कि सरकारी कार्यालयों में और सरकारी कर्मचारियों द्वारा भ्रष्ट क्रियाकलापों से आम लोग पूरी तरह से हताश हैं। उन्होंने कहा कि अदालतों सहित सभी उच्च अधिकारियों को वर्तमान स्थिति पर संज्ञान लेना चाहिए और सही ढंग से इन मामलों से निपटना चाहिए।
उन्होंने एक विशेष तहसीलदार की याचिका को खारिज करते हुए ये टिप्पणियां कीं। उन्होंने आदेश जारी होने में देरी के आधार पर कथित भ्रष्टाचार के लिए अपने निलंबन को चुनौती दी थी।
न्यायाधीश ने अपने आदेश में कहा, ‘‘हमारे महान देश में भ्रष्टाचार कैंसर की तरह फैल रहा है। आम आदमी सरकारी दफ्तरों में और सरकारी कर्मचारियों द्वारा भ्रष्ट क्रियाकलापों के संबंध में पूरी तरह से हताश है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘एक कानूनी दस्तावेज हासिल करने के लिए भी आम आदमी को कुछ सरकारी अधिकारियों को रिश्वत देनी होती है।’’
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