भोपाल, 08 अप्रैल । मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने निर्देश दिए हैं कि अधिक कोरोना संक्रमण वाले इंदौर, भोपाल और उज्जैन को टोटल सील कर दिया जाए। दूसरे ज़िलों में भी संक्रमित क्षेत्रों को टोटल सील किया जाए। इन क्षेत्रों में जिला प्रशासन आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति सुनिश्चित करे। इन क्षेत्रों से कोई भी व्यक्ति अंदर-बाहर आ-जा नहीं सकेंगे।
मुख्यमंत्री के इस निर्देश के बाद इंदौर, भोपाल और उज्जैन के जिला प्रशासन ने त्वरित कार्यवाही करते हुए जिलों की सीमाएं सील कर दी ।
मुख्यमंत्री आज मंत्रालय में प्रदेश में कोरोना की स्थिति एवं नियंत्रण व्यवस्थाओं की वरिष्ठ अधिकारियों के साथ समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कोरोना संबंधी कार्य में सभी शासकीय विभागों की तथा उनके संसाधनों की सेवाएं ली जाएं।
उन्होंने प्रदेशवासियों से आग्रह किया है कि संक्रमण से बचने के लिए हर व्यक्ति मास्क लगाकर ही घर से बाहर निकले। उन्होने कहा कि होममेड मास्क का भी प्रयोग किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति कोरोना रोग को नहीं छुपाए। यह भी बताए कि वह किस-किस के संपर्क में आया है। उन्होने कहा कि कोरोना छुपाने पर मौत है तथा बताने पर जिंदगी। उन्होंने निर्देश दिए कि जो व्यक्ति इसे छुपाए, उसके विरुद्ध एफआइआर दर्ज की जाए तथा इलाज के बाद उसके विरुद्ध दंडात्मक कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि जो भी व्यक्ति कोरोना नियंत्रण कार्य में लगे लोगों से दुर्व्यवहार करता है, उसके विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाए।
उन्होंने निर्देश दिए कि प्रदेश में बाहर के राज्यों से आए तथा प्रदेश में वापस लौटे मजदूरों के स्वास्थ्य परीक्षण की अच्छी व्यवस्था हो। उन्होने कहा कि ग्वालियर में एक माइग्रेंट लेबर पॉजिटिव आया है, जो दूसरे राज्य से मध्यप्रदेश आया था। इस प्रकरण में विशेष सतर्कता बरती जाए।
समीक्षा के दौरान बताया गया कि प्रदेश में अभी तक कोरोना वायरस से प्रदेश के 14 जिले प्रभावित हुए हैं। इंदौर में कोरोना पॉजिटिव की संख्या 170, भोपाल में 96, उज्जैन में 13, खरगोन में 12 एवं मुरैना में 12 है।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि कोरोना की टेस्टिंग क्षमता बढ़ाई जाए। मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस ने बताया कि हमारी क्षमता 788 प्रतिदिन हो गई है, जो आगामी 10 अप्रैल तक 1000 पर पहुंच जाएगी। टेस्टिंग लैब की संख्या 7 है, एक लाख टेस्टिंग किट्स का आर्डर दिया गया है। वर्तमान में हमारे पास 29 हज़ार 380 पीपीई कीट्स हैं। एन 95 मास्क की संख्या 1 लाख 40 हज़ार तथा थ्री लेयर मास्क की संख्या 7 लाख 50 हज़ार है।
उन्होंने निर्देश दिये कि कोरोना मरीजों की सर्वोत्तम उपचार व्यवस्था सुनिश्चित की जाए, जिससे डेथ रेट को न्यूनतम किया जा सके। अधिकारियों ने बताया कि अभी प्रदेश में कोरोना डेथ रेट 7:00 से 7:30 प्रतिशत तक है। इलाज के लिए भारत सरकार की गाइडलाइंस फॉलो किए जाने के निर्देश दिए गए हैं।
बैठक में बताया गया कि वायरस की त्वरित जांच के लिए रैपिड टेस्टिंग किट्स की व्यवस्था की जा रही है। इसकी रिपोर्ट तुरंत आ जाती है। इसके माध्यम से बड़ी संख्या में वायरस की जांच की जा सकेगी। इसके माध्यम से शरीर में कोई भी वायरस है या नहीं, इसकी त्वरित रिपोर्ट मिलेगी। वायरस होने पर कोरोना वायरस संबंधी जांच की जाएगी। अभी 50,000 रैपिड टेस्टिंग किट्स का आर्डर दिया गया है।
प्रमुख सचिव खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण शिव शेखर शुक्ला ने बताया कि 7 अप्रैल को प्रदेश में 7 लाख 55 हजार व्यक्तियों को भोजन पैकेट एवं खाद्य सामग्री उपलब्ध कराई गई। विभिन्न स्थानों पर 257 अशासकीय संगठनों द्वारा 1 लाख 80 हजार व्यक्तियों को भोजन पैकेट वितरित कराए गए। इंदौर में 60 हजार भोजन पैकेट का वितरण किया गया।