हांगकांग/बीजिंग ,11 जुलाई । विश्व भर में त्राहि-त्राहि मचाने वाली महामारी कोविड-19 को लेकर हांगकांग विषाणु वैग्यानिक लि.मेंग येन ने देश छोड़ने से पहले आरोप लगाया कि चीन को कोरोना वायरस के बारे में पहले से जानकारी थी और उसने इस जानकारी को छिपाया।
हांगकांग के स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ में वायरस विग्यान और इम्यूनॉलजी की विशेषग्य डॉ. येन ने हांगकांग छोड़ने से पहले फाक्स न्यूज को दिये साक्षात्कार में यह भी आरोप लगाया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने इसकी जानकारी होने के बावजूद इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया। उन्होंने कहा , “दिसंबर में ही पता चल गया था यह वायरस मनुष्य में फैल सकता है।”
कोविड-19 की उत्पत्ति का पता लगाने चीन जाएंगे डब्ल्यूएचओ के विशेषज्ञ
बीजिंग,से खबर है कि ,विश्व स्वास्थ्य संगठन के दो विशेषज्ञ कोविड-19 वैश्विक महामारी की उत्पत्ति का पता लगाने के एक बड़े अभियान के तहत जमीनी काम पूरा करने के लिए अगले दो दिन चीन की राजधानी बीजिंग में बिताएंगे।
संयुक्त राष्ट्र ने एक बयान में कहा कि एक पशु स्वास्थ्य विशेषज्ञ और एक महामारी विज्ञानी अपनी यात्रा के दौरान भविष्य के अभियान के लिए काम करेंगे जिसका मकसद यह पता लगाना है कि यह विषाणु पशुओं से मनुष्यों तक कैसे फैला।
वैज्ञानिकों का मानना है कि यह विषाणु चमगादड़ों से पैदा हुआ और फिर कस्तूरी बिलाव या पैंगोलिन जैसे अन्य स्तनधारी प्राणियों में फैला और इसके बाद पिछले साल के अंत में चीनी शहर वुहान के खाद्य बाजार में लोगों तक फैला।
भविष्य में महामारियों को फैलने से रोकने के लिए चीन ने वन्यजीवों के व्यापार पर कार्रवाई की और कुछ पशु बाजार बंद कर दिए।
डब्ल्यूएचओ का अभियान राजनीतिक रूप से संवेदनशील है क्योंकि उसे सबसे अधिक वित्त पोषण देने वाले अमेरिका ने इस महामारी से निपटने में नाकामी और चीन के प्रति पूर्वग्रह का आरोप लगाकर उसकी निधि में कटौती करने की धमकी दी है।
मई में विश्व स्वास्थ्य महासभा में 120 से अधिक देशों ने विषाणु की उत्पत्ति का पता लगाने के लिए जांच की मांग की थी। चीन ने जोर दिया था कि डब्ल्यूएचओ जांच का नेतृत्व करे और इसके लिए महामारी के नियंत्रण में आने तक का इंतजार करे।