जेनेवा,नयी दिल्ली/मॉस्को , 14 अगस्त । विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) कोरोना वायरस (कोविड-19) की वैक्सीन के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए रूस के साथ बातचीत कर रहा है। डब्ल्यूएचओ के एक अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक डॉ. ब्रूस आयलवर्ड ने गुरुवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा कि रूस की वैक्सीन पर निणर्य लेने के लिए डब्ल्यूएचओ के पास पर्याप्त जानकारी नहीं है।
जायडस कैडिला ने भारत में कोविड-19 की दवा रेमडेसिवियर पेश की:
दवा कंपनी जायडस कैडिला ने गुरुवार को कहा कि उसने कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए उपयोगी दवा रेमडेसिवियर को रेमडेक ब्रांड नाम से भारतीय बाजारों में पेश किया है।
कंपनी ने शेयर बाजार को बताया कि रेमडेक की 100 मिलीग्राम की शीशी की कीमत 2,800 रुपये है, जो भारत में उपलब्ध रेमडेसिवियर का सबसे सस्ता ब्रांड है।
जायडस कैडिला ने बताया कि यह दवा उसके वितरण नेटवर्क के जरिए पूरे देश में उपलब्ध होगी। यह दवा सरकारी और निजी अस्पतालों में मिलेगी।
कैडिला हेल्थकेयर के प्रबंध निदेशक डॉ. शरविल पटेल ने कहा, ‘‘रेमडैक सबसे सस्ती दवा है, क्योंकि हम चाहते हैं कि कोविड-19 के इलाज में अधिक से अधिक मरीजों तक यह दवा पहुंच सके।’’
इस दवा के लिए सक्रिय दवा घटक (एपीआई) का विनिर्माण समूह की गुजरात स्थिति इकाई में किया गया है।
जायडस कैडिला कोविड-19 की वैक्सीन बनाने की कोशिश भी कर रही है और जायकोव-डी नाम की यह वैक्सीन क्लिनिकल परीक्षण के दूसरे चरण में है।
दो सप्ताह के भीतर बाजार में आयेगी रूसी वैक्सीन की पहली खेप
उधर रूस के स्वास्थ्य मंत्री मिखाइल मुरास्को ने बुधवार को कहा कि दो सप्ताह के भीतर कोरोना वायरस (कोविड-19) की रूसी वैक्सीन की पहली खेप को बाजार में उतारा जायेगा।
श्री मुरास्को ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, “ दो सप्ताह के भीतर कोविड-19 की रूसी वैक्सीन की पहली खेप को बाजार में उतार दिया जायेगा। लोग इस वैक्सीन को अपनी स्वेच्छा से लगवा सकेंगे। ऐसे करीब 20 प्रतिशत डॉक्टर हैं जिनका मानना है कि कोरोना वायरस के खिलाफ लोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित कर चुके हैं इसलिए उन्हें यह वैक्सीन लगवाने की जरुरत नहीं है। वैक्सीन लगवाना है कि नहीं इसका फैसला उनको करना है।”
ब्रिटेन ने कोरोना वैक्सीन के नौ करोड़ और डोज का किया करार
ब्रिटेन ने कोरोना वायरस (कोविड-19) वैक्सीन के नौ करोड़ और डोज के लिए शुक्रवार को करार किया।
बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार इस वैक्सीन को बेल्जियम की दवा कंपनी जैनसिन और अमेरिका की बॉयोटेक कंपनी नोवावैक्स विकसित कर रही है। इसके साथ ही ब्रिटेन छह प्रायोगिक वैक्सीन के लिए ऑर्डर देने वाला देश बन गया है।
वैश्विक स्वास्थ्य एजेंसी ने रूस के कोविड-19 टीके को लेकर किया सुरक्षा परीक्षण का आग्रह
मियामी, से खबर है कि, रूस द्वारा घोषित कोविड-19 टीके के विनिर्माण और वितरण के लिए क्षेत्र के संस्थानों द्वारा बातचीत किए जाने की खबरों पर ‘पैन अमेरिकन हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन’ ने चिंता जताई है और कहा है कि मानक, सघन सुरक्षा और प्रभाव को लेकर इस टीके के अभी परीक्षण किए जाने चाहिए।
संगठन के उपनिदेशक जरबास बरबोसा ने एक ऑनलाइन संवाददाता सम्मेलन में वाशिंगटन से कहा कि किसी टीके की सुरक्षा और प्रभाव सुनिश्चित करने के लिए उसका बड़े ध्यान से मूल्यांकन किया जाना चाहिए।
ब्राजील में पारना राज्य की सरकार ने कहा कि वह कोविड-19 के टीके के विकास में भागीदारी के लिए रूस के दूतावास से बातचीत कर रही है और बुधवार को रूसी राजदूत के साथ एक तकनीकी बैठक होगी।
निकारगुआ ने पूर्व में कहा था कि वह रूसी टीके के उत्पादन पर विचार कर रहा है। सोमवार को उपराष्ट्रपति रोसारियो मुरिलो, राष्ट्रपति की पत्नी डेनियल ओर्टेगा ने पुन: दोहराया कि उनका देश टीके के उत्पादन और यहां तक कि इसके निर्यात के लिए रूस के संस्थानों के संपर्क में है।
बारबोसा ने कहा कि टीका अभी सभी आवश्यक चरणों से नहीं गुजरा है जिससे कि इसे विश्व स्वास्थ्य संगठन या ‘पैन अमेरिकन हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन’ इसे मान्यता दे सके।
उन्होंने कहा कि वैश्विक स्वास्थ्य अधिकारी रूस के अधिकारियों से इस बारे में बात कर रहे हैं कि वे अपने डेटा और चिकित्सकीय परीक्षणों की समीक्षा करें।
बारबोसा ने कहा, ‘‘उस समीक्षा के बाद, और डेटा तथा सभी संबंधित जानकारी तक पारदर्शी तरीके से पहुंच के बाद ही हम कोई रुख अपनाएंगे।’’
अमेरिका के शीर्ष स्वास्थ अधिकारी ने रूस की वैक्सीन पर संदेह व्यक्त किया
अमेरिका के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एलर्जी एंड इंफेक्शियस डिजीज के निदेशक एंथनी फौसी ने रूस मेें विकसित की गई कोरोना वायरस वैक्सीन की सुरक्षा और इसके प्रभावी होने को लेकर संदेह व्यक्त किया है।
रूस ने मंगलवार को दुनिया की पहली कोरोना वायरस वैक्सीन को पंजीकृत करने की घोषणा की। राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने टीके का समर्थन करते हुए कहा है कि यह सभी आवश्यक परीक्षणों को पूरा चुकी है और यह कोरोना वायरस के खिलाफ मजबूत प्रतिरक्षा विकसित करने में सक्षम है।