भोपाल, 28 जुलाई । मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज कहा कि पहली बार हो रही वर्चुअल कैबिनेट बैठक इस बात का परिचायक है कि चाहे कोई भी परिस्थिति हो, हम राज्य के जनता के कार्य रुकने नहीं देंगे।
श्री चौहान वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से अस्पताल से ही बैठक में शामिल हुए और अपने सहयोगी मंत्रियों को संबोधित किया। श्री चौहान ने अपने स्वास्थ्य की जानकारी दी और कहा कि वे पूरी तरह से स्वस्थ हैं। कल से उन्हें बुखार नहीं आया और खांसी पर भी नियंत्रण है।
श्री चौहान ने कहा कि राज्य एक इतिहास रच रहा है। कैबिनेट के इतिहास में वर्चुअल बैठक पहली बार हो रही है,।यह हमारे संकल्प का परिचायक है कि परिस्थिति चाहे कोई भी हो प्रदेश की जनता का काम हम रुकने नहीं देंगे और अगर अस्पताल से भी जरूरत पड़ी, तो हम काम करेंगे। ईश्वर हमें शक्ति दें, जिससे हम जनता के कार्यों को बेहतर तरीके से संपादित कर सकें।
उन्होंने कहा कि वे पूरी तरह से स्वस्थ हैं। वे लगातार कार्य करने का प्रयास कर रहे हैं। खांसी लगभग समाप्त हो गयी है और बुखार अब नहीं आ रहा है।
अस्पताल के अपने अनुभव साझा करते हुए श्री चौहान ने कहा कि वे अस्पताल में अपनी चाय खुद बना रहे हैं और अपने कपड़े भी खुद धो रहे हैं, क्योंकि कोरोना के कपड़े किसी और से नहीं धुलवाने चाहिए। उन्होंने कहा कि कोरोना स्वाबलंबन की सीख देता है।
श्री चौहान ने कहा कि चूंकि वे अपने कार्य स्वयं कर रहे हैं, इसलिए उन्हें हाथ में भी काफी आराम मिला है।
उन्होंने कहा कि हाथ में पहले फ्रेक्चर हुआ था और उन्हें फिजियोथैरेपी की आवश्यकता रहती थी, लेकिन कपड़े धोने के कारण हाथ में भी काफी आराम है। उन्होंने कहा कि हमें अपने छोटे-मोटे काम स्वयं करते रहना चाहिए।
श्री चौहान ने नागरिकों से अनुरोध करते हुए कहा कि कोरोना से बिल्कुल घबराने को जरूरत नहीं है। समय पर सचेत होकर बीमारी पर नियंत्रण पाया जा सकता है। कोरोना का समय पर पता चल जाए, तो यह लाइलाज़ बीमारी नहीं है। इस संक्रमण से डर तभी है, जब यह फेफड़ों तक पहुंच जाए। यदि किसी को लक्षण दिखें, तो तुरंत चिकित्सकों का परामर्श लेना चाहिए।
श्री चौहान ने वीडियो कांफ्रेंसिंग की मदद से मंत्रियों से चर्चा कर राज्य में कोरोना की स्थिति का जायजा लिया।
श्री चौहान शनिवार से यहां चिरायु अस्पताल में भर्ती हैं। वे उसी दिन कोरोना से संक्रमित पाए गए थे।