नयी दिल्ली, 23जून । भारत और चीन के शीर्ष सैन्य कमांडरों के बीच सोमवार को हुई बैठक के दौरान दोनों देशों की सेनाओं के बीच पूर्वी लद्दाख में टकराव वाले स्थानों से हटने पर सहमति बनी है।
आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि यह बातचीत, ‘‘सौहार्दपूर्ण, सकारात्मक और रचनात्मक माहौल’’ में हुई और यह निर्णय लिया गया कि दोनों पक्ष पूर्वी लद्दाख में टकराव वाले सभी स्थानों से हटने के तौर तरीकों को अमल में लाएंगे।
भारत और चीनी सेना के बीच पिछले हफ्ते गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प के बाद तनाव कम करने के उद्देश्य से सोमवार को 14वीं कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह और तिब्बत सैन्य जिला कमांडर मेजर जनरल ल्यू लिन के बीच करीब 11घंटे तक बातचीत हुई।
सूत्र ने बताया,‘‘ टकराव से पीछे हटने पर आपसी सहमति बनी है। पूर्वी लद्दाख में टकराव वाले सभी स्थानों से हटने के तौर तरीकों पर चर्चा की गई और दोनों पक्ष द्वारा इन्हें अमल में लाया जाएगा।’’
दोनों सेनाओं के बीच पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा के मसले पर सोमवार को हुई कोर कमांडर स्तर की वार्ता में यह सहमति बनी है।
सेना के सूत्रों ने बताया कि पूर्वी लद्दाख में टकराव वाले सभी क्षेत्रों से सेनाओं के पीछे हटने के तौर-तरीकों पर भी चर्चा हुई और दोनों पक्ष उन पर अमल करेंगे।
पूर्वी लद्दाख में गलवान नाले के पास भारतीय सेना और चीनी सेना के बीच गत 15 जून को हुई झड़प के बाद दोनों देशों के बीच कोर कमांडर स्तर की यह पहली बैठक थी।
गलवान की झड़प में भारत के 20 सैनिक शहीद हो गये थे। चीन के भी कई सैनिक हताहत हुए थे, लेकिन उसने उनकी संख्या नहीं बताई है।
सूत्रों ने बताया कि सोमवार पूर्वाह्न 11.30 बजे से रात 10.30 बजे तक चली इस बैठक में तय हुआ है कि दोनों सेनाएँ चरणबद्ध तरीके से पीछे हटेंगी। दोनों सेनाओं को कितना पीछे हटना है यह टकराव वाले हर क्षेत्र के लिए अलग-अलग तय हुआ है।
बैठक में भारत ने गलवान घाटी में 20 भारतीय सैनिकों की शहादत और कई अन्य के घायल होने का मुद्दा भी उठाया। यह तय हुआ है कि दोनों पक्ष मिलकर ऐसे उपाय करेंगे ताकि इस तरह की घटना दुबारा न हो।
दो दिन के दौरे पर लद्दाख पहुँचे सेना प्रमुख
सेना प्रमुख जनरल एम.एम. नरवणे पूर्वी लद्दाख के दो दिन के दौरे के क्रम में आज लेह पहुँचे जहाँ उन्होंने गलवान घाटी में पिछले दिनों घायल जवानों से मुलाकात की।
लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी और भारतीय सेना के बीच हुई झड़प के बाद सेना प्रमुख का यह दूसरा लद्दाख दौरा है। इन दो दिनों में वह वास्तविक नियंत्रण रेखा पर मौजूदा स्थिति का जायजा लेंगे तथा सीमा पर तैनात वरिष्ठ अधिकारियों से बात करेंगे।
दौरे के पहले दिन उन्होंने सेना के अस्पताल जाकर झड़प में घायल सैनिकों से बात की। सूत्रों ने बताया कि गत 15 जून की घटना में घायल सैनिकों के स्वास्थ्य की जानकारी लेने के साथ ही उस रात की घटना के बारे में भी उनसे बात की।
घायल जवानों से मिलने के बाद सेना प्रमुख सीमा पर तैनात वरिष्ठ अधिकारियों से बात करेंगे। वह चीनी सेना के साथ सोमवार को हुई कोर कमांडर स्तर की वार्ता के बारे में भी पूरी जानकारी हासिल करेंगे।
सूत्रों के अनुसार, दोनों सेनाओं के बीच पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा के मसले पर “सौहार्दपूर्ण, सकारात्मक एवं रचनात्मक माहौल” में हुई बातचीत में दोनों पक्ष पीछे हटने पर राजी हो गये हैं। उन्होंने बताया कि पूर्वी लद्दाख में टकराव वाले सभी क्षेत्रों से सेनाओं के पीछे हटने के तौर-तरीकों पर भी चर्चा हुई और दोनों पक्ष उन पर अमल करेंगे।
गलवान घाटी की झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गये थे। चीनी सेना के ज्यादा सैनिकों के हताहत होने की खबर है। चीन ने मारे गये उसके सैनिकों की संख्या जाहिर नहीं की है, लेकिन उसने यह स्वीकार किया है कि उसका एक कमांडिंग ऑफिसर घटना में मारा गया था।
जनरल नरवणे नयी दिल्ली में सेना कमांडरों के दो दिवसीय सम्मेलन में सेना के शीर्ष अधिकारियों के साथ चर्चा के बाद लेह पहुँचे हैं1 सोमवार को शुरू हुये सम्मेलन में भी चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा पर पिछले दिनों हुई घटना तथा किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए सेना की तैयारियों के बार में चर्चा हुई।