नयी दिल्ली, 15 सितम्बर । केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने शराब कारोबारी विजय माल्या को भगाने में जांच एजेंसी के एक संयुक्त निदेशक की संलिप्तता के कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के आरोपों को तथ्यहीन एवं निराधार करार दिया है।
सीबीआई प्रवक्ता ने शनिवार को मीडिया को जारी स्पष्टीकरण में श्री गांधी का नाम लिये बिना कहा कि कुछ लोगों द्वारा जांच एजेंसी के एक वरिष्ठ अधिकारी के खिलाफ आधारहीन आरोप लगाये गये हैं।
प्रवक्ता ने कहा, “जांच एजेंसी की ओर से बार-बार यह स्पष्ट किया गया है कि विजय माल्या के खिलाफ ‘लुकआउट सर्कुलर’ (एलओसी) में बदलाव का फैसला सामूहिक प्रक्रिया का हिस्सा है, न कि उक्त अधिकारी का निर्णय।
उन्होंने कहा, “इससे पहले भी कई बार कहा जा चुका है, एलओसी में बदलाव का फैसला इसलिए किया गया था कि माल्या को हिरासत में लेने और गिरफ्तार करने के पर्याप्त आधार नहीं थे।”
प्रवक्ता के अनुसार, सीबीआई को पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) घोटाले के आरोपी नीरव मोदी एवं मेहुल चोकसी के खिलाफ शिकायत दोनों के विदेश भाग जाने के करीब एक माह बाद मिली थी। इसलिए इन लोगों के विदेश भागने में सीबीआई के किसी अधिकारी की मिलीभगत का सवाल ही पैदा नहीं होता।
उन्होंने कहा है कि बैंक से शिकायत मिलने के तत्काल बाद सीबीआई ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई की थी।
गौरतलब है कि श्री गांधी ने आज ट्वीट करके कहा कि सीबीआई के संयुक्त निदेशक ए के शर्मा ने ‘एलओसी’ को कमजोर करके माल्या को भागने में मदद की थी।
उन्होंने आगे लिखा है, “श्री शर्मा गुजरात कैडर के अधिकारी हैं और सीबीआई में प्रधानमंत्री (नरेन्द्र मोदी) के चहेते हैं। यही अधिकारी नीरव मोदी एवं मेहुल चोकसी के भागने की योजना का भी कर्ताधर्ता था।”
राहुल गांधी ने यह कहा:
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी ने बैंकों का करोड़ों रुपये का कर्ज हड़पने वाले शराब कारोबारी विजय माल्या के देश से फरार होने के मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुये आज आरोप लगाया कि केंद्रीय जाँच ब्यूरो (सीबीआई) में उनके चहेते एक अधिकारी ने माल्या के खिलाफ जारी लुकआउट नोटिस में बदलाव किया जिससे उसे विदेश जाने में मदद मिली।
श्री गाँधी ने यह आरोप भी लगाया कि नीरव मोदी और मेहुल चोकसी के भागने की पूरी योजना में वही अधिकारी लिप्त था। उन्होंने ट्वीट कर कहा “सीबीआई में संयुक्त निदेशक ए.के. शर्मा ने माल्या के लुकआउट नोटिस को कमजोर किया और उसे भागने का मौका दिया।”
उन्होंने लिखा है कि श्री शर्मा गुजरात कैडर के अधिकारी हैं और प्रधानमंत्री के चहेते हैं। यह वही अधिकारी है जो नीरव मोदी और मेहुल चोकसी के भागने की योजना का कर्ताधर्ता था।
माल्या ने हाल ही में लंदन में कहा था कि देश छोड़ने से पहले उसने वित्त मंत्री अरुण जेटली से मुलाकात की थी और बैंकों का कर्ज निपटाने के बारे में कुछ पेशकश की थी। श्री जेटली ने इस पर स्पष्टीकरण देते हुये कहा था कि माल्या ने एक दिन संसद के गलियारे में अचानक उनसे मिलने की कोशिश की थी और बैंकों के कर्ज के बारे में कुछ कहना चाह रहा था। लेकिन, उन्होंने उससे अपना पक्ष बैंकों के समक्ष रखने को कहा था।
इसके बाद कांग्रेस अध्यक्ष ने आरोप लगाया था कि माल्या को भगाने में वित्त मंत्री की मिलीभगत लगती है।attacknews.in