रायपुर, 27 दिसंबर । कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सांसद राहुल गांधी ने एनआरसी (नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीज़न) और एनपीआर (नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर) को हिंदुस्तान की गरीब जनता पर लगाया गया टैक्स बताया है।
गांधी ने आज यहां हवाईअड्डे पर संवाददताओं से बातचीत के दौरान एक सवाल के जवाब में कहा, “चाहे एनआरसी हो या एनपीआर हो, यह हिंदुस्तान के गरीब लोगों पर एक टैक्स है।”
उन्होंने कहा, “(जिस तरह) नोटबंदी हिंदुस्तान के गरीब लोगों पर एक टैक्स था। बैंक में जाइए, पैसा दीजिए, अपने एकाउंट से पैसा नहीं निकालिए और पूरा का पूरा पैसा 15 से 20 लोगों को दे दिया गया। यह (एनआरसी, एनपीआर) भी बिल्कुल वही चीज है।”
उन्होंने आरोप लगाया कि अब गरीबों को कागज बनवाने के नाम पर रिश्वत देनी पडेगी। उन्होंने इसे गरीबों पर हमला करार दिया।
गांधी ने अर्थव्यवस्था और रोगजार की स्थित पर केंद्र सरकार को घेरा।
कांग्रेस के नेता ने कहा, “आज पूरी दुनिया में कहा जा रहा है कि हिंदुस्तान में हिंसा हो रही है। महिलाओं को यहां सड़कों पर नहीं चलने दिया जा रहा है और बेरोजगारी 45 साल में सबसे ज्यादा है… लेकिन प्रधानमंत्री कुछ कर नहीं पा रहे हैं।”
राहुल गांधी आज छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में आयोजित राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव का शुभारंभ करने पहुंचे थे।
इस मौके पर आयोजित एक सभा में गांधी ने कहा, ‘‘सभी धर्मों, जातियों, आदिवासियों, दलितों और पिछड़ों को साथ लिए बिना हिन्दुस्तान की अर्थव्यवस्था नहीं चलाई जा सकती।’’
केन्द्र सरकार को इंगित करते हुए गांधी ने कहा, ‘‘जब तक आप इस देश को जोड़ेंगे नहीं, जब तक देश के लोगों की आवाज विधानसभाओं और लोकसभा में सुनाई नहीं देगी, तब तक नाहीं रोजगार और नाहीं अर्थव्यवस्था के बारे में कुछ किया जा सकेगा। क्योंकि अर्थव्यवस्था को किसान, मजदूर, गरीब, आदिवासी ही चलाते हैं।
भाई को भाई से लड़ाने से कभी नही होगा देश का फायदा- राहुल
पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने नागरिकता संशोधन कानून के साथ ही एनपीआर को लेकर उठे विवादों के बीच मोदी सरकार का नाम लिए बगैर उस पर कड़ा हमला करते हुए कहा कि भाई को भाई से लड़ाने से कभी देश का फायदा नही हो सकता है।
श्री गांधी ने यहां छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा आयोजित तीन दिवसीय राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव का शुभारंभ करते हुए कहा कि बगैर सभी धर्म,जाति,आदिवासी.दलित,पिछड़े को साथ लिए देश को और अर्थव्यवस्था को आगे नही बढ़ाया जा सकता है।
उन्होने कहा कि हर व्यवस्था में गरीब,किसान,मजदूर मिलकर आगे बढ़ाने में योगदान करते है। महज 10-15 औद्योगिक परिवारों को सभी कुछ देकर आप हिन्दुस्तान को आगे नही बढ़ा सकते।
उन्होने संसद एवं विधानसभाओं में सभी की आवाज सुने जाने पर जोर देते हुए कहा कि जो चाहे करो लेकिन वहां एक दो व्यक्ति की नही बल्कि सभी की आवाज सुनो। उन्होने कहा कि देश के हालात आज क्या है,सभी को पता है। किसान परेशान है,बेरोजगारी चरम पर है और अर्थव्यवस्था की स्थिति बहुत ही खराब है।
नागरिकता संशोधन कानून एवं एनपीआर का नाम लिए बगैर उन्होने कहा कि तोड़ने से कुछ नही बनाया जा सकता है।अनेकता से ही एकता बनती है।अलग अलग समाज,जाति धर्म हमारे देश की खूबी है,और इनके साथ आगे बढ़ना है।उन्होने छत्तीसगढ़ सरकार के द्वारा आयोजित आदिवासी नृत्य महोत्सव को विविधता में एकता का प्रयास बताते हुए इससे आदिवासी इतिहास एवं संस्कृति को जानने का मौका मिलेगा।