नयी दिल्ली, 30 अक्टूबर। आईएनएक्स मीडिया मामले में पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदम्बरम को बुधवार को भी राहत नहीं मिली और विशेष अदालत ने उन्हें 14 दिन अर्थात 13 नवंबर तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया ।
विशेष अदालत के न्यायाधीश अजय कुमार कुहार ने हालांकि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी)की पूछताछ के लिए एक दिन की ओर हिरासत का अनुरोध स्वीकार नहीं किया ।
श्री चिदम्बरम इस समय तिहाड़ जेल में बंद है ।
हालांकि अदालत ने श्री चिदम्बरम को तिहाड़ जेल में घर के बने खाने के लिए मंजूरी दे दी । न्यायाधीश कुहार ने तिहाड़ जेल अधिकारियों को कांग्रेस नेता को जेल में दवाईयां,अंग्रेजी स्टाइल के शौचालय , सुरक्षा और अलग प्रकोष्ठ में रखने का भी निर्देश दिया।
आईएनएक्स मीडिया मामले में श्री चिदम्बरम को 21 अगस्त की रात को केंद्रीय जांच ब्यूरो(सीबीआई) ने गिरफ्तार किया था । उन्हें पांच सितंबर को अदालत ने सीबीआई की हिरासत में 14 दिन के लिए तिहाड़ जेल भेजा था । विशेष अदालत ने 15 अक्टूबर को ईडी को जेल में श्री चिदम्बरम से पूछताछ की अनुमति दी और यह भी कहा था कि जरुरत पड़ने पर उन्हें हिरासत में भी लिया जा सकता है।
ईडी की तरफ से आज सुनवाई के दौरान अदालत से आग्रह किया गया कि श्री चिदंबरम से अधिक समय तक पूछताछ नहीं की जा सकी है । इसलिए उनसे कुछ सवालों के उत्तर जानने हैं और उनकी हिरासत की अवधि बढ़ाई जाये।
न्यायाधीश कुहार ने ईडी के हिरासत की अवधि बढ़ाने के अनुरोध को खारिज करते हुए श्री चिदम्बरम को 14 दिन की न्यायिक हिरासत अर्थात 13 नवंबर तक भेज दिया । पहले ईडी को कांग्रेस नेता की 13 दिन की हिरासत मिली थी।
ईडी के वकील तुषार मेहता की श्री चिदम्बरम की हिरासत की अवधि एक दिन और बढ़ाए जाने का कांग्रेस नेता के वकील कपिल सिब्बल ने विरोध किया । श्री सिब्बल ने कहा कि हिरासत की अवधि बढ़ाने के लिए बार.बार एक ही कारण बताया जाता है । उन्होंने न्यायालय से आग्रह किया कि श्री चिदंबरम की चिकित्सा रिपोर्ट पर गौर किया जाये।
सीबीआई के आईएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार मामले में श्री चिदम्बरम को जमानत मिल चुकी है किंतु वह फिलहाल धन शोधन मामले में ईडी की हिरासत में हैं । ईडी ने कांग्रेस नेता के खिलाफ धन शोधन का यह मामला 2017 में दायर किया था ।
पिछले सप्ताह 74 वर्षीय श्री चिदम्बरम की जेल में तबियत खराब होने के बाद उपचार के लिए अखिल भारतीय आयुर्विग्यान संस्थान(एम्स) ले जाया गया था । अदालत के निर्देश के अनुसार कांग्रेस नेता को स्वास्थ्य जांच के लिए केवल एम्स ही ले जाया जा सकता है ।