नयी दिल्ली ,01 नवंबर । दिल्ली उच्च न्यायालय ने आईएनएक्स मीडिया मामले में पूर्व वित्त मंत्री एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम की अंतरिम जमानत याचिका शुक्रवार को खारिज कर दी।
न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत ने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान की ओर से श्री चिदंबरम के स्वास्थ्य के बारे में यह रिपोर्ट दिये जाने के बाद कि उन्हें अस्पताल में भर्ती कराये जाने की जरूरत नहीं है, यह फैसला सुनाया।
दिल्ली की एक विशेष अदालत ने श्री चिदम्बरम को गुरुवार को भी राहत नहीं दी और उन्हें 14 दिन अर्थात 13 नवंबर तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया। न्यायाधीश अजय कुमार कुहार ने हालांकि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी)की पूछताछ के लिए एक दिन की हिरासत बढ़ाने का अनुरोध स्वीकार नहीं किया।
दिल्ली उच्च न्यायालय को शुक्रवार को बताया गया कि आईएनएक्स मीडिया धनशोधन मामले में तिहाड़ जेल में बंद पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम की स्वास्थ्य स्थिति ठीक हैं और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराये जाने की आवश्यकता नहीं है।
सॉलिसिटर जनरल (एसजी) तुषार मेहता ने एम्स मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट पढ़ी और न्यायमूर्ति सुरेश कैत को बताया कि चिकित्सकों ने सुबह कांग्रेस नेता की जांच की थी और उन्हें संक्रमण रहित वातावरण (अस्पताल के) की जरूरत नहीं है। चिदंबरम की स्वास्थ्य स्थिति की जांच के लिए अदालत के आदेश पर एम्स मेडिकल बोर्ड का गठन किया गया है।
चिदंबरम की अंतरिम जमानत याचिका की सुनवाई कर रहे न्यायमूर्ति कैत ने तिहाड़ जेल के अधीक्षक को 74 वर्षीय चिदंबरम को स्वच्छ परिवेश, मिनरल वाटर, घर का बना भोजन और मच्छरदानी उपलब्ध कराने के निर्देश दिये।
अदालत ने कहा कि उन्हें ‘फेस मास्क’ उपलब्ध कराये जाने चाहिए ताकि जरूरत पड़ने पर वह इसे पहन सकें।
इसके अलावा अदालत ने निर्देश दिये कि चिदंबरम के रक्तचाप की नियमित निगरानी रखी जाये। अदालत ने यह भी निर्देश दिये कि चिदंबरम की नियमित स्वास्थ्य जांच की जाये।
चिदंबरम की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि उन्हें किसी और निर्देश की आवश्यकता नहीं है। इसके बाद अदालत ने याचिका का निस्तारण कर दिया।
उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के निदेशक से एक मेडिकल बोर्ड का गठन करके चिदंबरम के स्वास्थ्य पर जानकारी देने के लिए कहा है। चिदंबरम आंतों से जुड़ी बीमारी ‘क्रोहन’ से पीड़ित हैं।
आंतों से जुड़ी क्रोहन बीमारी के लक्षणों में पेट में दर्द, दस्त और वजन घटना शामिल है।
सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि हैदराबाद के गैस्ट्रोएंट्रोलॉजिस्ट नागेश्वर रेड्डी समेत सात सदस्यीय बोर्ड का गठन किया गया और उन्होंने कहा है कि इलाज जारी रखना चाहिए और उन्हें स्वच्छ वातावरण दिया जाना चाहिए।
चिकित्सकों का यह भी कहना है कि उन्हें अस्पताल में भर्ती कराये जाने की जरूरत नहीं है और बाह्य रोगी के रूप में उनका इलाज किया जाना चाहिए।
उच्च न्यायालय ने कहा था कि चिदंबरम के स्वास्थ्य की जानकारी देने वाले मेडिकल बोर्ड में हैदराबाद के गैस्ट्रोएंट्रोलॉजिस्ट नागेश्वर रेड्डी को शामिल किया जाए। रेड्डी चिदंबरम का उपचार कर रहे हैं।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दर्ज आईएनएक्स मीडिया धनशोधन मामले में चिदंबरम ने अदालत से चिकित्सकीय आधार पर अंतरिम जमानत देने का अनुरोध किया है।
चिदंबरम ने कहा है कि उनकी सेहत खराब हो रही है और उन्हें संक्रमण रहित वातावरण में रहने की जरूरत है।
चिदंबरम ने छह दिन के लिए अंतरिम राहत मांगी थी जिससे कि वह हैदराबाद में एशियन इंस्टीट्यूट ऑफ गैस्ट्रोएंट्रोलॉजी (एआईजी) में अपने चिकित्सक रेड्डी से जांच करवा सकें और परामर्श ले सकें।
उन्होंने दावा किया है कि उन्हें 2017 में क्रोहन रोग का पता चला था और इस वर्ष पांच अक्टूबर से उन्हें पेट में लगातार बहुत अधिक दर्द बना हुआ है जिसके लिए तत्काल चिकित्सीय उपचार की आवश्यकता है।
अदालत को बताया गया था कि चिदंबरम का वजन 73 किलोग्राम से घटकर 66 किलोग्राम रह गया है। यह दिखाता है कि हिरासत में उनकी हालत खराब हुई है।
अदालत ने अपने आदेश में एम्स के मेडिकल बोर्ड को निर्देश दिया था कि वह चिदंबरम की सेहत के बारे में अपनी राय दें, खासतौर पर इस बारे में कि उन्हें अस्पताल के संक्रमण रहित माहौल में प्रवेश देने की जरूरत है या नहीं।
अदालत ने एम्स के निदेशक को कहा था कि वह शाम चार बजे तक एक बोर्ड का गठन करें और चिकित्सकों के उस दल में रेड्डी को शामिल करें।
अंतरिम जमानत याचिका के मुताबिक सात अक्टूबर को एम्स में उनकी जांच हुई थी, जिसमें उन्हें एंटीबायोटिक और दर्द निवारक दवाएं दी गई। इसके बाद उनका दर्द कम हुआ।
इसके बाद 22 अक्टूबर को उन्हें फिर समस्या हुई और 23 अक्टूबर को एम्स में उनकी जांच हुई तथा उन्हें नयी दवाइयां दी गईं। लेकिन उसके बाद दर्द में राहत नहीं मिली।
चिदंबरम की 24 अक्टूबर और 26 अक्टूबर को एम्स में फिर से जांच की गई। इसके बाद 28 अक्टूबर को राममनोहर लोहिया अस्पताल में उनकी जांच की गई।
आईएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार मामले में सीबीआई द्वारा 21 अगस्त को चिदंबरम को गिरफ्तार किया गया था। एक निचली अदालत ने आईएनएक्स मीडिया धनशोधन मामले में बुधवार को चिदंबरम को 13 नवम्बर तक तिहाड़ जेल भेज दिया था।
यह मामला 2007 में वित्त मंत्री के रूप में चिदंबरम के कार्यकाल में विदेशी निवेश संवर्द्धन बोर्ड (एफआईपीबी) द्वारा आईएनएक्स मीडिया को 305 करोड़ रुपये का विदेशी निवेश प्राप्त करने की मंजूरी में हुयी कथित अनियमितताओं से संबंधित है।
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने मीडिया कंपनी आईएनएक्स मीडिया के खिलाफ 15 मई 2017 को प्राथमिकी दर्ज की थी। आरोप है कि आईएनएक्स मीडिया समूह को 305 करोड़ रुपये के विदेशी फंड लेने के लिए 2007 में विदेशी निवेश संवर्द्धन बोर्ड की मंजूरी देने में कई तरह की अनियमितताएं बरती गयीं। कंपनी को जब यह मंजूरी दी गई थी, उस समय पी चिदंबरम वित्त मंत्री थे। सीबीआई ने श्री चिदंबरम को नयी दिल्ली स्थित उनके निवास से 21 अगस्त की रात गिरफ्तार किया था।
सीबीआई ने श्री चिदंबरम के खिलाफ 18 अक्टूबर को दिल्ली की एक अदालत में आरोप पत्र दायर किया था। इस आरोप पत्र में श्री चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति चिदंबरम के अलावा पूर्व मीडिया कारोबारी पीटर मुखर्जी और उनकी पूर्व पत्नी इंद्राणी मुखर्जी समेत 13 अन्य लोगों के नाम शामिल हैं।