इंदौर, 11 दिसंबर । कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ‘नागरिकता संशोधन विधेयक’ का विरोध करते हुए आज कहा कि यह भारत की सभ्यता के विपरीत है।
श्री सिंधिया यहां पत्रकारों से चर्चा में लोकसभा में पास हुए इस विधेयक पर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे थे। उन्होंने कहा कि भारत की सभ्यता सदैव सभी धर्मों, वर्गों के लोगों को अपने में समाहित करने की रही है, लेकिन यह विधेयक इसके विपरीत है, जिसके चलते पूर्वोत्तर के राज्यों में इसका विरोध हो रहा है। उन्होंने कहा कि केवल कांग्रेस ही नही अन्य कई राजनीतिक दल भी इसके विरोध में लामबंद हो रहे हैं।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि केंद्र द्वारा राज्यों के हिस्से को दी जाने वाली राजस्व राशि तथा विभिन्न मदों में दी जाने वाली राशि नियमित रूप से राज्यों को नही मिल रही है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश ही नही पंजाब औऱ महाराष्ट्र की राज्य सरकारें लंबे समय से आवाज उठा रही है कि केंद्र उनके प्रति उदासीन रवैया अपना रहा है।
पूर्व केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू करने के पूर्व केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को विश्वास दिलाया था, कि आगामी पांच वर्षों तक राज्यों को दी जाने वाली उनके हिस्से की राशि की सुरक्षित व्यवस्था कर रखी है। लेकिन एक ओर केंद्र ने प्रत्येक तीन माह में दी जाने वाली जीएसटी राजस्व राशि को रोक रखा है, वहीं दूसरी ओर राज्यों को अनेक योजनाओं के तहत मिलने वाली राशि भी लंबे समय से लंबित है।
श्री सिंधिया ने कहा कि मध्यप्रदेश में हुयी अतिवृष्टि और ओलावृष्टि के तहत हुए नुकसान के एवज में भी अब तक केंद्र ने न्यूनतम एक हजार करोड़ रुपये की राशि अदा की है, जबकि केन्द्र में जब कांग्रेस की सरकार थी, तब मध्यप्रदेश को पर्याप्त सहायता मुहैया करायी गयी थी। उन्होंने कहा कि देश आर्थिक मंदी के दौर से गुजर रहा है। इन्हीं सब मुद्दों को लेकर 14 दिसंबर को दिल्ली में एक विशाल रैली निकाली जाएगी।