बिजनौर 15 फरवरी । किसान राजनीति के सहारे उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की नैया को मझधार से निकालने में जुटी पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने सोमवार को सीधे तौर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधते हुये तंज कसा कि उन्होने दुनिया की सैर करने के लिये दो हवाई जहाज खरीदे है,उनकी कीमत इतनी है जिसमें गन्ना किसानों के अब तक के बकाया भुगतान का बंदोबस्त किया जा सकता था।
चांदपुर कस्बे में किसान पंचायत को संबोधित करते हुये श्रीमती वाड्रा ने कहा “ श्री मोदी ऐसे प्रधानमंत्री हैं कि आपका बकाया अब तक पूरा नहीं किया लेकिन अपने लिए, दुनिया में भ्रमण करने के लिए इन्होंने दो हवाई जहाज खरीदे हैं। दो हवाई जहाजों की कीमत 16 हजार करोड़ रूपये है जबकि 15 हजार करोड़ रूपये में देश के एक-एक गन्ना किसानों का बकाया वह वापस कर सकते थे।”
उत्तर प्रदेश की प्रभारी ने कहा कि 20 हजार करोड़ की योजना के तहत नये संसद का सुन्दरीकरण हो रहा है जबकि वह संसद भवन दुनिया में मशहूर है। इंडिया गेट को देखने के लिए दुनिया भर से लोग आते हैं उसके सुंदरीकरण के लिए 20 हजार करोड़ रूपये उपलब्ध है लेकिन इस देश के किसान के बकाए के लिए 15 हजार करोड़ उपलब्ध नहीं है। यही इस सरकार की नियत है। जो भरोसा आपने किया था वह भरोसा टूट चुका है। एक शायर ने कहा था “ जो भगवान का सौदा करता है इंसान की कीमत क्या जाने, जो गन्ने की कीमत दे न सका वह जान की कीमत क्या जाने।।”
उन्होने कहा “ संकटों से घिरे किसानो के लिये सरकार ने तीन नए कानून बना दिए जिसके विरोध में किसान 80 दिनों से दिल्ली के बॉर्डर पर सर्दी में बैठे हुए हैं, अब गर्मी की तैयारी कर रहे हैं। प्रधानमंत्री कहते हैं ये जो कानून बने हैं ये किसान की भलाई के लिए बने है। ठीक है मान भी लेते हैं कि किसान की भलाई के लिए बनाए हैं आपने कानून। लेकिन जब किसान मना कर रहा है जब किसान कह रहा है कि भैया हमें ये कानून नहीं चाहिए तो आप वापस क्यों नहीं ले रहे हैं। क्या आप किसी की भलाई जबर्दस्ती करते हैं।”
कांग्रेस महासचिव ने कहा “ सरकारी मंडी में एक चीज थी जहां आपका न्यूनतम समर्थन मूल्य मिलता था। जैसे-जैसे प्राइवेट मंडिया आगे बढ़ेंगी और सरकार की मंडिया बंद होंगी आपको न्यूनतम समर्थन मूल्य मिलना बंद हो जाएगा। इसके जरिए भी जो बड़े-बड़े खरबपति, उद्योगपति हैं फिर से अपनी मनमर्जी कर पाएंगें। मंडी उनकी है दाम वह तय करेंगे, कितना खरीदना है कब खरीदना है, वह तय करेंगे।”
उन्होने कहा कि तीसरे कानून में यह लिखा है कि कान्ट्रैक्ट यानी ठेके पर किसानी होगी। इसका मतलब है कि बड़ा खरबपति अपनी मनमर्जी से आपकी उपज का दाम तय करेगा और मौका आने पर उसे खरीदने से इंकार भी कर सकता है। ऐसे में किसान न्याय के लिये अदालत का चक्कर लगायेगा।