भोपाल, 04 अप्रैल । लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस के मध्यप्रदेश के प्रत्याशियों की बहुप्रतीक्षित सूची में आज मुख्यमंत्री कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ को श्री कमलनाथ की परंपरागत सीट छिंदवाड़ा से प्रत्याशी बनाया गया है, वहीं कमलनाथ को उप चुनाव के लिए छिंदवाड़ा सीट के लिए विधानसभा प्रत्याशी घोषित किया हैं ।
कांग्रेस की ओर से आज जारी सूची में नकुलनाथ को छिंदवाड़ा की कमान सौंपी गई है। वहीं जबलपुर से राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा, खंडवा से पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव, सीधी से पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह और सागर से प्रभु सिंह ठाकुर को प्रत्याशी बनाया गया है।
कांग्रेस ने देवास से भजन गायक और पद्मश्री पुरस्कार प्राप्त प्रहलाद टिपानिया पर दांव खेला है। दमोह से प्रताप सिंह लोधी, सतना से राजाराम त्रिपाठी, रीवा से सिद्धार्थ तिवारी, मंडला से कमल मरावी, उज्जैन से बाबूलाल मालवीय और खरगोन से डॉ गोविंद मुजाल्दा को अपना अधिकृत प्रत्याशी बनाया है।
कांग्रेस की आज जारी सूची में 12 सीटों पर अपने प्रत्याशी घोषित किए हैं। इसके पहले कांग्रेस ने नौ सीटों पर अपने प्रत्याशी घोषित किए थे।
हालांकि प्रदेश की हाईप्रोफाइल सीट इंदौर, विदिशा, ग्वालियर और गुना-शिवपुरी समेत आठ संसदीय क्षेत्रों पर कांग्रेस ने अब तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं। इन्हीं सब सीटों पर अब तक भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशियों के नाम भी सामने नहीं आए हैं
कमलनाथ छिंदवाड़ा से विधानसभा चुनाव लडेंगे:
कांग्रेस ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ को छिंदवाड़ा विधानसभा क्षेत्र में होने वाले उपचुनाव के लिए प्रत्याशी घोषित किया है।
कांग्रेस के चुनाव प्रभारी मुकुल वासनिक में गुरुवार को बताया कि पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी ने श्री कमलनाथ के नाम को मंजूरी दी है। इस सीट से पिछला विधानसभा चुनाव कांग्रेस के ही दीपक सक्सेना ने जीता था।
गौरतलब है कि छिंदवाड़ा लोकसभा सीट से कांग्रेस के सांसद कमलनाथ ने पिछले वर्ष दिसम्बर में राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी। छिंदवाड़ा लोकसभा सीट के लिए चौथे चरण में 29 अप्रैल को मतदान होना है और उसी दिन इस विधानसभा सीट के लिए उपचुनाव भी होंगे।
मध्यप्रदेश की कई सीटों पर पेंच फंसा
मध्यप्रदेश में पहले चरण की लोकसभा चुनाव की अधिसूचना जारी होने के बाद भी कई सीटें ऐसी हैं, जिन पर दोनों प्रमुख राजनीतिक दल अब तक अपने प्रत्याशी नहीं चुन पाए हैं।
मध्यप्रदेश की इंदौर, विदिशा, गुना-शिवपुरी और ग्वालियर सीटें ऐसी हैं, जहां अब तक दोनों ही दल कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी अब तक अपने प्रत्याशियों पर मुहर नहीं लगा पाए हैं।
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