स्मृति ईरानी की शैक्षणिक योग्यता का झूठ पकड़ाया, कांग्रेस पार्टी चुनाव आयोग पहुँची और स्मृति ईरानी ने खुद को अपमानित, प्रताड़ित होने वाली बताया attacknews.in

नयी दिल्ली, 12 अप्रैल । कांग्रेस ने केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी पर अपने चुनावी हलफनामे में झूठ बोलने का आरोप लगाते हुए शुक्रवार को कहा कि उन्हें नैतिकता के आधार पर मंत्री पद से इस्तीफा देना चाहिए और चुनाव आयोग को उनका नामांकन खारिज करना चाहिए।

दूसरी तरफ, स्मृति ने कांग्रेस पर पलटवार करते हुए कहा कि भले ही उन्हें कितना भी अपमानित और प्रताड़ित किया जाता रहे वह अमेठी के लिये और कांग्रेस के खिलाफ मेहनत से काम करती रहेंगी।

कांग्रेस ने स्मृति ईरानी के चुनावी हलफनामे को लेकर चुनाव आयोग में प्रतिवेदन किया और उनका नामांकन खारिज करने की मांग की।

कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, ‘‘समस्या यह नहीं है कि कोई कितना पढ़ा है, लेकिन जब इस देश की प्रजातांत्रिक प्रणाली को धोखा देकर, झूठ बोलकर जनता की आंख में धूल झोंकने की कोशिश की जाती है तो दिक्कत है।’’

उन्होंने दावा किया, ‘‘ मंत्री ने अलग अलग चुनावी हलफनामे में अलग अलग जानकारी दी है।’’उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि एक मंत्री भी कभी ग्रेजुएट थीं। न देश के प्रधानमंत्री की डिग्री का पता है और न ही उनकी इस मंत्री की डिग्री का पता है।’’

सुरजेवाला ने कहा, ‘‘हमने कहा है कि यह कादाचार है। उनका नामांकन खारिज करना चाहिए।’’

इससे पहले कांग्रेस प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी ने मशहूर सीरियल ‘क्योंकि सास भी कभी बहू थी’ के गीत की तर्ज पर कहा, ‘‘क्वालीफिकेशन के रूप बदलते हैं, नए नए सांचे में ढलते हैं। एक डिग्री आती है, एक डिग्री जाती है, बनते एफेडिएविट नए हैं… क्योंकि मंत्री भी कभी ग्रेजुएट थी।’’

उन्होंने केंद्रीय मंत्री के पिछले कुछ चुनावों के हलफनामों की प्रति जारी करते हुए कटाक्ष किया, ‘‘स्मृति ईरानी जी ने बताया कि किस तरह से ग्रेजुएट से 12वीं पास हो जाते हैं, यह मोदी सरकार में ही मुमकिन है। 2004 के लोकसभा चुनाव के अपने हलफनामे में स्मृति बीए थीं। फिर 2011 राज्यसभा के चुनावी हलफनामे में वह बीकॉम फस्ट ईयर बताती हैं। इसके बाद 2014 के लोकसभा चुनाव में फिर वह बीए पास कर लेती हैं। अब फिर से उनके पास बीकॉम फर्स्ट ईयर की डिग्री हो गई है।’’

प्रियंका ने आरोप लगाया, ‘‘उन्होंने देश को झूठ बोला है, देश को बरगलाया है। यह साबित होता है कि भाजपा के नेता किस तरह से झूठ बोलते हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ हमें दिक्कत नहीं है कि वह ग्रेजुएट नहीं हैं। मुद्दे की बात यह है कि मंत्री साहिबा इतने समय से गलत हलफनामा दे रही थीं।’’

कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, ‘‘अगर उनमें कोई नैतिकता है तो मंत्री पद से इस्तीफा दें और उन्हें चुनाव के लिए अयोग्य ठहराए जाए।’’ कांग्रेस पर पलटवार करते हुए ईरानी ने कहा, “मैं इतना ही कहूंगी कि गत पांच वर्षों में ऐसा कोई आक्रमण नहीं है जो कांग्रेस के कुछ ‘चेले चपाटों’ ने मुझ पर न किया हो। ऐसा कोई अपशब्द नहीं है, ऐसा कोई अपमान नहीं है, महिला होने के नाते ऐसी कोई प्रताड़ना नहीं है जो मेरे साथ कांग्रेस नेताओं ने न की हो। मेरा उनको एकमात्र यही संदेश है कि आप मुझे जितना अपमानित करोगे, जितना मुझे प्रताड़ित करोगे उतना ही जमकर मैं अमेठी में कांग्रेस के खिलाफ काम करूंगी।” गौरतलब है कि स्मृति ईरानी अमेठी से कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ चुनाव लड़ रही हैं।

कांग्रेस ने आज  आम चुनाव में ‘सेना के राजनीतिकरण’, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर वेब सीरीज एवं केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के चुनावी हलफनामे में शैक्षणिक योग्यता को लेकर कथित तौर पर ‘गलत जानकारी’ देने के खिलाफ शुक्रवार को चुनाव आयोग का रुख किया और इन पर कदम उठाने का आग्रह किया।

चुनाव आयोग के समक्ष प्रतिवेदन देने के बाद पार्टी प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘ प्रधानमंत्री और भाजपा अध्यक्ष जिस प्रकार से सेना को सस्ती राजनीति में खींच रहे हैं वो बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। इस तरह से सेना का राजनीतिकरण आजाद भारत के इतिहास में कभी नहीं हुआ। सेना को सस्ती राजनीति में खींचना सिवाय नरेंद्र मोदी और अमित शाह के किसी ने नहीं किया।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हमने चुनाव आयोग से कहा है कि किसी भी पार्टी का नेता अगर प्रतिबंधित बात करता है तो उसे पहली बार में चुनाव प्रचार से एक दिन के लिए उस पर पाबंदी लगा दी जाए। इसके बाद जब भी ऐसा करे उस पर उतने ही दिन का प्रतिबंध लगे।’’

‘इरोज नाउ’ नामक प्लेटफॉर्म पर चल रहे प्रधानमंत्री से जुड़ी वेब सीरीज के बारे में सिंघवी ने कहा, ‘‘ हमने कहा है कि इसमें सिर्फ नरेंद्र मोदी को हीरो की तरह दिखाया गया है। हमने मांग की है कि इसे प्रतिबंधित किया जाए।’’

स्मृति ईरानी के चुनावी हलफनामे का उल्लेख करते हुए कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, ‘‘समस्या यह नहीं है कि कोई कितना पढ़ा है, लेकिन जब (कोई) इस देश की प्रजातांत्रिक प्रणाली को धोखा देकर, झूठ बोलकर जनता की आंख में धूल झोंकने की कोशिश करती हैं तो दिक्कत है।’’

उन्होंने दावा किया, ‘‘ मंत्री ने अलग अलग चुनावी हलफनामे में अलग अलग जानकारी दी है। एक मंत्री भी कभी ग्रेजुएट थी। न देश के प्रधानमंत्री की डिग्री का पता और न ही उनकी इस मंत्री की डिग्री का पता नहीं है।’’

सुरजेवाला ने कहा, ‘‘हमने कहा है कि यह कादाचार है। उनका नामांकन खारिज करना चाहिए।

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