भोपाल 4 अप्रैल। मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान सरकार ने पांच सतों को राज्यमंत्री का दर्जा दिया है.सरकार के इस कदम की पूरे देश में चर्चा हो रही है. राज्यमंत्री का दर्जा पाने वाले संतों में कम्प्यूटर बाबा का नाम भी शामिल है.यह नाम उन्हें पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने दिया है।
दरअसल, कंप्यूटर बाबा नर्मदा में अवैध उत्खनन और नर्मदा परिक्रमा के दौरान पौधारोपण में हुए भ्रष्टाचार को लेकर नर्मदा घोटाला रथ-यात्रा शुरू करने वाले थे. लेकिन बताया जा रहा है कि यात्रा शुरू करने से पहले ही शिवराज सरकार ने बाबा से यात्रा न करने की ‘डील’ कर बाबा को राज्य मंत्री का दर्जा दे दिया.
यह भी बताया जा रहा है कि 31 मार्च को सीएम हॉउस में शिवराज सिंह चौहान और कम्प्यूटर बाबा की मुलाकात हुई थी. इस दौरान शिवराज सिंह चौहान ने बाबा से नर्मदा घोटाला यात्रा नहीं निकालने का अनुरोध किया था.
मुख्यमंत्री ने अपने निवास पर बाबा का सम्मान भी किया था और उनसे आशीर्वाद लिया. जबकि कंप्यूटर बाबा एक अप्रैल 2018 से नर्मदा घोटाला यात्रा शुरू करने की घोषणा कर चुके थे.
इससे पहले कंप्यूटर बाबा एवं पंडित योगेंद्र महंत कुछ संतो के साथ गांव-गांव शहर-शहर में नर्मदा घोटाला यात्रा का निमंत्रण दे चुके थे. इतना ही नहीं कंप्यूटर बाबा ने और उन के साथियों ने आरटीआई से नर्मदा सेवा यात्रा की जानकारी भी निकाली थी.
नर्मदा परिक्रमा के दौरान कंप्यूटर बाबा नर्मदा में अवैध उत्खनन और नर्मदा परिक्रमा के दौरान पौधरोपण में हुए भ्रष्टाचार की जांच की मांग को लेकर नर्मदा घोटाला रथ-यात्रा शुरू करने वाले थे, लेकिन बाबा की यात्रा शुरू करने से पहले ही शिवराज सिंह चौहान सरकार ने बाबा को राज्य मंत्री का दर्जा दे दिया. इसके बाद से ही कंप्यूटर बाबा के सुर बदले नजर आ रहे हैं.attacknews.in