देवास/उज्जैन(हमारे संवाददाता) 29 सितम्बर । देवास जिले के कलेक्टर कार्यालय का राजस्व रिकार्ड संभाग के अन्य जिलों की तुलना में सबसे अधिक सुरक्षित और व्यवस्थित है। जबकि उज्जैन जिले का रिकार्ड व्यवस्थित होना तो दूर की बात, बरसात होने पर बिल्डिंग की छत से पानी टपकता रहता है जिसके कारण कर्मचारी रेकार्ड को बचाने के लिए रिकार्ड को इधर उधर करते रहते हैं।
देवास जिले की रिकार्ड शाखा को व्यवस्थित करने के लिए कलेक्टर देवास की डिमांड पर संभागायुक्त ने 5 लाख रुपए स्वीकृत किए थे। इतनी राशि में रिकार्ड बांधने के कपड़े से लेकर रिकार्ड रखने के लिए रैक खरीदी गई। साथ ही बिल्डिंग मरम्मत भी करा ली गई।
फोटो कापी के लिए रिकार्ड बाहर नहीं जाता
देवास जिले की रिकार्ड शाखा संभाग की ऐसी पहली रिकार्ड शाखा है जिसका रिकार्ड फोटो कापी के लिए बाहर नहीं जाता है। रिकार्ड शाखा में शासकीय फोटो कापी मशीन का उपयोग कर रिकार्ड प्रभारी ने कलेक्टर कार्यालय के अन्य विभाग की खराब फोटो कापी मशीन को दुरुस्त कराया और गोपनीय रिकार्ड को बाहर ले जाने पर रोक लगा दी। जबकि उज्जैन जिले का शासकीय रिकार्ड फोटो कापी के लिए बाहर की दुकानों पर ही आश्रित है। पूर्व में जयसिंह पुरा के एक भू माफिया ने फोटा कापी के दौरान उज्जैन कस्बे के रिकार्ड से छेड़ छाड़ कर अपना नाम और कब्जा दर्ज कर सिविल न्यायालय में प्रकरण दायर कर शासकीय भूमि पर कब्जा कर लिया था जिसके कारण प्रशासन को न्यायालय में लगातार छह वर्षों तक उपनी उर्जा नष्ट करना पड़ी थी।
अस्सी फीसदी मुकदमें इसी रिकार्ड के भरोसे
कचरा मानकर कर शासकीय रिकार्ड की धज्जियां उडाने वाले नौकरशाह यह नहीं समझते कि राजस्व का रिकार्ड कितना महत्वपूर्ण है। 1913 तथा 1927 के बंदोबस्त का रिकार्ड देवास में पंवार तथा उज्जैन में सिंधिया स्टेट के समय अंग्रेज अधिकारियों की देख रेख में तैयार किया गया था।
राजस्व की जिला रिकार्ड शाखा में जमा रिकार्ड के आधार पर ही सिविल न्यायालय में अस्सी फीसदी मुकदमें चल रहे हैं। यह रिकार्ड किसानों के लिए जीवन बूटी का काम करता है।attacknews.in