मुजफ्फरपुर (बिहार), नौ अक्टूबर । ‘मॉब लिंचिंग’ (भीड़ हत्या) की बढ़ती घटनाओं में हस्तक्षेप करने के लिए साल की शुरूआत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखने वाली करीब 50 जानी-मानी हस्तियों के खिलाफ दर्ज राजद्रोह का मामला बंद करने का यहां पुलिस ने बुधवार को आदेश दिया।
मुजफ्फरपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार सिन्हा ने कहा कि मामला बंद करने का उन्होंने आदेश दिया है क्योंकि अब तक की जांच में यह बात सामने आई है कि आरोपियों के खिलाफ लगाए गए आरोप शरारतपूर्ण हैं और उनमें कोई ठोस आधार नहीं है।
गौरतलब है कि स्थानीय अधिवक्ता सुधीर कुमार ओझा की एक याचिका पर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के आदेश पर पिछले हफ्ते सदर पुलिस थाना में एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
49 बुद्धिजीवियों के समर्थन में आये 185 लेखक-कलाकार
इससे पहले कल देश के 185 लेखकों-कलाकारों ने मॉब लिंचिंग को रोकने के लिए देश के 49 बुद्धिजीवियों के खिलाफ राजद्रोह का मुकदमा दर्ज होने की कड़ी निंदा करते हुए कहा है कि वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे गये पत्र में व्यक्त की गयी चिंता का समर्थन करते हैं।
इन 49 बुद्धिजीवियों ने पिछले दिनों श्री मोदी को 23 जुलाई को पत्र लिखकर मॉब लिंचिंग पर गहरी चिंता जतायी थी जिसके बाद यह पत्र लिखे जाने के कारण उनके खिलाफ राजद्राेह का मुकदमा दर्ज किया गया था।
इंडियन कल्चरल फोरम की ओर से 185 लेखकों-कलाकारों ने अपने संयुक्त बयान में सवाल उठाया कि क्या हमारे सांस्कृतिक समुदाय के साथियों द्वारा मॉब लिंचिंग के खिलाफ पत्र लिखना देशद्रोह है, क्या यह एक साजिश नहीं है। इसमें न्यायालय का इस्तेमाल कर देश के जिम्मेदारी नागरिकों की आवाज दबाने की कोशिश की गयी है।
बयान में कहा गया है, “हम सभी एक विवेकवान नागरिक होने के नाते इस घटना की कड़ी निंदा करते हैं और अपने साथियों द्वारा प्रधानमंत्री को लिखे गये हर एक शब्द का समर्थन करते हैं। हम सांस्कृतिक, शैक्षिणक और विधि समुदाय से अपील करते हैं कि वे इस मामले को और आगे बढ़ायें। हमारे जैसे अनेक लोग इस आवाज को उठायें और मॉब लिंचिंग के खिलाफ आवाज बुलंद करें। हमारा संविधान एक संपूर्ण प्रभुत्व संपन्न, समाजवादी, पंथ निरपेक्ष और लोकतांत्रिक गणराज्य है इसलिए मुस्लिमों, दलितों और अल्पसंख्यकाें पर इस तरह के हमले नहीं होने चाहिए।”
बयान पर हस्ताक्षर करने वाले बुद्धिजीवियों में प्रख्यात लेखिका नयनतारा सहगल, नृत्यांगना मलिका साराभाई, नसीरूद्दीन शाह, सुहासिनी अली, अशोक वाजपेयी, चंद्रकांत पाटिल, गिरिधर राठी, गीता हरिहरन, हर्ष मंदर, शशि देशपांडे, इरा भास्कर और मृदुला गर्ग आदि शामिल हैं।