नयी दिल्ली 15 अक्टूबर ।भारत ने जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के बारे में टिप्पणी के लिए चीन की कड़ी आलोचना करते हुए आज अपने रूख को दोहराया और कहा कि चीन को इस मामले में हस्तक्षेप करने या बोलने का कोई अधिकार नहीं है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने आज साप्ताहिक वर्चुअल ब्रीफिंग में कहा , “ इस पर हमारा रूख हमेशा स्पष्ट और दृढ है। जम्मू और कश्मीर तथा लद्दाख केन्द्र शासित प्रदेश भारत के अभिन्न अंग रहे हैं, हैं और रहेंगे। चीन को भारत के आंतरिक मामलों में बोलने का कोई अधिकार नहीं है। हमें आशा है कि वे देश भारत के आंतरिक मामलों में टिप्पणी नहीं करेंगे जो दूसरों से यह अपेक्षा करते हैं।”
प्रवक्ता ने कहा कि भारत ने अरूणाचल प्रदेश के बारे में भी अपनी स्थिति अनेक बार स्पष्ट की है। “ अरूणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न और अविभाज्य अंग है। चीनी पक्ष को उच्चतम स्तर पर यह तथ्य अनेक बारे स्पष्ट शब्दों में बताया जा चुका है। ”
प्रवक्ता से भारत द्वारा हाल ही में सीमावर्ती क्षेत्रों में 44 पुलों का उद्घाटन किये जाने के बाद चीन की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया पूछी गयी थी।
स्वीकार्य हल के लिए बातचीत जारी रखेंगे भारत और चीन: विदेश मंत्रालय
भारत ने कहा है कि पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास से सैनिकों और सैन्य साजो-सामान को पीछे हटाये जाने के संबंध में चीन के साथ बातचीत जारी रहेगी और दोनों पक्ष राजनीतिक नेतृत्व के मार्गदर्शन में परस्पर स्वीकार्य समाधान पर पहुंचने की दिशा में काम करेंगे।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने आज यहां वर्चुअल मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि भारत और चीन के सैन्य कमांडरों के बीच सोमवार को वास्तविक नियंत्रण रेखा पर टकराव के सभी क्षेत्रों से सैनिकों को पीछे हटाने के उपायों पर सातवें दौर की बातचीत हुई।
उन्होंने कहा कि यह बातचीत सकारात्मक और रचनात्मक रही। दोनों पक्षों ने एक दूसरे की स्थिति को अच्छे से समझा है। सैनिकों के पीछे हटाने की प्रक्रिया जटिल है और इसमें दोनों पक्षों द्वारा अपनी सीमा में नियमित चौकियों पर सैनिकों की तैनाती किया जाना शामिल है। ”
भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में पिछले पांच महीने से सैन्य गतिरोध बना हुआ है। भारत चाहता है कि चीन वास्तविक नियंत्रण रेखा पर टकराव के सभी क्षेत्रों से अपने सैनिकों को पीछे हटाये जबकि चीन पेगाेंग झील के दक्षिण में तैनात भारतीय सैनिकों के पीछे हटने की मांग कर रहा है।