नयी दिल्ली, 30 अप्रैल । उच्चतम न्यायालय के एक वकील मनोहर लाल शर्मा ने मंगलवार को दावा किया कि मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई के खिलाफ यौन शोषण की शिकायत कराने के पीछे जाने-माने वकील प्रशांत भूषण हैं।
श्री शर्मा ने आज यह सनसनीखेज दावा किया। उन्होंने कहा है कि मामले में शीर्ष अदालत की पूर्व महिला कर्मचारी द्वारा शिकायत दायर करने के पीछे और कोई नहीं बल्कि श्री भूषण है।
श्री शर्मा का दावा है कि श्री भूषण ने खुद यह बात स्वीकार की है कि उन्होंने आरोप लगाने वाली महिला को शिकायत दायर करने में मदद की।
श्री शर्मा ने इस संबंध में याचिका दायर करके सात लोगों- सर्वश्री शांति भूषण, प्रशांत भूषण और दुष्यंत दवे तथा सुश्री इंदिरा जयसिंह, वृंदा ग्रोवर, नीना गुप्ता और कामिनी जयसवाल के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के आदेश दिये जाने की मांग की है।
याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में कहा कि ‘द वायर’ को दिये साक्षात्कार में खुद श्री भूषण ने माना है कि सुश्री इंदिरा जयसिंह का यह कहना कि उनका आरोप लगाने वाली महिला से सरोकार नहीं है, यह गलत है।
श्री शर्मा ने मामले का विशेष उल्लेख मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष किया, लेकिन न्यायमूर्ति गोगोई ने उनसे किसी अन्य पीठ के समक्ष मामला उठाने को कहा। न्यायमूर्ति गोगोई ने कहा, “किसी अन्य बेंच के समक्ष अपना मामला रखें।”
इसके बाद उन्होंने न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा की अगुवाई वाली पीठ के सामने मामले का विशेष उललेख करना चाहा, लेकिन उसने भी सुनवाई से इन्कार कर दिया।
शिकायतकर्ता महिला न्यायालय की पूर्व जूनियर कोर्ट असिस्टेंट है, जिसने मुख्य न्यायाधीश के खिलाफ यौन उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए शीर्ष अदालत के सभी न्यायाधीशों को एक शपथ-पत्र भेजा था।
शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया था कि न्यायमूर्ति एन.वी. रमन मुख्य न्यायाधीश के करीबी दोस्त हैं और इसलिए मामले की निष्पक्ष सुनवाई नहीं हो सकती। इसके बाद न्यायमूर्ति रमन ने खुद को मामले की जांच करने वाली समिति से अलग कर लिया था।
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