नईदिल्ली/गुवाहाटी/कोलकाता , 14 दिसम्बर ।नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में असम में जारी हिंसा और प्रदर्शन के दो दिन गुजर जाने के बाद आम जनजीवन धीरे-धीरे सामान्य जरुर हो रहे हैं लेकिन इंटरनेट पर पाबंदी के कारण एटीएम और अन्य ऑनलाइन डिजीटल सेवाएं प्रभावित होने से लोग एक तरह से ‘डिजीटल डार्कनेस’ के साये में रह रहे हैं।
असम में नागरिकता (संशोधन) कानून के विरोध में जारी हिंसक वारदातों के कारण बिगड़ी स्थिति में शनिवार को सुधार देखा गया लेकिन अभी भी राज्य के विभिन्न जगहों पर इस कानून के विरोध में प्रदर्शन किये जा रहे हैं।
अनिश्चितकालीन कर्फ्यू के बीच गुवाहाटी और डिब्रूगढ़ में कुछ घंटों के लिए कर्फ्यू में ढील दी गयी है। तीन दिन से जारी हिंसा के बाद गुवाहाटी में जनजीवन धीरे-धीरे सामान्य हो रहा है। कर्फ्यू में 0900 बजे से 1600 बजे तक ढील देने के बाद लोग सुबह जरूरी सामान खरीदने अपने घरों से बाहर निकले।
एटीएम और पेट्रोल पंपों पर लंबी-लंबी कतारें देखने को मिली। कर्फ्यू के बाद आपूर्ति कम होने और मांग बढ़ने के कारण कई वस्तुओं के दामों में तेजी देखी गयी। रास्तों में निजी वाहनों के अलावा सार्वजनिक बसें भी चल रही थी जबकि शिक्षण संस्थान और दफ्तर अभी भी बंद हैं।
डिब्रूगढ़ में पिछले 24 घंटों में हिंसा का एक भी मामला नहीं दर्ज होने के बाद सुबह 0800 बजे से 1400 बजे तक कर्फ्यू में ढील दी गयी। उपायुक्त मानवेन्द्र प्रताप सिंह ने कहा कि सोनितपुर जिले के तेजपुर और धेकियाजुली थाना क्षेत्रों में 0900 से 1700 बजे तक कर्फ्यू में ढील दी गयी है।
उन्होंने कहा कि प्रशासन शांतिपूर्ण प्रदर्शन को नहीं रोकेगा लेकिन सड़क ठप करने और कानून-व्यवस्था खराब करने वालों के साथ सख्ती से निपटा जाएगा। तिनसुखिया और जोरहाट में हालांकि अभी भी कर्फ्यू जारी है जबकि सेना और असम राइफल्स विभिन्न स्थानों पर स्थिति से निपटने के लिए प्रशासन की मदद कर रहा है।
हिंसा के कारण पैसेंजर ट्रेन रद्द होने और लंबी दूरी की बसें सड़कों से गायब रहने के बाद राज्य परिवहन विभाग यात्रियों के लिए प्रबंध कर रहा है। परिवहन विभाग ने गुवाहाटी हवाई अड्डे, रेलवे स्टेशन और बस अड्डे से विशेष बसों की व्यवस्था की है।
गत 11 दिसंबर से ठप इंटरनेट सेवा अभी भी निलंबित है। उल्लेखनीय है कि नागरिकता (संशोधन) कानून के विरोध में राज्य में विभिन्न जगह प्रदर्शन चल रहा है। असम कृषि विश्वविद्यालय के छात्र शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे हैं।
इस बीच, अरुणाचल प्रदेश के पूर्वी सियांग जिला प्रशासन ने लोगों के लिए 24 घंटे की हेल्पलाइन सेवा की शुरुआत की है।
पूर्वी सियांग की डीसी किनी सिंह ने फंसे लोगों से अनुरोध किया कि वे सहायता के लिए विभिन्न नंबर पर संपर्क कर सकते हैं। राजीव रंजन सिंह-9436043100, एडीसी (मुख्यालय) टड्डो बोरांग-9436253603, ईएसी-9436249735, सीओ (टीपीटी) – 7628059313, एसडीपीओ (रुकसिन)-9436653803, ओसी पीएस पसीघाट-9436259610, 7005212248।
संशोधित नागरिकता कानून के विरोध में प्रदर्शन : जामिया में पांच जनवरी तक छुट्टी, परीक्षा रद्द
नागरिकता (संशोधन) कानून, 2019 के खिलाफ छात्रों के प्रदर्शन और विश्वविद्यालय परिसर में तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए शनिवार को जामिया मिल्लिया इस्लामिया ने पांच जनवरी तक छुट्टी की घोषणा कर दी और सभी परीक्षाओं को रद्द कर दिया।
विश्वविद्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘‘सभी परीक्षाएं स्थगित कर दी गई हैं। आने वाले समय में नयी तारीखों की घोषणा की जाएंगी। 16 दिसम्बर से पांच जनवरी तक छुट्टी घोषित की गई है। विश्वविद्यालय छह जनवरी 2020 से खुलेगा।’’
कानून के विरोध में छात्रों ने शुक्रवार को संसद की तरफ मार्च करने का प्रयास किया जिसके बाद पुलिस और छात्रों में संघर्ष हो गया। इससे विश्वविद्यालय एक तरह से युद्ध क्षेत्र में तब्दील हो गया।
इससे पहले दिन में विश्वविद्यालय प्रशासन ने शनिवार को निर्धारित परीक्षा रद्द करने की घोषणा की थी।
छात्रों ने शनिवार को विश्वविद्यालय में बंद का आह्वान किया था और उन्होंने संशोधित नागरिकता कानून तथा शुक्रवार के मार्च के दौरान पुलिस के साथ हिंसक संघर्ष के विरोध में परीक्षाओं का बहिष्कार करने की योजना बनाई थी।
25 वर्षीय छात्र निहाल अशरफ ने कहा, ‘‘परीक्षा सिर पर थी लेकिन इसे रद्द कर दिया गया। अगर देश में कुछ गलत होता है तो जामिया अपनी आवाज उठाएगा। हमने कक्षा और परीक्षाओं का बहिष्कार किया है। हमलोग अपने अधिकारों के लिए बार-बार मार्च निकालते रहेंगे।’’
बीए राजनीति विज्ञान के छात्र वजाहत (22) ने कहा, ‘‘शुक्रवार को जब हम मार्च निकाल रहे थे तब दिल्ली पुलिस ने हम पर बर्बर हमला किया। हमले के दौरान कई छात्र घायल हो गए। उन्होंने छात्रों पर लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े। हमने परीक्षा का बहिष्कार किया है।’’
एक अन्य छात्र पप्पू यादव ने कहा, ‘‘हर व्यक्ति जीना चाहता है। यह इजराइल या सीरिया नहीं है। हमें बांग्लादेश से सीखना चाहिए कि उन्होंने कैसे चरमपंथियों को मार डाला और आर्थिक लोकतंत्र का चयन किया। सरकार मुख्य मुद्दों पर फोकस नहीं कर रही है।
नागरिकता (संशोधन) कानून के विरोध में बंगाल धधका,10 बसें आग के हवाले
नागरिकता (संशोधन) कानून के विरोध में पश्चिम बंगाल के विभिन्न हिस्सों में शनिवार को प्रदर्शनकारियों ने रेल तथा सड़क यातायात में बाधा डाली और आक्रोशित भीड़ ने कम से कम 10 बसों में आग लगा दी।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने हावड़ा जिले में कोना राजमार्ग पर गरफा के समीप सड़क के बीच ट्रक के टायर जलाकर यातायात जाम कर दिया तथा 10 बसों और ट्रकों में आग लगा दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने उन्हें वहां से खदेड़ने के लिए बल का प्रयोग किया। इसी दौरान दोनों पक्षों के बीच झड़प हो गयी और पथराव में पुलिस का एक जवान घायल हो गया। प्रदर्शनकारियों ने निमतिटा स्टेशन में तोड़फोड़ की और उलूबेरिया स्टेशन में टिकट काउंटर को आग के हवाले कर दिया।
ममता ने नागिरकता कानून को लेकर बंगाल में तोड़फोड़ करने वालों को कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ राज्य में विभिन्न स्थानों पर हिंसक प्रदर्शन और तोड़फोड़ करने वालों को शनिवार को कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी।
बनर्जी ने लोगों से शांति बनाये रखने और लोकतांत्रिक तरीके से प्रदर्शन करने की अपील की।
मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा जारी एक बयान में उन्होंने कहा, ‘‘कानून अपने हाथ में मत लीजिए। सड़क और रेल यातायात जाम मत कीजिए। सड़कों पर आम लोगों के लिए परेशानी खड़ी मत कीजिए।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ सरकारी संपत्तियों को नुकसान मत पहुंचाइए। जो लोग परेशानियां खड़ी करने के दोषी पाये जायेंगे, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। ’’
मुख्यमंत्री ने दोहराया कि संशोधित नागरिकता कानून और प्रस्तावित देशव्यापी एनआरसी का राज्य में कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
उन्होंने कहा, ‘‘ यह मेरा अनुरोध है, लोगों के बीच भ्रम मत फैलाइए।’’
संशोधित नागरिकता कानून को लेकर प्रदर्शन पूरे राज्य में फैल गया है। प्रदर्शनकारी हिंसा का सहारा ले रहे हैं और रेलवे स्टेशनों पर तोड़फोड़ कर रहे हैं। वे इस कानून को तत्काल वापस लेने की मांग कर रहे हैं।
इस कानून के खिलाफ पूर्वोत्तर में व्यापक विरोध प्रदर्शन हो रहा है।
नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में बंगाल में प्रदर्शन, यातायात पर व्यापक असर
नागरिकता (संशोधन) कानून के विरोध में पश्चिम बंगाल के विभिन्न हिस्सों में प्रदर्शनकारियों ने रेल और सड़क मार्ग पर जाम कर दिया जिससे यातायात पर व्यापक असर पड़ा।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक मुर्शिदाबाद और उत्तरी 24 परगना जिलों तथा हावड़ा (ग्रामीण) में हिंसा की घटनाओं की रिपोर्टें मिली है। उत्तरी और दक्षिणी बंगाल को जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 34 के साथ अन्य मार्गों पर प्रदर्शनकारियों ने जाम कर दिया। नागरिकता (संशोधन) कानून के विरोध में मुर्शिदाबाद जिले में आंदोलनकारियों ने तीव्र प्रदर्शन किया।