पटना 21 दिसम्बर ।नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिकता पंजी (एनआरसी) के विरोध में बिहार की मुख्य विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के आह्वान पर आज राज्यव्यापी बंद के दौरान महागठबंधन के कार्यकर्ताओं ने जमकर उत्पात मचाया और रेल एवं सड़क यातायात को बाधित करने के साथ मीडियाकर्मियों पर भी हमला किया ।
राजद के बिहार बंद का समर्थन कर रहे महागठबंधन के घटक कांग्रेस, राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा), हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा (हम), विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) और समाजवादी पार्टी (सपा) के अलावा वामदलों के कार्यकर्ता भी सड़क पर उतरे ।
राजद, हम, रालोसपा, वीआईपी और सपा के कार्यकर्ताओं ने उत्साह में आकर कई वाहनों के शीशे तोड़ दिये । सड़कों पर टायर जलाकर यातायात को बाधित कर दिया । आरा में उपद्रवियों और पुलिस के बीच भिड़ंत हुई । पुलिस पर उपद्रवियों ने पथराव किया, जिसके बाद उन्हें नियंत्रित करने के लिए पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा ।
इसी तरह औरंगाबाद में बंद की आड़ में उपद्रवियों ने पुलिस पर पथराव किया । पथराव में एक पुलिसकर्मी के घायल होने की सूचना है । उधर, पुलिस ने इस मामले में छह उपद्रवियों को हिरासत में लिया है। पटना सिटी में भी बंद समर्थक उग्र हो गये । उन्हें काबू में करने के लिए पुलिस को वाटर कैनन का इस्तेमाल करना पड़ा। फुलवारीशरीफ में बंद समर्थक और स्थानीय लोगों में झड़प हो गयी जिसमें 13 लोग घायल हुए हैं । घायलों को इलाज के लिए पास में ही अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में भर्ती कराया गया है ।
पटना में पत्रकारों पर हमला:
राजधानी पटना के डाकबंगला चौराहे पर विरोध प्रदर्शन की खबर और तस्वीर लेने गये पत्रकारों एवं फोटोग्राफरों पर भी बंद समर्थकों ने हमला कर दिया।
हमले में पांच फोटोग्राफर घायल हो गये ।
एक प्रमुख एजेंसी के फोटोग्राफर अमृत जयकिशन ने बताया कि जब वह और उनके साथ अन्य फोटोग्राफर डाकबंगला चौराहे के निकट एक बिल्डिंग के उपर से प्रदर्शन की तस्वीर ले रहे थे तब कुछ लोगों ने उन्हें भद्दी भद्दी गालियां देते हुए नीचे आने को कहा । भीड़ की उत्तेजना को देखते हुए वे और अन्य फोटोग्राफर वहीं एक कमरे में अपने को बंद कर लिया । इसके बाद बंद समर्थक लोग वहां पहुंच गये और कमरे के दरवाजे को तोड़ने की कोशिश करने लगे ।
श्री जयकिशन ने बताया कि फोटोग्राफरों ने इसकी सूचना तुरंत पुलिस और अपने मीडिया के साथियों को दी । इसके बाद पुलिस के साथ जब मीडिया के लोग वहां पहुंचे तब वे अपनी जान बचाकर नीचे आ गये ।
इसी दौरान बंद समर्थकों ने एक प्रमुख अंग्रेजी दैनिक के फोटोग्राफर कृष्ण मोहन शर्मा समेत कई अन्य मीडियाकर्मियों पर रिपीट पर हमला कर दिया जिसमें उन्हें गंभीर चोटें आई है । उन्हें इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया ।
बिहार बंद के दौरान मीडियाकर्मियों पर हमला करने वालों को तुरंत गिरफ्तार करने की मांग
बिहार श्रमजीवी पत्रकार यूनियन (बीडब्लूजेयू) ने आज राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के आह्वान पर बिहार बंद के दौरान मीडियाकर्मियों पर हमले की घटना की कड़ी निंदा करते हुए दोषियों को तुरंत गिरफ्तार करने की मांग की है ।
बीडब्लूजेयू के महासचिव कमलकांत सहाय ने मीडियाकर्मियों पर हमले की निंदा करते हुए इसे मीडिया की आजादी पर प्रहार बताया और कहा कि मीडियाकर्मी बंद की खबर के लिए डाकबंगला चौराहे पर अपनी जिम्मेवारियों को निभा रहे थे और ऐसे में उनपर लक्ष्य करके हमला करना दुर्भाग्यपूर्ण है । उन्होंने राज्य के पुलिस महानिदेशक से दोषियों की तुरंत पहचान कर उन्हें गिरफ्तार करने की मांग की ।
तमिलनाडु में छठे दिन भी सीएए के खिलाफ प्रदर्शन
चेन्नई, से खबर है कि,तमिलनाडु में विभिन्न मुस्लिम संगठनों और राजनीतिक दलों का नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शन शनिवार को छठे दिन भी जारी रहा।
चेन्नई, मदुरै, तंजावुर, नागपट्टिनम समेत कई अन्य स्थानों पर मुस्लिम संगठनों ने विरोध प्रदर्शन किया। चेन्नई में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) कार्यकर्ताओं को उस समय हिरासत में ले लिया गया जब उन्होंने चेन्नई सेंट्रल रेलवे की घेराबंदी का प्रयास किया।
नागरिकता संशोधन कानून विरोधी हिंसा के सिलसिले में अहमदाबाद पुलिस ने 15 और को किया गिरफ्तार:
नागरिकता संशोधन कानून और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर के विरोध में प्रदर्शन के दौरान गुजरात में अहमदाबाद शहर के मुस्लिम बहुल शाह आलम क्षेत्र में हुई हिंसा के सिलसिले में पुलिस ने 15 और लोगों को गिरफ्तार किया है जिसके साथ ही इस मामले में कुल गिरफ्तारियाें की संख्या बढ़ कर 64 हो गयी है।
विशेष पुलिस आयुक्त अजय तोमर ने यूएनआई को बताया कि पकड़े गये 15 लोग हिंसा और पथराव आदि में सीधे तौर पर शामिल थे।
जनता को भड़का रहे हैं राजस्थान के मुख्यमंत्री गहलोत – डाॅ. पूनियां
जयपुर से खबर है कि , राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेशाध्यक्ष डाॅ. सतीश पूनियां ने नागरिकता संशोधन विधेयक के खिलाफ कांग्रेस के प्रदर्शन और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बयान की आलोचना करते हुए कहा कि श्री गहलोत जनता को भ्रमित करके मोदी सरकार के खिलाफ भड़काकर संवैधानिक मर्यादाओं का उल्लंघन कर रहे हैं।
डाॅ. पूनियां ने आज यहां जारी बयान में कहा कि संविधान की शपथ लेकर सरकार चला रहे श्री गहलोत संसद द्वारा पारित कानून को सड़क पर उतर कर चुनौती दे रहे हैं, यह डाॅ. अंबेडकर के बनायें भारत के संविधान का अपमान है। प्रधानमंत्री और गृहमंत्री बार-बार कह चुके हैं कि यह कानून नागरिकता देने का है किसी की भी नागरिकता लेने का नहीं।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2003 में राज्यसभा में तत्कालीन विपक्ष के नेता की हैसियत से डाॅ. मनमोहन सिंह तब की सरकार से इन विस्थापितों को प्राथमिकता के आधार पर नागरिकता देने की वकालत कर चुके हैं। खुद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत यूपीए सरकार के गृहमंत्री पी. चिदम्बरम को राजस्थान में रह रहे हिंदू-सिख शरणार्थियों को नागरिकता देने का पत्र लिख चुके हैं, लेकिन अब वोट बैंक के तुष्टिकरण और गाँधी परिवार को खुश करने के लिए सीएए का विरोध कर रहे हैं।
भाजपा शासित राज्यों में नागरिकता कानून विरोध प्रदर्शन हिंसक: नवाब मलिक
नागपुर, से खबर है कि,राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के वरिष्ठ नेता और प्रवक्ता नवाब मलिक ने शनिवार को कहा कि नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) शासित प्रदेशों में हिंसक हो रहे हैं पुलिस इन राज्यों में स्थिति से निपटने में विफल रही है।
श्री मलिक ने यहां विधान भवन परिसर के बाहर संवाददाताओं से बात करते हुए आज कहा कि यह सच है सीएए और एनआरसी का विरोध देश भर में चल रहा है और भाजपा शासित राज्यों में हिंसा का माहौल है और स्थिति से निपटने के लिए पुलिस इस मोर्चे पर विफल है।
बंद को जनसमर्थन नहीं मिलने से राजद के लोग गुंडागर्दी पर उतरे – जदयू
बिहार में सत्तारूढ़ जनता दल यूनाइटेड (जदयू) ने मुख्य विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के आह्वान पर बिहार बंद को पूरी तरह विफल बताया और कहा कि जब बंद को जनसमर्थन नहीं मिला तब राजद के लोग उसे सफल बनाने के लिए गुंडागर्दी पर उतर आए हैं ।
जदयू के मुख्य प्रवक्ता संजय सिंह ने आज यहां कहा कि राजद के बिहार बंद को जनसमर्थन नहीं मिल रहा है इससे निराश होकर राजद के लोग बंद को सफल बनाने के लिए गुंडागर्दी पर उतर आए हैं । उन्होंने कहा कि बंद समर्थक हाथों में डंडा लेकर कई जगह पर तोड़फोड़ करते नजर आ रहे हैं।
श्री सिंह ने कहा कि राजद कार्यकर्ता ने कई गाड़ियों में तोड़फोड़ की और यहां तक कि रोजी रोटी के लिए घर से निकले गरीबों को भी नहीं बख्शा । बंद के दौरान राजद की संस्कृति साफ नजर आ रही है । उन्होंने कहा कि बिहार की जनता ऐसे लोगों को अच्छी तरह पहचानती है और वह कभी ऐसे लोगों केेे साथ खड़ी नहीं हो सकती है ।
सीएए प्रदर्शन: मेंगलुरु में कर्फ्यू की अवधि बढ़ी
मेंगलुरु से खबर है कि, नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) पर विभिन्न राजनीतिक दलाें और संगठनों के हिंसक धरना- प्रदर्शन को देखते हुए कर्नाटक के मेंगलुरु में एहतियातन लागू कर्फ्यू की अवधि रविवार की मध्यरात्रि तक बढ़ा दी है।
यह कदम कानून-व्यवस्था की स्थिति को बनाए रखने के लिए उठाया गया है। शुक्रवार को कहीं से किसी अप्रिय वारदात की सूचना नहीं है।
कर्फ्यू के कारण शुक्रवार को जन जीवन बुरीतरह प्रभावित रहा। दुकानें एवं अन्य व्यावसायिक प्रतिष्ठानें बंद रहीे जबकि बसों और ट्रेनों में यात्रा करने वाले यात्रियों को अपने गंतव्यों पर पहुंचने में परेशानियों का सामना करना पड़ा।
कर्फ्यू के कारण किसी भी सरकारी या निजी कार्यालयों में काम काज नहीं हो सका। पूरे जिले के शिक्षण संस्थानों में पहले ही अवकाश घोषित की जा चुकी है। दूध, दही, सब्जी, मांस, मछली आदि दैनिक इस्तेमाल की चीजें नहीं मिलने के कारण भी लोग परेशान हैं।
हिंसा से प्रभावित शहर के विभिन्न इलाकों में अब वीरानगी पसरी है। पुलिस इन इलाकों में किसी भी बाहरी व्यक्ति के प्रवेश पर रोक लगायी हुयी है। सड़कों से बसें, टैक्सी एवं ऑटो रिक्शा नदारद हैं जबकि कुछ इलाकों में कुछ निजी वाहन चलते दिखाई दिये।
हालांकि शहर के किसी भी हिस्से से शुक्रवार को किसी अप्रिय वारदात की सूचना नहीं है।
पुलिस ने संवेदनशील इलाकों में एहतियात के तौर अपनी व्यवस्था चाक-चौबंद कर दी है।
मेंगलुरु के पुलिस आयुक्त पी एस हर्ष ने कहा कि एक समुदाय विशेष के अनुरोध पर शुक्रवार को 12 बजे से अपराह्न दो बजे के बीच कर्फ्यू में ढील दी गयी। उन्होंने कहा कि प्रशासन स्थिति की समीक्षा के बाद ही कर्फ्यू में ढील देने के बारे में निर्णय करेगी। उन्होंने शहर की स्थिति के पूरी तरह नियंत्रण में होने का भी दावा किया।
गौरतलब है कि कर्नाटक के मुख्य सचिव रजनीश गोयल ने पुलिस महानिदेशक और पुलिस महानिरीक्षक के अनुरोध पर गुरुवार रात एक अधिसूचना जारी कर मेंगलुरु शहर और दक्षिण कन्नड़ जिले में 48 घंटों के लिए इंटरनेट सेवा स्थगित कर दी।
अधिसूचना के मुताबिक सोशल मीडिया प्लेटफार्म के जरिये अफवाहों और फर्जी संदेशों के प्रचार-प्रसार को रोकने के लिए यह कदम उठाया गया है। गुरुवार को प्रदर्शनकारी कई जगह काफी उग्र हो गये और पुलिसकर्मियों पर हमला कर दिया। उन्हें खदेड़ने के लिए पुलिस को लाठी चार्ज करना पड़ा और गोलीबारी भी करनी पड़ी।
हिंसक प्रदर्शन के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए डाॅ. हर्ष ने कहा कि प्रदर्शनकारियों ने थाने पर हमला किया और पुलिसकर्मियों की हत्या का प्रयास किया। उन्हें रोकने के लिए पुलिस को कार्रवाई करनी पड़ी। उन्हाेंने बताया कि हमले में 20 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हुए हैं जिनमें से कुछ को गंभीर चोटें आयी हैं। हिंसा में घायल दो लोगों की अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गयी। उनकी मौत के वास्तविक कारणों का पता पोस्टमार्टम के बाद ही चल सकेगा।
पुलिस के लाठी चार्ज में पूर्व महापौर अशरफ और एक पत्रकार भी घायल हुआ है। हिंसा के मद्देनजर दक्षिण कन्नड़ जिले के सभी स्कूलों को शुक्रवार से ही बंद रखा गया है।
अहमदाबाद में सोशल मीडिया पर भ्रामक वीडियो पोस्ट करने वाला कांग्रेस नेता गिरफ्तार
गुजरात में अहमदाबाद शहर में कांग्रेस पार्टी के अल्पसंख्यक मोर्चा के सचिव उमर खान पठान को पुलिस ने सोशल मीडिया पर भ्रामक वीडियो संदेश प्रेषित करने के आरोप में आज गिरफ्तार कर लिया।
श्री पठान ने फेसबुक पर लखनऊ में नागरिकता संशोधन कानून विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसक भीड़ पर पुलिस की कार्रवाई का वीडियो पोस्ट कर इसे अहमदाबाद की घटना बताया था। उन्होंने इसे गत 19 दिसंबर को यहां शाह आलम इलाके में ऐसे ही प्रदर्शन के दौरान हिंसा के पहले की पुलिस की उकसावे वाली कार्रवाई करार दिया था। उस घटना में 25 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हो गये थे।