चीन द्वारा विश्व की तबाही का सच सामने आया: कोराेना विषाणु वुहान की प्रयोगशाला में बनाया गया था, इस कार्य में लगे चीनी वैज्ञानिक का खुलासा attacknews.in

नयी दिल्ली, 14 सितंबर । एक चीनी वैज्ञानिक ने कहा है कि विश्व में तबाही मचाने वाला कोरोना विषाणु चीन की वुहान स्थित प्रयोगशाला में बनाया गया था और उनके पास इस बात को साबित करने के सभी प्रमाण हैं।

चीन छोड़कर बाहर रह रही विषाणु विज्ञानी डाॅ ली-मेंग यान इस तरह का खुलासा करने वाली दूसरी वैज्ञानिक है कि कोरोना विषाणु को वुहान की प्रयोगशाला में वैज्ञानिकों ने ही बनाया था। उन्हाेंने कहा कि उनके पास इस बात को साबित करने के प्रमाण हैं कि यह विषाणु मानव निर्मित हैं। उनसे पहले फ्रांस की नोबेल पुरस्कार विजेता वैज्ञानिक ल्यूक मोंटाग्नियर ने भी अप्रैल में दावा किया था कि कोरोना विषाणु को चीनी वैज्ञानिकों ने वुहान की प्रयोगशाला में बनाया था।

चीन की वीरोलॉजिस्ट डॉ. ली मेंग यान का दावा है कि नोवल कोरोना वायरस वुहान में एक सरकार नियंत्रित लैबोरेटरी में बनाया गया था और उसके पास यह साबित करने के लिए पर्याप्त वैज्ञानिक सबूत हैं.।

कोरोना वायरस महामारी से निपटने के लिए चीनी सरकार के खिलाफ व्हिसलब्लोअर बनने वाले वीरोलॉजिस्ट ली मेंग यान को पिछले साल दिसंबर में चीन से निकलने वाले कोरोना-जैसे मामलों का एक समूह बनने का काम सौंपा गया था।

हांगकांग में काम करने वाली इस शीर्ष वैज्ञानिक का दावा है कि उन्होंने अपनी जांच के दौरान एक कवर-अप ऑपरेशन की खोज की और कहा कि चीनी सरकार को सार्वजनिक रूप से स्वीकार करने से पहले ही वायरस के प्रसार के बारे में पता था।

हांगकांग स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ से वायरोलॉजी और इम्यूनोलॉजी में विशेषज्ञता प्राप्त डॉ. ली-मेंग को कथित रूप से सुरक्षा चिंताओं के कारण संयुक्त राज्य भागने के लिए मजबूर किया गया था. 11 सितंबर को, उसने एक गुप्त स्थान से ब्रिटिश टॉक शो ‘लूज़ वीमेन’ पर एक इंटरव्यू दिया और कोरोनो वायरस बीमारी पर अपने शोध के बारे में बात की।

विरोलॉजिस्ट मेंग ने कहा कि भले ही आपके पास जीव विज्ञान का ज्ञान न हो या आप इसे नहीं पढ़ते हैं, लेकिन फिर भी आप इसके आकार से इस वायरस की उत्पत्ति की पहचान कर लेंगे. उन्होंने चीन सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि धमकी के बाद मैं हांगकांग छोड़कर अमेरिका चली गई लेकिन मेरी सारी निजी जानकारी सरकारी डेटाबेस से मिटा दी गई और मेरे साथियों से मेरे बारे में अफवाह फैलाने के लिए कहा गया।

उन्होंने कहा कि सरकार मुझे झूठा साबित करने के लिए तरह -तरह के हथकंडे अपना रही है और हत्या करवाने की कोशिश कर रही है।

उन्होंने कहा कि मैं अपने लक्ष्य से पीछे हटने वाली नहीं हूं. लि-मेंग का कहना है कि वह कोरोना वायरस का अध्ययन करने वाली पहले कुछ वैज्ञानिकों में से एक थीं. दिसंबर 2019 के अंत में उनका दावा था कि उन्हें विश्वविद्यालय में उनके पर्यवेक्षक द्वारा एसएआरएस जैसे मामलों के एक विषम समूह को देखने के लिए कहा गया था जो कि चीन में उत्पन्न हुआ है।

लि-मेंग यान ने कहा है कि उनके पास कोरोना वायरस को मानव निर्मित साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत हैं जिसे वह जल्द पेश करेंगी।

यान ने चीन सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि इस वायरस को लेकर चीन बहुत कुछ छुपा रहा है और मैं दावे के साथ कह सकती हूं कि यह चीन द्वारा मानव निर्मित वायरस है. मेरे पास इसके सबूत हैं और मैं ये साबित कर दूंगी।

वायरस विज्ञानी लि-मेंग यान ने कहा कि कोरोना वायरस वुहान के मीट मार्केट से नहीं आया, क्योंकि यह मीट मार्केट एक स्मोक स्क्रीन है, जबकि यह वायरस प्रकृति की देन नहीं है. उन्होंने इस वायरस के मीट मार्केट से न आने वाले सवाल के जवाब में कहा कि यह खतरनाक वायरस वुहान के लैब से आया है और यह मानव निर्मित है।