छिंदवाड़ा, 27 अप्रैल । कांग्रेस के गढ़ माने जाने वाले मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा संसदीय क्षेत्र में इस बार पार्टी प्रत्याशी के तौर पर भले ही राजनैतिक सफर की शुरूआत करने वाले युवा नेता श्री नकुलनाथ सामने हैं, लेकिन वरिष्ठ कांग्रेस नेता एवं राज्य के मुख्यमंत्री कमलनाथ का चार दशकों से जारी वर्चस्व आज भी कायम दिखायी देता है।
छिंदवाड़ा संसदीय क्षेत्र में इस बार सांसद के तौर पर चार दशकों तक प्रतिनिधित्व कर चुके श्री कमलनाथ ने अपनी राजनैतिक विरासत एक तरह से अपने पुत्र नकुलनाथ को सौंपकर पार्टी प्रत्याशी बनाया है। श्री नकुलनाथ समेत कुल चौदह प्रत्याशी संसदीय चुनाव लड़ रहे हैं और सभी की किस्मत सोमवार को इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) में कैद हो जाएगी। छिंदवाड़ा में भाजपा ने आदिवासी नेता श्री नथन शाह को मैदान में उतारा है, लेकिन चुनाव प्रचार अभियान में कांग्रेस और नाथ परिवार ही हावी होता दिखायी दिया। शेष प्रत्याशियों का यहां कोई वजूद नजर नहीं आ रहा है।
छिंदवाड़ा संसदीय क्षेत्र के अलावा छिंदवाड़ा विधानसभा उपचुनाव भी हो रहा है, जिसके लिए मतदान सोमवार को ही होगा। विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर मुख्यमंत्री कमलनाथ समेत कुल नौ प्रत्याशी मैदान में हैं। भाजपा ने श्री विवेक बंटी साहू को उम्मीदवार बनाया, लेकिन मामला आज चुनाव प्रचार अभियान की समय सीमा समाप्त होने तक एकतरफा ही कांग्रेस के पक्ष में नजर आ रहा है।
नवंबर-दिसंबर 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने श्री कमलनाथ के नेतृत्व में विजय हासिल कर भाजपा को सत्ता से बेदखल कर दिया था। इसके बाद 17 दिसंबर को श्री कमलनाथ ने मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली थी। श्री कमलनाथ को विधानसभा का सदस्य बनाने के लिए छिंदवाड़ा विधानसभा क्षेत्र से निर्वाचित कांग्रेस नेता दीपक सक्सेना ने त्यागपत्र दे दिया था। इस वजह से यहां विधानसभा उपचुनाव हो रहा है और कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर श्री कमलनाथ पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं।
शुरू से ही केंद्र की राजनीति में सक्रिय रहे श्री कमलनाथ ने 1979 में छिंदवाड़ा संसदीय क्षेत्र से पहला चुनाव लड़कर विजय हासिल की थी और इसके बाद से छिंदवाड़ा उनका ‘घर’ ही हो गया। लगातार चुनाव जीतने की श्रंखला में वे 2014 को लोकसभा चुनाव भी जीते थे। वे लोकसभा के प्रोटेम स्पीकर भी रहने के साथ केंद्र सरकार और कांग्रेस संगठन में अनेक महत्वपूर्ण दायित्व संभाल चुके हैं।
छिंदवाड़ा संसदीय क्षेत्र और छिंदवाड़ा विधानसभा उपचुनाव के लिए कांग्रेस की ओर से चुनाव प्रचार अभियान की मुख्य कमान श्री कमलनाथ और उनकी टीम के हाथों में ही रही। श्री नकुलनाथ संसदीय क्षेत्र में लगातार प्रचार करते रहे, वहीं श्री कमलनाथ छिंदवाड़ा में सक्रिय रहने के अलावा महाकौशल अंचल की अन्य संसदीय क्षेत्रों में भी चुनावी सभाएं करते रहे, जहां 29 अप्रैल को लोकसभा चुनाव के लिए मतदान है।
भाजपा की ओर से मुख्य रूप से पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ही कुछ सभाएं ली हैं। वहीं कांग्रेस की ओर से फिल्म अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा और पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू ने प्रचार किया। प्रचार के दौरान नजारा देखने पर साफतौर पर जो तस्वीर नजर आयी, वह कांग्रेस के पक्ष में ही जाती है।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता जफर ने कहा कि चार दशकों में श्री कमलनाथ ने इस पूरे क्षेत्र का अभूतपूर्व विकास किया है और इसलिए ही आज छिंदवाड़ा का विकास मॉडल चर्चा में है।
श्री जफर का कहना है कि श्री कमलनाथ इस अंचल के प्रत्येक व्यक्ति से जुड़े हुए हैं। उनके सुख दुख में शामिल रहे और यथासंभव उनकी समस्याओं का समाधान करने का पूरा प्रयास किया। इस अंचल में स्वास्थ्य, पेयजल, बेहतर सड़कों, रोजगार के लिए अनेक उद्योगों और संस्थानों की स्थापना के अलावा विकास के अन्य कार्य किए गए। इसलिए इस क्षेत्र की जनता श्री कमलनाथ और उनके परिवार के प्रति स्नेह का भाव रखती है। इसलिए इन दोनों चुनावों में भी कांग्रेस की ऐतिहासिक विजय होगी।
प्रचार अभियान के दौरान इस अंचल में श्री कमलनाथ, श्री नकुलनाथ और अन्य कांग्रेस नेताओं ने राज्य की चार माह पुरानी कांग्रेस सरकार की उपलब्धियां गिनाने के साथ ही चार दशकों का कांग्रेस और क्षेत्रीय जनता के बीच का भावनात्मक संबंध मुख्य रूप से उठाया। इस दौरान केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार और राज्य की पंद्रह वर्ष की भाजपा शासन की कथित असफलताओं का जिक्र भी खूब किया गया।
भाजपा नेताओं ने अपने प्रचार अभियान में कांग्रेस की चार माह की सरकार की नाकामियों के साथ ही कथित वादाखिलाफी का मुद्दा जोरशोर से उठाने का प्रयास किया। इस दौरान राष्ट्रवाद और सुरक्षित भारत जैसे मुद्दे भी भाजपा नेताओं ने उठाने के प्रयास किए। हालाकि कांग्रेस के प्रचार अभियान के आगे यह सब फीके ही साबित दिखायी दिए।
कांग्रेस के कुशल चुनाव प्रबंधन के चलते पार्टी का चुनाव अभियान भीषण गर्मी से भी अप्रभावित नजर आया। श्री कमलनाथ ने स्वयं अधिकांश समय छिंदवाड़ा में बिताकर चुनाव प्रचार अभियान पर पैनी नजर रखी।
छिंदवाड़ा ऐसा स्थान भी बन गया है, जहां देश मेें संभवत: पहली बार एकसाथ पिता और पुत्र क्रमश: विधानसभा और लाेकसभा का चुनाव पहली दफा लड़ रहे हैं। इन दोनों सीटों पर 29 अप्रैल को मतदान होने के बाद परिणाम 23 मई को आएंगे। यहां मतदान के लिए 1943 मतदान केंद्र बनाए गए हैं।
attacknews.in