छिंदवाड़ा (मध्यप्रदेश), 10 सितंबर । छिंदवाड़ा जिले के पांढुर्ना में जाम नदी पर दो गांवों पांढुर्ना और सांवरगांव के बीच पत्थरों से खेले गये गोटमार मेले में आज एक व्यक्ति की मौत हो गई और 300 लोग घायल हो गये। घायलों में से 15 की हालत गंभीर बनी हुई है।
करीब 300 वर्षों से इन दो गांवों के बीच यह गोटमार का खेल खेला जा रहा है और इसमें भाग लेने वाले दोनों गांवों के लोग एक दूसरे पर पत्थर फेंकते हैं।
छिंदवाड़ा जिले के कलेक्टर वेदप्रकाश शर्मा और पुलिस अधीक्षक अतुल सिंह ने संयुक्त रूप से बताया, ‘‘इस गोटमार मेले में आज एक व्यक्ति की मौत हो गई है और 300 लोग घायल हुए है जिनमें से 15 की हालत गंभीर है।’’
उन्होंने कहा कि मृतक की पहचान 28 वर्षीय शंकर भलावी के रूप में की गई है। गोटमार के दौरान फेंके गये पत्थर से उसके पेट में अंदरूनी चोट लग गई थी, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई।
हालांकि, गैर आधिकारिक रूप से घायलों की संख्या 450 बताई जा रही है।
इस गोटमार मेले में सात साल बाद किसी व्यक्ति की मौत हुई है। वर्ष 2011 में भी एक व्यक्ति की मौत हुई थी।
दोनों अधिकारियों ने बताया कि दोनों गाँवों के लोगों के बीच समझौता कराकर शान्तिपूर्ण तरीके से आज शाम मेले का समापन हो गया है।
इस मेले को देखने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं। यह गोटमार खेल सुबह से शाम तक खेला जाता है।
विश्व प्रसिद्ध गोटमार मेले की परंपरा निभाने के पीछे किंवदन्तियां और कहानियां जुड़ी हैं। किंवदन्ती के अनुसार पांढुर्ना के युवक और सावरगांव की युवती के बीच प्रेम संबंध था। एक दिन प्रेमी युवक ने सांवरगांव पहुंचकर युवती को भगाकर पांढुर्ना लाना चाहा। जैसे ही दोनों जाम नदी के बीच पहुंचे तो सांवरगांव के लोगों को खबर लग गई। प्रेमी युगल को रोकने के लिए पत्थर बरसाए, जिससे प्रेमी युगल की मौत हो गई। इस किंवदन्ती को गोटमार मेला आयोजन से जोड़ा जाता है।attacknews.in