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चीन ने कोरोना वायरस पर जारी किया श्वेतपत्र और खुद को निर्दोष ठहराकर इसके मानव से मानव में फैलने की जानकारी 19 जनवरी को पता लगने की बात कही attacknews.in

बीजिंग, सात जून। कोरोना वायरस के प्रसार की खबर देर से देने के वैश्विक आरोपों से घिरे चीन ने रविवार को खुद को निर्दोष बताया और कहा कि विषाणु संक्रमण का पहला मामला वुहान में 27 दिसंबर को सामने आया था, जबकि विषाणुजनित निमोनिया और मानव से मानव में संक्रमण फैलने के बारे में 19 जनवरी को पता चला जिसके बाद इस पर अंकुश लगाने के लिए इसने त्वरित कार्रवाई शुरू कर दी।

चीन सरकार द्वारा जारी एक श्वेतपत्र में वुहान में पिछले साल कोरोना वायरस के मामले आने पर जानकारी छिपाने तथा इस बारे में देर से खबर देने के आरोपों को खारिज करते हुए एक लंबी व्याख्या दी गई है।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप तथा कई अन्य देशों के नेता चीन पर आरोप लगाते रहे हैं कि उसने घातक बीमारी के बारे में पारदर्शिता के साथ जानकारी नहीं दी जिससे विश्वभर में व्यापक जनहानि और आर्थिक संकट उत्पन्न हो रहा है।

जॉन हॉप्किंस कोरोना वायरस रिसोर्स सेंटर के अनुसार, इस घातक विषाणु से विश्व में 68 लाख लोग प्रभावित हुए हैं और लगभग चार लाख लोगों की मौत हुई है। अमेरिका में इस विषाणु ने सर्वाधिक कहर बरपाया है जहां संक्रमण के 19 लाख से अधिक मामले सामने आए हैं और एक लाख नौ हजार से अधिक लोगों की मौत हुई है।

वहीं, चीन में इस विषाणु संक्रमण के मामलों की आधिकारिक संख्या 84,177 है।

श्वेतपत्र के अनुसार वुहान में 27 दिसंबर 2019 को एक अस्पताल द्वारा कोरोना वायरस की पहचान किए जाने के बाद स्थानीय सरकार ने स्थिति को देखने के लिए विशेषज्ञों की मदद ली।

इसने कहा, ‘‘निष्कर्ष यह था कि ये विषाणुजनित निमोनिया के मामले थे।’’

श्वेतपत्र में कहा गया कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग (एनएचसी) द्वारा गठित एक उच्चस्तरीय विशेषज्ञ टीम ने 19 जनवरी को पहली बार पुष्टि की कि विषाणु मानव से मानव में फैल सकता है।

चीन के अग्रणी श्वसन रोग विशेषज्ञ वांग गुआंगफा ने कहा कि 19 जनवरी से पहले इस बारे में पर्याप्त सबूत नहीं थे कि विषाणु मानव से मानव में फैल सकता है।

श्वेतपत्र में बीजिंग ने कहा है कि जब कोरोना वायरस के मानव से मानव में फैलने का पता चला तो इसकी रोकथाम के लिए त्वरित कार्रवाई शुरू कर दी गई।

डब्ल्यूएचओ भ्रष्टाचार व चीन पर भरोसा खत्म करे तो फिर से शामिल करने पर हो सकता है विचार : अमेरिका

वही वाशिंगटन से , एक जून की रिपोर्ट है कि,व्हाइट हाउस ने कहा है कि अगर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) भ्रष्टाचार तथा चीन पर भरोसा समाप्त करे तो अमेरिका वैश्विक निकाय में फिर से शामिल होने के बारे में विचार करेगा।

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने शुक्रवार को डब्ल्यूएचओ के साथ अमेरिका के संबंधों को समाप्त कर दिया था। उन्होंने निकाय पर आरोप लगाया था कि उसने दुनिया भर में 3,70,000 से अधिक लोगों की जान लेने वाले कोरोना वायरस के बारे में दुनिया को गलत जानकारी दी तथा व चीन से मिला हुआ है।

अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार रॉबर्ट ओ ब्रायन ने रविवार को एबीसी न्यूज से कहा, ‘‘डब्ल्यूएचओ में सुधार की जरूरत है। राष्ट्रपति ने जो कहा है, अगर डब्ल्यूएचओ सुधार करता है और भ्रष्टाचार को समाप्त करता है तथा चीन पर निर्भरता को खत्म करता है, तो अमेरिका बहुत गंभीरता से वापस आने के बारे में विचार करेगा। ”

अमेरिका ने कहा है कि वह डब्ल्यूएचओ को जो करीब 40 करोड़ अमेरिकी डॉलर देता है, वह राशि अन्य अंतरराष्ट्रीय सार्वजनिक स्वास्थ्य निकायों को दी जाएगी।

उन्होंने कहा कि इस बीच हम वो 40 करोड़ डॉलर लेने जा रहे हैं जो अमेरिका खर्च करता है जबकि चीन डब्ल्यूएचओ पर चार करोड़ डॉलर खर्च करता है। हम यह सुनिश्चित करने जा रहे हैं कि यह राशि अग्रिम पंक्ति में काम करने वाले स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को मिले।

उन्होंने कहा कि डब्ल्यूएचओ अफ्रीका में एड्स और एचआईवी पीड़ितों का जीवन नहीं बचा रहा है। यह काम अमेरिका और हमारे उदार करदाता कर रहे हैं। हम इसे डब्ल्यूएचओ के माध्यम से नहीं कर रहे हैं। हम इसे अमेरिका के रूप में कर रहे हैं।

ब्रायन ने कहा कि हम उसी पैसे को वापस लेने जा रहे हैं और यह सुनिश्चित करेंगे कि यह डॉक्टरों, रेड क्रॉस और दुनिया भर के अस्पतालों को मिले, जिन्हें इसकी आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि यह राशि एक भ्रष्ट अंतरराष्ट्रीय संगठन के माध्यम से नहीं जाएगी जिस पर चीन की कम्युनिस्ट पार्टी का नियंत्रण है।

ब्रायन ने रविवार को ही सीएनएन चैनल पर प्रसारित एक अन्य टॉक शो में कहा कि चीन से निपटने के लिए अमेरिका के पास कई उपाय हैं।

चीन बनायेगा अपना कोराेना वैक्सीन

विश्व भर में महामारी बन चुके कोरोना वायरस (कोविड 19) को निर्मूल करने के लिए चीन अपना वैक्सीन बनायेगा और सफल अनुसंधान और परीक्षणों के गुजरने के बाद ही इसके लिए वह तैयार है।

विज्ञान और तकनीकी मंत्री वांग झिग्यांग ने रविवार को यहां प्रेस कांफ्रेंस में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि वैक्सीन निर्माण और इसके परीक्षण के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग को मजबूत किया जाना चाहिए।

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