नयी दिल्ली, आठ सितंबर । भारतीय सेना ने पूर्वी लद्दाख में सैन्य उकसावे के चीन की जनमुक्ति सेना (पीएलए) के आरोपों को मंगलवार को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि उसने कभी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पार नहीं की या गोलीबारी समेत किसी आक्रामक तरीके का इस्तेमाल नहीं किया।भारत ने चीन पर आरोप लगाया कि वह वास्तविक नियंत्रण रेखा पर उसके सैनिकों की भड़काऊ गतिविधियो को छिपाने के लिए गुमराह करने वाले बयान दे रहा है और भारतीय सैनिकों ने कभी भी वास्तविक नियंत्रण रेखा का अतिक्रमण की कोशिश नहीं की है।
पीएलए ने सोमवार देर रात को आरोप लगाया था कि भारतीय सैनिकों ने एलएसी पार की और पूर्वी लद्दाख में पेगोंग झील के पास चेतावनी देने के लिए “खराब तरीके से गोलियां चलाईं।”
एक बयान में, भारतीय सेना ने कहा कि यह पीएलए है जो समझौतों का खुलेआम उल्लंघन कर रही है और आक्रामक युक्तियां अपना रही है जबकि सैन्य, कूटनीतिक एवं राजनीतिक स्तर पर बातचीत जारी है।
सेना ने कहा, “सात सितंबर के ताजा मामले में, पीएलए के सैनिकों ने एलएसी के पास हमारे एक अग्रिम ठिकाने तक आने की कोशिश की और जब हमारे सैनिकों ने उन्हें रोका तो उन्होंने भारतीय सैनिकों को डराने के प्रयास में हवा में कुछ राउंड गोलियां चलाईं।”
उसने कहा कि गंभीर उकसावे के बावजूद, भारतीय सैनिकों ने अत्यंत संयम बरता और परिपक्व एवं जिम्मेदार तरीके से व्यवहार किया।
सेना ने कहा, ‘‘भारतीय सेना ने कभी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पार नहीं की या गोलीबारी समेत किसी आक्रामक तरीके का इस्तेमाल नहीं किया।’’
सेना ने पीएलए के ‘वेस्टर्न थियेटर कमांड’ के बयान को उनके अपने लोगों और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को गुमराह करने की कोशिश करार दी।
सेना ने कहा, “भारतीय सेना शांति एवं सौहार्द्र बरकरार रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं बहरहाल, वह राष्ट्रीय संप्रभुता एवं अखंडता की हर कीमत पर सुरक्षा के लिए भी दृढ़ संकल्पित हैं।”
पीएलए के वेस्टर्न थियेटर कमांड के प्रवक्ता, वरिष्ठ कर्नल झांग शुइली ने एक बयान में आरोप लगाया कि भारतीय सैनिकों ने अवैध रूप से एलएसी पार की और बात करने के इच्छुक चीनी सीमा पर गश्त रहे सैनिकों पर खराब ढंग से चेतावनी देने के लहजे में गोलियां चलाईं।
उन्होंने इस बारे में विस्तार से कोई जानकारी दिए बिना कहा कि चीनी सैनिकों को स्थिति को स्थिर करने के लिए मजबूरन जवाबी कदम उठाने पड़े।
उन्होंने आरोप लगाया कि भारतीय सैनिकों ने पेगोंग झील के दक्षिणी किनारे के पार शेनपाओ पर्वतीय क्षेत्र में चीन-भारत सीमा के पश्चिमी भाग पर एलएसी पार की।
रक्षा मंत्रालय ने आज एक बयान जारी कर चीन के इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया कि उसके सैनिक वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भड़काने वाली गतिविधियां कर रहे हैं। भारत ने स्पष्ट किया है कि चीनी सैनिक वास्तविक नियंत्रण रेखा पर यथास्थिति बदलने की कोशिश कर रहे हैं जिसे भारतीय सैनिकों ने बार बार विफल किया है।
बयान में कहा गया है कि भारत वास्तविक नियंत्रण रेखा पर तनाव कम करने और स्थिति सामान्य बनाने के लिए प्रतिबद्ध है लेकिन चीन निरंतर उकसाने वाली गतिविधियों में लिप्त है। बयान में जोर देकर कहा गया है कि भारतीय सेना ने कभी भी एलएसी का अतिक्रमण करने की कोशिश नहीं की और न ही कभी फायरिंग सहित कोई उकसाने वाली कार्रवाई की है।
मंत्रालय ने कहा है कि चीनी सैनिक समझौतों का खुलेआम उल्लंघन करते हुए उकसाने वाली कार्रवाई कर रहे हैं और सैन्य, राजनयिक और राजनीतिक स्तर पर हो रही बातचीत को धत्ता बता रहे हैं।
भारत ने कहा है कि सात सितम्बर के घटनाक्रम में चीनी सैनिकों ने एलएसी पर बनी हमारी एक अग्रिम चौकी की ओर बढने की कोशिश की जिस पर भारतीय सैनिकों ने उन्हें आगाह किया तो चीनी सैनिकों ने डराने के लिए कुछ राउंड फायरिंग की हालाकि गंभीर स्थिति के बावजूद भारतीय सैनिकों ने संयम और परिपक्व तथा जिम्मेदारीपूर्ण रूख अपनाया।
मंत्रालय ने कहा है कि सेना सीमा पर शांति तथा स्थिरता बनाये रखने के लिए प्रतिबद्ध है लेकिन वह राष्ट्रीय एकता और संप्रभुता के लिए किसी कीमत पर समझौता नहीं करेगी। चीन गलत बयान देकर लोगों को गुमराह करने की काेशिश कर रहा है। चीन ने भारतीय सैनिकों पर फायरिंग करने और एलएसी का अतिक्रमण करने की कोशिश का आरोप लगाया है।