लखनऊ 02 अक्टूबर । हाथरस में हैवानियत की घटना के चलते विपक्षी दलों के निशाने पर आये उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भरोसा दिलाया कि महिला सुरक्षा के प्रति उनकी सरकार कटिबद्ध है और उनके स्वाभिमान को क्षति पहुंचाने वालों को ऐसी सजा मिलेगी जो भविष्य में अपराधियों के लिये उदाहरण प्रस्तुत करेगा।
श्री योगी ने शुक्रवार को ट्वीट किया “ उत्तर प्रदेश में माताओं-बहनों के सम्मान-स्वाभिमान को क्षति पहुंचाने का विचार मात्र रखने वालों का समूल नाश सुनिश्चित है। इन्हें ऐसा दंड मिलेगा जो भविष्य में उदाहरण प्रस्तुत करेगा।”
हाथरस के एसपी समेत पांच पुलिसकर्मी निलंबित
इधर उत्तर प्रदेश सरकार ने हाथरस में हैवानियत की शिकार पीड़िता के मामले में शुक्रवार रात पुलिस अधीक्षक समेत पांच पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया।
अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने बताया कि विशेष जांच दल (एसआईटी) की रिपोर्ट के आधार पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जिले के पुलिस अधीक्षक विक्रांत वीर को मामले में लापरवाही बरतने और शिथिल पर्यवेक्षण के लिये निलंबित कर दिया।
उन्होने बताया कि इसके अलावा तत्कालीन पुलिस क्षेत्राधिकारी श्री राम शब्द, चंदपा थाने के तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक दिनेश कुमार वर्मा, वरिष्ठ उप निरीक्षक जगवीर सिंह और हेड मोहर्रिर महेश पाल को निलंबित कर दिया ।
श्री अवस्थी ने बताया कि सभी निलंबित पुलिसकर्मियों का पालीग्राफ टेस्ट और नार्को टेस्ट कराया जायेगा। निलंबित पुलिस अधीक्षक के स्थान पर शामली के एसपी विनीत जायसवाल को हाथरस भेजा गया है।
उत्तर प्रदेश पुलिस निलंबित दो अंतिम लखनऊ
गौरतलब है कि हाथरस में हैवानियत की शिकार एक 19 वर्षीय लड़की की पिछले मंगलवार को दिल्ली के एक अस्पताल में मृत्यु हो गयी थी। इस मामले में पुलिस ने चार युवकों को गिरफ्तार किया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मामले की जांच एसआईटी को सौंपी है जिसने प्रथम दृष्टया घटना को लेकर पुलिस के लापरवाह रवैये की पुष्टि की है जिसके आधार पर मुख्यमंत्री के निर्देश पर पुलिसकर्मियों के निलंबन की कार्रवाई की गयी है।
इससे पहले मामले में हाथरस के जिलाधिकारी के भी निलंबन की सूचना आ रही थी हालांकि अधिकृत सूत्रों ने इससे इंकार किया है। पीड़िता के परिजनो ने जिला प्रशासन और पुलिस पर र्दुव्यवहार और मारपीट का आरोप लगाया है जिसे जिलाधिकारी ने सिरे से नकार दिया है।