भोपाल, 30 मई । मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि हम कोविड के महासंकट में अनाथ हुए बच्चों को यह अहसास नहीं होनें देगें कि उनके माँ-बाप नहीं हैं। कोरोना की विपदा के कारण अनाथ हुए बच्चों की पढ़ाई- लिखाई, भोजन और आर्थिक सुरक्षा का ध्यान रखा जाएगा।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने आज मुख्यमंत्री कोविड-19 बाल सेवा योजना के पात्र हितग्राही बच्चों को निवास से वर्चुअली पेंशन राशि का वितरण करते हुए कहा कि बच्चे मेहनत करें और अपने माता-पिता के सपनों को साकार करें। राज्य सरकार हर कदम पर आपके साथ है।
इस योजना के शुभारंभ के अवसर पर उन्होंने 130 परिवारों के 173 बच्चों के खातों में प्रति बच्चा प्रतिमाह 5 हजार रूपये के मान से सिंगल क्लिक से राशि अंतरित की।
उन्होंने योजना के हितग्राही बच्चों और बच्चों के संरक्षकों से वर्चुअली संवाद भी किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि बच्चा नवीं से 12 वीं में निजी स्कूल में पढ़ता है, तो साल में एक मुश्त दस हजार रूपये की सहायता दी जायेगी। शासकीय अनुदान प्राप्त कॉलेज में पढ़ने वाले बच्चों की व्यवस्था भी की जाएगी। जो बच्चे जेइई मेन्स परीक्षा या इसी प्रकार की अन्य परीक्षा के द्वारा निजी इंजीनियरिंग कॉलेज में प्रवेश पाते हैं, उन्हें 1.50 लाख रूपये तक का शुल्क शासन द्वारा प्रदान किया जायेगा।
श्री चौहान ने कहा कि इसी तरह नीट परीक्षा से प्रवेश पर शासकीय और निजी मेडिकल कॉलेजों का पूरा शुल्क राज्य शासन द्वारा वहन किया जायेगा। कामन लॉ एडमीशन टेस्ट के द्वारा या राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित परीक्षा में या दिल्ली विश्वविद्यालय में 12वीं कक्षा के बाद होने वाले एडमीशन में कॉलेजों का समस्त शुल्क राज्य सरकार देगी। पढ़ाई के लिए लेपटॉप या टेबलेट की आवश्यकता होगी, तो उसकी व्यवस्था भी की जाएगी। बेटियों की शादी के समय सहायता के संबंध में भी राज्य सरकार विचार करेगी। इसके साथ ही प्रभावित बच्चों को राज्य सरकार की अन्य योजनाओं का लाभ भी दिया जायेगा।