Home / State / शिवराज सिंह चौहान के निर्देश;गाँवों में माइक्रो कन्टेनमेंट जोन बनाकर सख्ती से रोकें कोरोना ; प्रदेश में 19,796 बेड्स के साथ 299 कोविड केयर सेंटर्स,2208 ऑक्सीजन बेड्स स्थापित;मुख्यमंत्री कोविड उपचार योजना की जानकारी के साथ क्रियान्वयन के लिये कलेक्टर्स को निर्देश जारी attacknews.in

शिवराज सिंह चौहान के निर्देश;गाँवों में माइक्रो कन्टेनमेंट जोन बनाकर सख्ती से रोकें कोरोना ; प्रदेश में 19,796 बेड्स के साथ 299 कोविड केयर सेंटर्स,2208 ऑक्सीजन बेड्स स्थापित;मुख्यमंत्री कोविड उपचार योजना की जानकारी के साथ क्रियान्वयन के लिये कलेक्टर्स को निर्देश जारी attacknews.in

भोपाल 7 मई ।मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि जिन गाँवों में कोरोना संक्रमण है, वहाँ माइक्रो कंटेंटमेंट जोन बनाकर कोरोना संक्रमण को सख्ती से रोका जाए। गाँव-गाँव समितियाँ बनाई जायें तथा घर-घर सर्वे कर प्रत्येक मरीज की पहचान कर तुरंत उपचार किया जाये।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में मुख्यमंत्री कोविड उपचार योजना का तत्काल क्रियान्वयन प्रारंभ किया जाये एवं इसका लाभ पहले से भर्ती मरीजों को भी दिया जाये। इस योजना के क्रियान्वयन की समीक्षा प्रतिदिन की जायेगी।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि नकली दवा बेचने वालों, कालाबाजारी करने वालों के विरुद्ध निरंतर कार्रवाई हो। इनके विरुद्ध आवश्यक वस्तु अधिनियम, राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के अंतर्गत कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाये। ये मानवता के दुश्मन हैं। अधिक शुल्क वसूलने वाले अस्पतालों के विरुद्ध भी कड़ी कार्रवाई की जाये, साथ ही अधिक वसूल की गई राशि वापस दिलाई जाये।

मुख्यमंत्री श्री चौहान आज निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश में कोरोना की स्थिति एवं व्यवस्थाओं की समीक्षा कर रहे थे। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में सभी जिलों से प्रभारी मंत्री, कोरोना के प्रभारी अधिकारी, कलेक्टर्स, पुलिस अधीक्षक आदि उपस्थित थे।

21 के विरुद्ध रासुका में कार्यवाही

प्रदेश में रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करने पर 20 व्यक्तियों के विरुद्ध तथा ऑक्सीजन की कालाबाजारी करने पर एक व्यक्ति के विरुद्ध राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के अंतर्गत कार्यवाही की गई है। इसी प्रकार अधिक शुल्क वसूलने पर 61 स्वास्थ्य संस्थाओं/व्यक्तियों के विरुद्ध कार्रवाई की गई है। इनसे 7 लाख 34 हज़ार रुपये की राशि मरीजों के परिजनों को वापस दिलाई गई है। इनमें से दो संस्थाओं का लाइसेंस निरस्त किया गया है तथा 22 व्यक्तियों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज की गई है।

तीसरी लहर के लिए विशेषज्ञों की समिति बनायें

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में कोरोना की तीसरी लहर की तैयारी के लिए एक विशेषज्ञों की समिति बनाई जाये, जो यह अध्ययन करेगी कि प्रदेश में इसकी क्या संभावना है तथा इसके लिए क्या-क्या तैयारियाँ एवं व्यवस्थाएँ की जानी चाहिये।

निज़ी उद्द्यमियों को ऑक्सीजन प्लांट लगाने के लिए प्रेरित करें

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में स्वास्थ्य अधोसंरचना को अधिक से अधिक मजबूत बनाया जाये। मध्यप्रदेश में रेमडेसिविर उत्पादन के भी प्रयास किए जायें। हर अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट लग जायें, ऐसे प्रयास करें। निज़ी उद्यमियों को ऑक्सीजन प्लांट लगाने के लिए प्रेरित करें, इसके लिए सरकार अनुदान दे रही है।

किल कोरोना अभियान के माध्यम से संक्रमण की चेन तोड़ दें

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कोरोना संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए गाँव-गाँव, शहर-शहर में किल कोरोना अभियान चलाया जा रहा है। इसके अंतर्गत गाँवों में घर-घर सर्वे कर मरीजों की पहचान कर उनका इलाज किया जा रहा है। इसी प्रकार शहरी क्षेत्रों में जोन और क्षेत्रवार कोरोना सहायता केंद्र बनाये जाकर स्वास्थ्य जाँच, मेडिकल किट वितरण आदि की व्यवस्था की जा रही है।

11,708 नए प्रकरण

प्रदेश में कोरोना के नए 11 हजार 708 प्रकरण आए हैं। एक्टिव प्रकरणों की संख्या 95 हजार 423 है। पिछले 24 घंटे में 4815 मरीज स्वस्थ हुए हैं। साप्ताहिक पॉजिटिविटी रेट 19.4 प्रतिशत है एवं 12 हजार 270 औसत प्रकरण प्रतिदिन आ रहे हैं।

14 ज़िलों में 200 से अधिक प्रकरण

प्रदेश के 14 जिलों में 200 से अधिक नए प्रकरण आये हैं। इंदौर में 1753, भोपाल में 1576, ग्वालियर में 910, जबलपुर में 795, रतलाम में 380, उज्जैन में 370, रीवा में 309, शिवपुरी में 298, सतना में 242, नरसिंहपुर में 239, धार में 231, सागर में 231, सीहोर में 206 एवं सिंगरौली में 204 नये प्रकरण आये हैं।

सी.सी.सी. पर ध्यान दें

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने निर्देश दिए कि सभी जिलों में कोविड केयर सेंटर्स पर ध्यान दिया जाये एवं जिन मरीजों के घर पर होम आइसोलेशन की व्यवस्था नहीं है अथवा स्थान कम है, उन्हें कोविड केयर सेंटर्स में शिफ्ट किया जाए।

ये टाइफाइड नहीं कोरोना है

राजगढ़ जिले की समीक्षा के दौरान बताया गया कि वहाँ कुछ लोग कोरोना को टाइफाइड मानकर उसका इलाज कर रहे हैं एवं इसके लिए झाड़-फूँक भी करवा रहे हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने इसे गंभीरता से लेते हुए निर्देश दिये कि कोरोना के इलाज में किसी प्रकार की भ्रांति नहीं होनी चाहिये। थोड़ी भी लापरवाही जानलेवा सिद्ध हो सकती है। लक्षण दिखने पर पहले दिन से ही उसका इलाज कराया जाए, अँधविश्वास में बिल्कुल न रहें।

अस्पताल की व्यवस्थाएँ चुस्त-दुरुस्त करें

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने सीधी जिले की समीक्षा के दौरान ज़िला अस्पताल की व्यवस्थाओं को चुस्त-दुरुस्त किये जाने के निर्देश दिए। विदिशा जिले के 272 गाँव, राजगढ़ जिले के 189 गाँव एवं सीधी जिले के 245 गाँव में कोरोना संक्रमण होने से वहाँ माइक्रो कंटेंटमेंट जोन बनाकर कोरोना संक्रमण सख्ती से रोकने के निर्देश दिए गये। सिंगरौली जिले की साप्ताहिक पॉजिटिविटी दर 30.5% पाये जाने पर विशेष ध्यान दिये जाने के निर्देश दिये गये।

प्रदेश में 19,796 बेड्स के साथ संचालित हो रहे है 299 कोविड केयर सेंटर्स,2208 ऑक्सीजन बेड्स स्थापित

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मंद लक्षणों वाले कोरोना मरीजों के लिये प्रदेश के 52 जिलों में 299 कोविड केयर सेंटर्स प्रारंभ किये जा चुके हैं। इन सेंटर्स पर मंद लक्षणों वाले रोगियों को रखा जा कर नि:शुल्क उपचार किया जा रहा है। कोविड केयर सेंटर्स में वर्तमान में कुल 19 हजार 796 बेड्स हैं। इनमें से 2208 ऑक्सीजन बेड्स स्थापित किये गए हैं। सेंटर्स में बेड्स की संख्या लगातार बढ़ाई जा रही हैं।

गुणात्मक सुधार के लिये फीडबैक

जिलों में स्थापित कोविड केयर सेंटर्स में गुणात्मक सुधार एवं मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएँ देने के लिये फीडबैक (सर्वेक्षण) भी लिया जा रहा हैं। इसमें बेड की उपयोगिता, चिकित्सा, दवायें एवं भोजन सुविधा इत्यादि व्यवस्थाओं का आंकलन भी हो रहा है। जिलों के कोविड केयर सेन्टर के फीडबैक के अनुसार चिकित्सा सुविधा प्रदान करने में हरदा, इन्दौर, कटनी, आगर-मालवा में बेहतर पाया गया और भोजन सुविधा प्रदाय करने में होशंगाबाद, इन्दौर, राजगढ़, सिवनी और डिन्डौरी में बेहतर पाया गया। जिले के प्रभारी मंत्री, प्रभारी अधिकारी के साथ जिला प्रशासन के अधिकारियों द्वारा नियमित रूप से कोविड केयर सेंटर्स का निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया जा रहा है। कोरोना वॉलेंटियर्स भी कोविड केयर सेंटर्स पर सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं।

ग्रामीण क्षेत्रों में 22,404 संस्थागत क्वारेंटाईन सेंटर्स

प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना संक्रमण को रोकने के लिये चौतरफा प्रयास जारी हैं। कोरोना वॉलेंटियर्स के साथ महिला स्व-सहायता समूह की महिलाओं द्वारा जन-जागरूकता बढ़ाई जा रही है। ग्रामीण विकास विभाग द्वारा ग्राम पंचायतों के सहयोग से अब तक 22 हजार 404 संस्थागत क्वारेंटाईन सेंटर्स ग्रामीण क्षेत्रों में बनाये जा चुके हैं। इन सेंटर्स पर 2 लाख 69 हजार 309 से अधिक बेड्स स्थापित किये गए हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में किल कोरोना अभियान के तहत जागरूकता के लिये विभिन्न गतिविधियों के संचालन के साथ आवश्यक दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है।

मेडिकल किट और हेल्थ ब्रोशर

शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में स्थापित सभी कोविड केयर सेंटर्स और संस्थागत क्वारेंटाईन सेंटर्स में रहने वाले शत-प्रतिशत मरीजों को मेडिकल किट और हेल्थ ब्रोशर प्रदान किये जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री कोविड उपचार योजना:आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के लिये नि:शुल्क कोविड उपचार

प्रत्येक परिवार के सभी सदस्यों का बनेगा आयुष्मान कार्ड

मुख्यमंत्री कोविड उपचार योजना की जानकारी के साथ क्रियान्वयन के लिये कलेक्टर्स को निर्देश जारी

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रदेश के समस्त आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को निःशुल्क कोविड उपचार उपलब्ध कराने के लिए राज्य सरकार संकल्पबद्ध है। इसी क्रम में मुख्यमंत्री कोविड उपचार योजना लागू की गई है। इस योजना में आयुष्मान कार्डधारी परिवारों का नि:शुल्क कोविड उपचार करने के लिए महत्वपूर्ण निर्णय भी लिये गये है

सचिव, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण श्री आकाश त्रिपाठी ने योजना की जानकारी एवं क्रियान्वयन के लिये समस्त कलेक्टर्स और मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों को पत्र जारी किया है। उन्होंने बताया कि आयुष्मान पैकेज की दरों में 40 प्रतिशत की वृद्धि कर उनको वर्तमान में उपचार के लिये प्रायवेट अस्पतालों की दरों के समकक्ष लाया गया है। इसमें विशेष जाँचों जैसे सीटी स्केन, एमआरआई आदि की अधिकतम सीमा जो पूर्व में 5 हजार रूपये प्रति परिवार प्रतिवर्ष थी, इसे संशोधित कर वर्ष 2021-22 में कोविड-19 के उपचार हेतु भर्ती कार्डधारियों के लिए 5 हजार रुपये प्रति कार्डधारी कर दिया गया है।

वर्तमान में प्रदेश के कोविड उपचार हेतु चिन्हित अस्पतालों की संख्या 579 के विरुद्ध मेडिसिन विशेषज्ञता वाले 288 अस्पताल ही आयुष्मान योजना के इम्पेनल्ड है। अतः जिला स्वास्थ्य समिति को जिला स्तर पर कोविड-19 के इलाज के लिए सार्थक पोर्टल पर पंजीकृत निजी अस्पताल को आयुष्मान भारत योजना में तीन माह के लिए अस्थायी सबद्धता प्रदान करने के लिए अधिकृत किया गया है।

मेडिसिन विशेषज्ञता रखने वाले अस्पतालों को तीन माह की अस्थाई संबद्धता

श्री त्रिपाठी ने बताया कि उक्त निर्णय से आर्थिक रूप से कमजोर आयुष्मान कार्डधारी परिवारों का निःशुल्क कोविड उपचार कराया जा सकेगा, जो राज्य शासन की सर्वोच्च प्राथमिकता भी है। अतः यह सुनिश्चित करें कि जिले के समस्त ऐसे निजी अस्पताल जो मेडिसिन विशेषज्ञता रखते हुए कोविड उपचार कर रहे हैं और सार्थक पोर्टल पर पंजीबद्ध हैं। उनकी आयुष्मान योजना के अन्तर्गत तीन माह के लिए अस्थायी संबद्धता शीघ्र दी जाये ताकि उन सभी अस्पताल में आयुष्मान योजना के नवीन पैकेज के अन्तर्गत आयुष्मान कार्डधारियों का नि:शुल्क कोविड उपचार सुनिश्चित किया जा सके। बहुत छोटे अस्पतालों को यह संबद्धता न दी जाये।

पात्र परिवार के प्रत्येक सदस्य का बने आयुष्मान कार्ड

राज्य शासन प्रतिबद्धता है कि आयुष्मान भारत योजना में पात्र परिवार के प्रत्येक सदस्य को कार्ड उपलब्ध कराया जाये। यह कार्य एक अभियान के रूप में चलाया जाये। कोविड-19 के नि:शुल्क उपचार के लिये विशेष अभियान चलाकर सुनिश्चित करें कि आयुष्मान पात्र परिवारों के प्रत्येक सदस्य को पृथक कार्ड मिल सके और उनका निःशुल्क कोविड उपचार किया जा सके। कोई भी आयुष्मान कार्ड की पात्रता रखने वाले परिवार के पास यदि आयुष्मान कार्ड नहीं है और उसे कोविड होने के कारण उपचार की आवश्यकता है, तो भी इनका निःशुल्क इलाज सुनिश्चित किया जाना है।

कार्ड नहीं बना, फिर भी हो सकेगा उपचार

यदि आयुष्मान कार्डधारक के परिवार का कोई सदस्य जिसका आयुष्मान कार्ड नहीं बना है और वह कोविड पॉजीटिव होकर उपचार के लिये अस्पताल में पहुँचता है तो वह तीन तरह से अस्पताल में प्रवेश पा सकेगा:-

1.परिवार के किसी सदस्य का आयुष्मान कार्ड एवं खाद्यान्न की पर्ची, जिसके माध्यम से यह पता चलता है कि वह आयुष्मान कार्डधारक के परिवार का सदस्य है।

2.आयुष्मान कार्डधारी परिवार के एक सदस्य का आयुष्मान कार्ड एवं उसके साथ समग्र आई.डी का प्रस्तुतीकरण, जिसके माध्यम से यह पता चलता हो कि वह आयुष्मान कार्डधारक परिवार का सदस्य है।

  1. परिवार के एक सदस्य का आयुष्मान कार्ड एवं साथ में किसी भी शासकीय विभाग के राजपत्रित अधिकारी का इस बावत प्रमाणीकरण कि वह आयुष्मान कार्डधारक के परिवार का सदस्य है। शासकीय अधिकारी इस हेतु समग्र पोर्टल के माध्यम से सत्यापित कर सकते हैं कि वह आयुष्मान कार्डधारी के समग्र आई.डी. परिवार का सदस्य है।

शासकीय चिकित्सालयों में होगी कार्ड बनाने की स्थाई व्यवस्था

स्वास्थ्य सचिव श्री त्रिपाठी ने बताया कि कोविड उपचार के लिये भर्ती होने के पश्चात तीन दिवस के भीतर मरीज के परिवारजन को मरीज का आयुष्मान कार्ड बनवाकर अस्पताल में प्रस्तुत करना होगा। उसे यह कार्ड बनाने के लिए एक सुगमता पूर्वक व्यवस्था जिला कलेक्टर एवं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी सुनिश्चित करेंगे और इस हेतु शासकीय चिकित्सालयों में आयुष्मान कार्ड बनाने की स्थायी व्यवस्था सुनिश्चित करेंगे।

कार्डधारियों के एडमिशन एवं उपचार के लिये नोडल अधिकारी

योजना में आयुष्मान संबंद्ध कोविड अस्पतालों में आयुष्मान कार्डधारियों का एडमिशन एवं उपचार बिना किसी बाधा के सुगमतापूर्वक हो सके यह सुनिश्चित किया जाएगा। इसके लिये जिले में अपर कलेक्टर से अनिम्न स्तर के अधिकारी को नोडल अधिकारी और कोविड उपचार हेतु अधिकृत प्रत्येक आयुष्मान संबंद्ध अस्पताल के लिये शासकीय अधिकारी को प्रभारी अधिकारी बनाया जायेगा। आयुष्मान योजना के कार्डधारियों के कोविड उपचार के लिए चिन्हित आयुष्मान अस्पतालों में सुगमता पूर्वक प्रवेश एवं उपचार हेतु यह नोडल अधिकारी एवं प्रभारी अधिकारी निरंतर कार्य करेंगे तथा फोन पर उपलब्ध रहेंगे। कोई भी आयुष्मान कार्डधारी प्रवेश में सहायता हेतु अथवा किसी प्रकार की दिक्कत आने पर नोडल या प्रभारी अधिकारी से सम्पर्क कर सकता है। इस हेतु डी.सी.सी.सी. के दूरभाष अथवा जिले के अन्य कंट्रोल रूम का नम्बर व्यापक रूप से प्रसारित किया जाये।

शिकायत निवारण के लिये विशेष सेल

आयुष्मान कार्डधारियों की कोविड उपचार के संबंध में कोई शिकायत प्राप्त होने पर कार्यवाही करते हुए जाँच के लिये एक विशेष सेल बनाये जाने के निर्देश भी दिये गये हैं। ताकि किसी भी दशा में कोई भी आयुष्मान कार्डधारी सुगमता पूर्वक प्रवेश व कोविड उपचार से वंचित न रहे।

सचिव, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण श्री आकाश त्रिपाठी ने कलेक्टर्स एवं सीएमएचओ से कहा है कि शासन की मंशानुरूप मुख्यमंत्री कोविड उपचार योजना में प्रदेश के आर्थिक रूप से कमजोर मरीजों को पूर्णत संवेदनशीलता के साथ निःशुल्क कोविड उपचार उपलब्ध करवाया जाना सुनिश्चित किया जाये।

मुख्यमंत्री कोविड उपचार योजना के घटक

प्रथम घटक

प्रदेश के समस्त शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय द्वारा संचालित अस्पताल, समस्त जिला चिकित्सालय, समस्त सिविल अस्पताल एवं कोविड उपचार करने वाले सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर प्रदेश सरकार द्वारा समस्त कोविड मरीजों को पूर्णतः निःशुल्क उपचार उपलब्ध कराया जा रहा है। इस हेतु शासकीय अस्पतालों में 395 आई.सी.यू./एच.डी.यू. बेड, 13 हजार 334 ऑक्सीजनयुक्त बेड एवं 20 हजार 601 आइसोलेशन बेड उपलब्ध कराये गये है। इसमें निरंतर वृद्धि करने के प्रयास चल रहे है ।

द्वितीय घटक

प्रदेश के कुछ जिलों में निजी चिकित्सा महाविद्यालयों द्वारा संचालित अस्पतालों में आवश्यक संख्या में आईसोलेशन एवं आई.सी.यू./ एच.डी.यू. बेड अनुबंधित किये गये है। वर्तमान में 3675 विभिन्न श्रेणी के बेडस उपलब्ध है। समस्त अनुबंधित बेड पर भर्ती होने वाले प्रदेश के कोविड़ मरीजों को पूर्णतः निःशुल्क उपचार उपलब्ध कराया जा रहा है।

तृतीय घटक

प्रदेश के आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के निःशुल्क उपचार हेतु आयुष्मान योजना के अंतर्गत आयुष्मान कार्ड बनाये गये हैं। इस कार्ड के माध्यम से यह कार्डधारी आयुष्मान संबद्ध अस्पताल में निःशुल्क उपचार प्राप्त कर सकते हैं। राज्य शासन ने संबद्ध अस्पतालों में 20 प्रतिशत बेडस आयुष्मान हितग्राहियों के लिए आरक्षित रखने के निर्देश भी दिये है।

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