भोपाल, 22 सितम्बर । मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि हर जिले में नियमित रूप से क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप की बैठकें की जाए।
श्री चौहान ने कहा स्थानीय स्तर पर धर्मगुरूओं, विभिन्न समाजों के प्रतिनिधियों, स्वयंसेवी संस्थाओं, चिकित्सकों, व्यापारियों आदि की सलाह तथा उन्हें विश्वास में लेकर कोरोना नियंत्रण के लिए आवश्यक उपाय सुनिश्चित किए जाएं।
उन्होंने कहा कि आवश्यकता होने पर क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप से वे स्वयं भी संवाद करेंगे। कोरोना पर नियंत्रण के लिए गाइड लाइन में आवश्यकतानुसार व्यवस्था की जाएगी। व्यापारिक संगठनों को भी कोरोना से बचाव के लिए विभिन्न नियंत्रण स्वयं लागू करने की पहल करनी होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में कोरोना टेस्टिंग को निरंतर बढ़ाया जा रहा है। शासकीय स्वास्थ्य संस्थाओं के साथ-साथ निजी चिकित्सालयों का भी क्षमतावर्धन किया जा रहा है। जिला प्रशासन समाज के सहयोग और जनसामान्य को विश्वास में लेकर कोरोना की स्थिति को नियंत्रण में रख सकता है।
उन्होंने जिलों के प्रभारी अधिकारियों को जिलों की स्थिति पर लगातार नजर रखने, जिला प्रशासन को सतत् रूप से आवश्यक मार्गदर्शन उपलब्ध कराने के निर्देश भी दिए। होम आइसोलेशन व्यवस्था तथा कमाण्ड एण्ड कंट्रोल सेंटर से प्रभावी मॉनीटरिंग व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए गए।
श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में सभी जगह फीवर क्लीनिक्स सक्रिय हैं। इसके साथ ही मोबाइल फीवर क्लीनिक आरंभ किए जाएंगे। जिससे कि कोरोना के मरीजों की जल्दी से जल्दी जांच कर उनकी प्रभावी चिकित्सा सुनिश्चित की जा सके।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने प्रदेश में डॉक्टरों, पैरामेडिकल स्टाफ की अधिक से अधिक भर्ती करने तथा आवश्यक प्रशिक्षण की व्यवस्था के निर्देश भी दिए।
मुख्यमंत्री ने कल जिलावार कोरोना की स्थिति की समीक्षा की तथा कोरोना संक्रमण रोकने एवं प्रभावी इलाज सुनिश्चित करने के लिए कलेक्टर्स को दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने भोपाल, इंदौर, जबलपुर तथा ग्वालियर के साथ-साथ नरसिंहपुर, सागर, उज्जैन, होशंगाबाद, खरगौन, छिंदवाड़ा, मंदसौर, उमरिया आदि जिलों पर विशेष ध्यान दिए जाने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने कोरोना के बढ़ रहे प्रकरणों को देखते हुए जबलपुर की विशेष रूप से समीक्षा की। उल्लेखनीय है कि जबलपुर का पॉजीटिविटी रेट 8.11 प्रतिशत जो कि राज्य की पॉजीटिविटी दर 5.87 प्रतिशत से काफी अधिक है। श्री चौहान ने कहा कि जबलपुर मेडिकल कॉलेज तथा जिला चिकित्सालय सहित निजी अस्पतालों में कोरोना के लिए अधिक से अधिक बिस्तरों की व्यवस्था की जाए। इसमें राज्य शासन हरसंभव सहयोग प्रदान करेगा। गरीब मरीजों को आयुष्मान योजना के तहत सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। कोरोना के इलाज के लिए बेड्स, ऑक्सीजन, वेंटीलेटर्स आदि सभी सुविधाएं पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध होनी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने प्रभारी अधिकारी अपर मुख्य सचिव जे.एन. कंसोटिया सहित संभागायुक्त, कलेक्टर जबलपुर, डीन मेडिकल कॉलेज का दल गठित कर जबलपुर की स्थिति में एक हफ्ते में बदलाव लाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि वे एक दिन बाद पुन: जबलपुर की स्थिति की समीक्षा करेंगे।
श्री चौहान ने बताया कि प्रदेश में कोरोना के मरीज तेज गति से स्वस्थ होकर घर जा रहे हैं। प्रदेश की रिकवरी रेट 77.3 प्रतिशत है। मृत्यु दर में निरंतर गिरावट हो रही है अब यह 1.86 प्रतिशत है। मध्यप्रदेश में प्रति 10 लाख कोरोना टेस्ट की संख्या 22 हजार 425 है। प्रदेश की पॉजीटिविटी रेट 5.87 प्रतिशत है।
अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य मोहम्मद सुलेमान ने बताया कि प्रदेश में वर्तमान में कोरोना के कुल मरीजों में 8 हजार 803 होम आइसोलेशन में है जो कि कुल मरीजों का 39 प्रतिशत है। इनकी नियमित रूप से मॉनीटरिंग की जा रही है। आइसोलेशन में सर्वाधिक मरीज भोपाल में 882, इंदौर 832, जबलपुर 784, ग्वालियर में 672, शहडोल में 423, रीवा में 342, शिवपुरी में 295, उज्जैन में 280, बैतूल में 237, नरसिंहपुर में 210, अनूपपुर में 204, खण्डवा में 177, दतिया में 176, सतना में 167, होशंगाबाद में 155, उमरिया में 153 तथा शेष अन्य जिलों में है।
बैठक में चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य मोहम्मद सुलेमान तथा अन्य अधिकारी उपस्थित थे।