भोपाल, 26 अप्रैल । मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि कोरोना संकट का समय चुनौती पूर्ण है। समन्वय और पारम्परिक सहयोग के साथ कार्य करते हुए चुनौती का सामना किया जा सकता है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने प्रदेश के निजी चिकित्सालयों के चिकित्सकों के साथ आज वीडियो कॉन्फ्रेंस कर संक्रमण नियंत्रण, उपचार और वैकल्पिक व्यवस्थाओं के संबंध में चर्चा की।
उन्होंने कहा कि संक्रमण की गति में स्थिरता आई है। सबके सहयोग से शीघ्र ही स्थिति बेहतर होने की सम्भावना है। समन्वय और पारम्परिक सहयोग के साथ कार्य करते हुए चुनौती का सामना किया जा सकता है। उन्होंने कोरोना के संबंध में निजी अस्पताल के चिकित्सकों से सुझाव भी लिए।
श्री चौहान ने कहा कि राज्य सरकार औषधियों और ऑक्सीजन की उपलब्धता के लिए निरंतर प्रयास कर रही है। ऑक्सीजन के खाली सिलेंडरों को एयर लिफ्ट कर भेजा जा रहा है। बोकारो से ऑक्सीजन रेल भी आने वाली है। दस हजार रेमडेसिविर इंजेक्शन भी आज प्राप्त हो रहे हैं, जिनको हवाई जहाजों से वितरण किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि कोरोना की चुनौती का सामना किया जा सकता है। इसके लिए जरूरी है कि उपचार की गाइड लाइन, ऑक्सीजन एवं रेमडेसिविर इंजेक्शन के उपयोग का एक निश्चित प्रोटोकॉल तैयार किया जाए। गंभीर रोगियों को दूसरे चिकित्सालयों में रेफर करने का कार्य पूरी गंभीरता और सावधानी के साथ किया जाए। यदि रोगी को अन्यत्र भेजना आवश्यक हो तो उसे उचित मेडिकल सपोर्ट के साथ ही भेजा जाए। मरीजों के परिजनों की बड़ी संख्या को सख्ती के साथ रोका जाए।
उन्होंने कहा कि सरकारी कर्मचारियों के द्वारा किल-कोरोना-2 अभियान में घर-घर सर्वेक्षण किया जा रहा है। सर्वेक्षण में सर्दी जुकाम के रोगियों के प्राथमिक उपचार के रूप में कौन सी दवाएँ दी जा सकती हैं। टेली-मेडिसन की क्या भूमिका हो सकती है, इस संबंध में सुझाव आमंत्रित किए।
उन्होंने कहा कि सेवा कार्य में किसी प्रकार की बाधा नहीं आए, इसके लिए पारदर्शिता पर भी ध्यान दिया जाए। उन्होंने कहा कि कोरोना पर विजय टीम के रूप में कार्य करके प्राप्त की जा सकती है।