भोपाल,24 नवंबर । मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि कोरोना की वैक्सीन जल्द ही आने वाली है। इस पर तेजी से कार्य चल रहा है। मध्यप्रदेश में भी राज्य सरकार ने इस संबंध में व्यवस्थाएं सुनिश्चित की हैं।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने प्रदेशवासियों से अपील करते हुए कहा है कि वैक्सीन आने से ही समस्या पूरी तरह हल नहीं होगी। किसी भी स्तर पर ढिलाई नहीं बरती जाना चाहिए। लोग मास्क का उपयोग करें और दो गज की दूर रखने तथा साबुन से बार-बार हाथ धोने जैसी सावधानियों का निरंतर पालन करें।
उन्होंने स्वैच्छिक संगठनों से भी आग्रह किया कि वे भी लोगों को मास्क के उपयोग के लिए समझाइश दें। उन्हाेंने कहा कि वे खुद हर जगह मिलने वाले लोगों को मास्क के उपयोग की बात समझाते हैं, उन्हें मास्क वितरित भी करते हैं। यह कार्य सभी को मिलकर करना है। सावधानी में ही सुरक्षा है। कोरोना से खुद बचने और अन्य लोगों के बचाने का दायित्व सभी को निभाना है।
कोरोना वैक्सीन वितरण के लिए राज्य योजना बनाएं – मोदी
इससे पहले आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कोरोना वायरस (कोविड-19) की वैक्सीन वितरण और उसके प्रशासन के संबंध में राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कान्फ्रेंस में कहा है कि भारत के साथ ही अन्य देशों में भी कोरोना से बचाव के वैक्सीन के लिए पूरे प्रयास हो रहे हैं। यह कार्य आखिरी दौर में है। भारत जो भी वैक्सीन देगा वो वैज्ञानिक कसौटी पर खरी होगी और इसके उपयोग की देशव्यापी व्यवस्था होगी।
वीडियों कान्फ्रेंस में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने वैक्सीन के संबंध में राज्य की तैयारियों की जानकारी प्रधानमंत्री को दी।
वीड़ियों कांफ्रेंस में प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि देश में गत कुछ महीने से कोरोना की चुनौती से निपटने के लिए केन्द्र सरकार ने भरसक प्रयास किए हैं। राज्यों द्वारा भी सजग और सक्रिय रहकर कोरोना से बचाव, रोगियों के उपचार और भविष्य की स्थिति के संबंध में अच्छा कार्य किया गया। हम आपदा के गहरे समंदर से निकलकर किनारे की तरफ बढ़ रहे हैं। लेकिन सावधानी अभी भी आवश्यक है। कहीं किसी शायर की यह पंक्तियां चरितार्थ न हों, कि हमारी कश्ती भी वहीं डूबी, जहाँ पानी कम था।
उन्होंने आज कोविड-19 वैक्सीन वितरण और उसके प्रशासन के संबंध में राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कान्फ्रेंस द्वारा चर्चा की। इस चर्चा में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उन्हें मध्यप्रदेश में की गई तैयारियों की जानकारी दी।
इस दौरान श्री मोदी ने कहा कि जब कोरोना शुरू हुआ कुछ देशों में समस्या बहुत गंभीर थी। विशाल जनसंख्या वाले भारत देश में हमारा प्रयास था कि कम से कम नुकसान हो। इसमें सफलता भी मिली है। सभी को जागरूक होना होगा, ढिलाई बिल्कुल न हो, वैक्सीन आने में देर नहीं है लेकिन तब तक सभी सावधानियों का पालन करना ही है। वैक्सीन निर्माण के संदर्भ में केन्द्र सरकार निरंतर नजर रखे हुए है। वैक्सीन आने के पश्चात किसे कितना डोज देना होगा, यह तय नहीं है। हमें वैश्विक संदर्भ में आगे बढ़ना होगा।
श्री मोदी ने कहा कि रिकवरी रेट बढ़ने से लापरवाही नहीं बढ़ना चाहिए। टेस्टिंग की सुविधा का उपयोग करते हुए पॉजीटिविटी रेट को कम करना है। आइसोलेशन रोगियों की निरंतर मॉनीटरिंग, वैक्सीन के लिए सप्लाई व्यवस्था और जागरूकता अभियान में कोई कमी नहीं होना चाहिए। एक भी मृत्यु कहीं होती है तो उसके कारणों तक पहुंचना है।
उन्होंने कहा कि टीकाकरण अभियान का कार्य काफी लंबा चलेगा। राज्यों से वैक्सीन की वितरण व्यवस्था पर आज सुझाव मांगे गए हैं। इन सुझावों के आधार पर अमल भी किया जाएगा। उन्होंने राज्यों से लिखित रूप में भी शीघ्र ही सुझाव भेजने का अनुरोध किया। विडियों कांफ्रेंस में चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री ने उन 8 राज्यों की स्थिति भी जानी, जहां अभी भी कोरोना की समस्या अधिक गंभीर है। इन राज्यों में दिल्ली, पश्चिम बंगाल, राजस्थान, केरल, गुजरात, हरियाणा, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र शामिल है।
इस चर्चा में श्री चौहान ने प्रधामनंत्री को जानकारी दी कि मध्यप्रदेश में कोरोना वैक्सीन आने के बाद वितरण व्यवस्था को सुचारू ढंग से लागू किया जाएगा। वैक्सीन आने पर परिवहन व्यवस्था ड्राई स्टॉक, कोल्ड चैन स्पेस, नवीन कोल्ड चैन फोकल प्वाइंट का विस्तार, मॉनिटरिंग, वैक्सीनेटर्स के प्रशिक्षण का कार्य व्यापक पैमाने पर किया जाएगा। वर्तमान में भी स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण दिया जा चुका है।
श्री चौहान ने कहा कि राज्य में टीकाकरण कार्य सुचारू रूप से किया जाएगा। इसकी आवश्यक तैयारियां की जा रही हैं। राज्य संचालन समिति बनाई जा चुकी है। यह समिति मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बनाई गई है। जिला टास्क फोर्स भी बना दिए गए हैं। ब्लॉक स्तर पर भी टास्कफोर्स गठित होंगे। उन्होंने कहा कि टीकाकरण कार्य में समाज को भी शामिल किया जाएगा। सामाजिक संगठन जैसे एनसीसी, एनएसएस और युवाओं का सहयोग लिया जाएगा। कोरोना से बचाव की वैक्सीन प्राथमिकता से किन लोगों को लगाई जाए, यह केन्द्र द्वारा प्राप्त दिशा निर्देशों के अनुरूप किया जाएगा।