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मध्यप्रदेश में  कोविड से बचाव जनजागरण अभियान में महाविद्यालयीन विद्यार्थियों, एनएसएस व एनसीसी कैडेट्स को मास्टर ट्रेनिंग के रूप में प्रशिक्षित कर सेवाएं ली जाएंगी attacknews.in

भोपाल, 01 जून । मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि मंत्रिमंडल के सदस्यों की कड़ी मेहनत और टीम वर्क के परिणाम स्वरुप ही प्रदेश में कोरोना नियंत्रण में आया है।

श्री चौहान मंत्रिपरिषद की बैठक के पूर्व मंत्रिगण को संबोधित कर रहे थे। उन्हाेंने कहा कि प्रदेश में चरणबद्ध रूप से अनलॉक की प्रक्रिया आरंभ कर दी गई है। अब लोगों को कोविड अनुकूल व्यवहार अपनाने के लिए लगातार प्रेरित करना होगा। इसके लिए प्रदेश की छात्र शक्ति को आगे आना होगा। महाविद्यालयीन विद्यार्थियों, एनएसएस व एनसीसी कैडेट्स को मास्टर ट्रेनिंग के रूप में प्रशिक्षित कर उनकी सेवाएं जनजागरण अभियान में ली जाएंगी।

मंत्रिपरिषद की बैठक मंत्रालय में वंदेमातरम् के गान के साथ आरंभ हुई।

श्री चौहान ने कहा कि अलीराजपुर में कल एक भी पॉजिटिव केस नहीं आया। प्रदेश के 36 जिलों में 10 से कम केस आए हैं। हमारा लक्ष्य 31 मई तक 0 फीसदी केस की स्थिति में पहुंचने का था। प्रदेश के 36 जिलों में सिंगल डिजिट में केस आने का मतलब यह है कि हम लक्ष्य के पास पहुंच गए हैं। केवल भोपाल और इंदौर में पॉजिटिविटी 5 फीसदी से अधिक है। इन दोनों शहरों में अलग रणनीति बनाकर काम किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप की सक्रियता और जनता के साथ मिलकर काम करने के परिणाम स्वरुप ही प्रदेश इस स्थिति में पहुंचा है। इस संतोषजनक स्थिति के लिए मंत्रिपरिषद के सभी सदस्य बधाई के पात्र है।

श्री चौहान ने कहा कि कोरोना को लॉक करना है। अतः कोविड एप्रोप्रियेट बिहेवियर को अपनाने के लिए लोगों के बीच वातावरण बनाना होगा। मंत्रिपरिषद के सभी सदस्यों का यह दायित्व है कि इस दिशा में वे अपने-अपने क्षेत्रों में कार्य करें। कोविड गाइड लाइन का पालन कराने के लिए मास्क पहनने, दूरी बनाए रखने, बार-बार हाथ धोने, दुकानों के आगे गोले बनाने, आदि जैसी गतिविधियों को लोगों को आत्मसात करने के लिए प्रेरित करना होगा।

उन्होंने कहा कि इस दिशा में वातावरण बनाने के लिए वे स्वयं भी कुछ जिलों का दौरा करेंगे। उन्होंने कहा कि मंत्री परिषद के सभी सदस्य अपने-अपने प्रभार के जिलों का दौरा करें। जनता से संवाद करें, अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दें और कोविड एप्रोप्रियेट बिहेवियर के लिए लोगों को प्रेरित कर अपनी जिम्मेदारी निभाए।

उन्होंने मंत्री परिषद के सदस्य गणों को वैक्सीनेशन के लिए अपने-अपने प्रभार के जिलों में जन जागरण पर केंद्रित अभियान चलाने के निर्देश भी दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमण प्रबंधन के लिए छह समूह बनाए गए हैं। यह समूह टीकाकरण, अस्पताल प्रबंधन, जन-जागरण, वैक्सीनेशन, ऑक्सीजन उत्पादन और उपलब्धता की दिशा में लगातार कार्य करते रहें। सप्ताह में एक बार प्रत्येक समूह की बैठक आवश्यक रूप से हो। इसके अतिरिक्त सातवां समूह शिक्षा के लिए बनाया गया है। शिक्षा देने के क्या विकल्प हो सकते हैं, परीक्षाओं का संचालन कैसे हो, क्या बड़े बच्चों को सीमित संख्या में शाला आने की अनुमति दी जा सकती है इस संबंध में यह समूह विचार करेगा।

इस समूह में खेल एवं युवा कल्याण तथा तकनीकी शिक्षा मंत्री श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया, जनजातीय कार्य तथा अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री सुश्री मीना सिंह, चिकित्सा शिक्षा एवं गैस राहत मंत्री विश्वास सारंग, उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव, स्कूल शिक्षा राज्यमंत्री इंदर सिंह परमार तथा आयुष राज्यमंत्री रामकिशोर कावरे विचार-विमर्श करें। इस दिशा में टेक्नोलॉजी का क्या उपयोग किया जा सकता है, इस पर विचार करें तथा विशेषज्ञों से चर्चा कर सुझाव प्रस्तुत करें। हमारा यह प्रयास होना चाहिए कि शिक्षा के क्षेत्र में मध्यप्रदेश का एक अलग मॉडल बने जो देश में एक उदाहरण हो।

श्री चौहान ने कहा कि आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश का निर्माण हमारी प्राथमिकता है। इस दिशा में कार्य पुनः आरंभ किए जाएं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि स्वास्थ्य अधोसंरचना को सशक्त करने के लिए बने वार्डों तथा अन्य सुविधाओं का तत्काल वर्चुअल शिलान्यास और लोकार्पण कर कार्य आरंभ किया गया है। ये व्यवस्थाएं जनता में विश्वास पैदा करेंगी। स्थिति सामान्य करने के लिए आवश्यक वातावरण निर्माण में इन गतिविधियों से मदद मिलेगी।

श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में जनता को कोविड अनुकूल व्यवहार अपनाने के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से जागरूकता अभियान चलाया जाना है। इसमें महाविद्यालय, तकनीकी शिक्षण संस्थान के विद्यार्थियों को शामिल किया जाए। प्रदेश में 18 लाख से अधिक विद्यार्थी हैं । इन विद्यार्थियों और प्राध्यापकों कोविड अनुकूल व्यवहार के मास्टर ट्रेनर के रूप में उन्हें प्रशिक्षित किया जाए। यह विद्यार्थी और प्राध्यापक कोविड अनुकूल व्यवहार और टीकाकरण के लिए लोगों को प्रेरित करें। इस छात्र शक्ति और एनसीसी व एनएसएस के टीमों का योगदान कोविड अनुकूल वातावरण बनाने में प्रभारी होगा।

तीसरी लहर रोकने में मध्यप्रदेश नया मॉडल प्रस्तुत करेगा

श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में किसी भी स्थिति में तीसरी लहर नहीं आने देना है। इस प्रकार की गतिविधियां हमें तीसरी लहर को रोकने में सहायक सिद्ध होगी। इसके साथ ही टैस्ट, पॉजिटिव व्यक्ति की पहचान कान्टेंक्ट ट्रेसिंग, कोविड केयर सेंटर में ले जाना जारी रहे। किल-कोरोना अभियान चलता रहे। इन गतिविधियों और कोविड अनुकूल व्यवाहर अपनाने के लिए जागरूकता अभियान को मंत्रिगण, विधायक, सांसद नेतृत्व प्रदान करें। उन्होंने कहा कि छात्र शक्ति का उपयोग कर कोविड की तीसरी लहर को रोकने में मध्यप्रदेश पूरे देश में एक नया मॉडल प्रस्तुत करेगा।

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