पटना 04 मई । बिहार में कोरोना महामारी की दूसरी लहर को देखते हुए बुधवार से 15 मई तक लॉकडाउन लगाने का निर्णय लिया गया है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में आज क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप (सीएमजी) की हुई बैठक में 05 मई से 15 मई तक राज्य में लॉकडाउन लगाने का निर्णय लिया गया । मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने खुद सोशल नेटवर्किंग साइट ट्विटर पर ट्वीट कर इसकी जानकारी दी ।
बिहार में सोमवार को कोविड-19 के 11407 नए मामले आने के साथ ही 82 और लोगों की मौत हो गयी थी।
बिहार गृह विभाग (विशेष शाखा) द्वारा जारी एक आदेश में कहा गया है कि चार मई को आपदा प्रबंधन समूह की बैठक में राज्य में कोरोना संक्रमण की वर्तमान स्थिति की समीक्षा की गयी । समीक्षा के क्रम में पाया गया कि राज्य में संक्रमण दर पिछले एक सप्ताह से निरंतर 10 प्रतिशत से अधिक बनी हुई है।
आदेश में कहा गया है, ‘‘अतः वर्तमान स्थिति के परिपेक्ष्य में स्थितियों पर व्यापक नियंत्रण के लिए पांच मई से 15 मई तक सभी स्कूल, कॉलेज, कोचिंग संस्थान, ट्रेनिंग एवं अन्य शैक्षणिक संस्थान बंद रहेंगे। इस अवधि में राज्य सरकार के विद्यालय एवं विश्वविद्यालय द्वारा किसी भी तरह की परीक्षाएँ भी नहीं ली जाएँगी।’’ आदेश में कहा गया है कि सभी धार्मिक स्थल आमजनों के लिए बंद रहेंगे । सभी प्रकार के सामाजिक, राजनीतिक, मनोरंजन, खेल-कूद, शैक्षणिक, सांस्कृतिक एवं धार्मिक आयोजन अथवा समारोह प्रतिबंधित होंगे ।
आदेश के मुताबिक, सार्वजनिक स्थलों पर किसी भी प्रकार के आयोजन (सरकारी एवं निजी) पर रोक रहेगी ।
आदेश में कहा गया है कि विवाह समारोह अधिकतम 50 व्यक्तियों की उपस्थिति के साथ आयोजित किए जा सकते हैं पर इनमें डीजे एवं बारात जुलूस की इजाजत नहीं होगी । विवाह की पूर्व सूचना स्थानीय थाने को कम से कम तीन दिन पूर्व देनी होगी।
आदेश में कहा गया है कि अंतिम संस्कार और श्राद्ध कार्यक्रम के लिए 20 व्यक्तियों की अधिसीमा रहेगी।
आदेश के अनुसार, सभी सिनेमा हॉल, शॉपिंग मॉल, क्लब, स्विमिंग पूल, स्टेडियम, जिम, पार्क एवं उद्यान पूरी तरह बंद रहेंगे ।
आदेश में कहा गया है कि रेस्त्रां एवं खाने की दुकानें बंद रहेंगी। इनका संचालन केवल होम डिलीवरी के लिए प्रातः 9 बजे से रात्रि 9 बजे तक अनुमान्य होगा। राष्ट्रीय राजमार्गों पर स्थित ढाबे टेक होम के आधार पर कार्यरत रह सकते हैं।
आदेश के अनुसार, आवश्यक सेवाओं यथा जिला प्रशासन, पुलिस, सिविल डिफेंस, विद्युत आपूर्त्ति, जलापूर्ति, स्वच्छता, फायर ब्रिगेड, स्वास्थ्य, आपदा प्रबंधन, दूरसंचार, डाक विभाग से संबंधित कार्यालय को छोडकर राज्य सरकार के सभी कार्यालय बंद रहेंगे । आदेश में कहा गया है कि न्यायिक प्रशासन के संबंध में उच्च न्यायालय के द्वारा लिया गया निर्णय लागू होगा।
आदेश में कहा गया है कि अस्पताल एवं अन्य संबंधित स्वास्थ्य प्रतिष्ठान (पशु स्वास्थ्य सहित) उनके निर्माण एवं वितरण इकाइयां- सरकारी एवं निजी, दवा दुकानें, मेडिकल लैब, नर्सिंग होम, एम्बुलेंस सेवाओं से संबंधित प्रतिष्ठान यथावत कार्य करेंगे ।
आदेश के अनुसार, ‘‘बैंकिंग, बीमा एवं एटीएम संचालन से संबंधित प्रतिष्ठान, औद्योगिक एवं विनिर्माण कार्य से संबंधित प्रतिष्ठान, सभी प्रकार के निर्माण कार्य, ई-कॉमर्स से जुड़ी सारी गतिविधियाँ, कृषि एवं इससे जुड़े कार्य , प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, टेलीकम्यूनिकेशन, इंटरनेट सेवाएं, ब्रॉडकास्टिंग एवं केबल सेवाओं से संबंधित गतिविधियाँ, पेट्रोल पम्प, एलपीजी, पेट्रोलियम आदि से संबंधित खुदरा एवं भण्डारण प्रतिष्ठान, आवश्यक खाद्य सामग्री तथा फल एवं सब्जी (ठेला पर घूम-घूम कर बिक्री सहित), मांस-मछली, दूध, जनवितरण प्रणाली की दुकानें (प्रातः 7 बजे से 11 बजे पूर्वाह्न तक) खुलेंगी, कोल्ड स्टोरेज एवं वेयर हाउसिंग सेवाएँ तथा निजी सुरक्षा सेवाओं को छोडकर सभी वाणिज्यिक एवं अन्य निजी प्रतिष्ठान बंद रहेंगे। अन्य सभी प्रतिष्ठान वर्क फ्रॉम होम के आधार पर कार्य कर सकते हैं।’’ आदेश में कहा गया है, ‘‘स्वास्थ्य से जुड़ी गतिविधियों में संलग्न वाहन एवं स्वास्थ्य प्रयोजनार्थ प्रयुक्त निजी वाहन, अनुमान्य कार्यों से संबंधित कार्यालयों के सरकारी वाहन, वैसे निजी वाहन जिन्हें जिला प्रशासन द्वारा किसी विशेष कार्य के लिए ई-पास निर्गत हैं, सभी प्रकार के मालवाहक वाहन, वैसे निजी वाहन जिनमें हवाई जहाज अथवा ट्रेन के यात्री यात्रा कर रहे हों और उनके पास टिकट हो, कर्त्तव्य पर जाने के लिए सरकारी सेवकों एवं अन्य आवश्यक अनुमान्य सेवाओं के निजी वाहन तथा अंतर्राज्यीय मार्गों पर अन्य राज्यों को जाने वाले निजी वाहनों को छोड़कर सार्वजनिक स्थानों एवं मार्गों पर अनावश्यक आवागमन (पैदल सहित) पूर्णतः प्रतिबंधित रहेगा।’’ आदेश के मुताबिक, पब्लिक ट्रासंपोर्ट में निर्धारित बैठने की क्षमता के 50 प्रतिशत के उपयोग की अनुमति रहेगी । केवल रेल, वायुयान अथवा अन्य लंबी दूरी यात्रा करने वालों तथा अनुमान्य सेवाओं से संबंधित व्यक्तियों को ही सार्वजनिक परिवहन के उपयोग की अनुमति होगी।
आदेश में कहा गया है, ‘‘सभी जिलाधिकारी अपने.अपने जिलान्तर्गत चिन्हित स्थानों पर सामुदायिक किचन स्थापित करेंगे । रोजगार के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में मनरेगा के अन्तर्गत तथा शहरी क्षेत्रों में शहरी रोजगार योजना के अन्तर्गत किये जाने वाले कार्य अनुमान्य होंगे।’’
आदेश के मुताबिक, ‘‘सभी राशन कार्ड धारकों को मई माह में राशन की प्राप्ति के लिए किसी राशि का भुगतान नहीं करना होगा। उक्त राशि का वहन राज्य सरकार द्वारा किया जाएगा।’’ आदेश में कहा गया है कि सभी जिला पदाधिकारी इस आदेश के अनुपालन के लिए दंप्रसं की धारा 144 के अन्तर्गत निषेधाज्ञा जारी करेंगे । इन आदेशों का उल्लंघन करते हुए पाए जाने पर संबंधित व्यक्ति के विरूद्ध आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 की धारा 51-60 एवं भादंवि की धारा 188 के प्रावधानों के अंतर्गत दण्डात्मक कार्रवाई की जाएगी।