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कमलनाध ने मध्यप्रदेश में पुलिस आयुक्त प्रणाली लागू करने के संकेत दिए,IPS Officers Conclave में पुलिस को प्रोद्योगिकी उपकरणों से सुसज्जित करने की बात कही attacknews.in

भोपाल, 19 फरवरी । मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने आज कहा कि राज्य में पुलिस आयुक्त प्रणाली की मांग अभी स्वीकार नहीं हुयी है, तो यह अस्वीकार भी नहीं हुयी है।

श्री कमलनाथ ने यहां मिंटो हॉल में आईपीएस ऑफिसर्स एसोसिएशन की ओर से आयोजित दो दिवसीय आईपीएस ऑफिसर्स कॉनक्लेव के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए यह टिप्पणी की। पुलिस आयुक्त प्रणाली लागू करने संबंधी मांग के परिप्रेक्ष्य में श्री कमलनाथ ने कहा कि यह अभी अस्वीकार भी नहीं हुयी है।

मुख्यमंत्री ने राज्य की नयी सरकार द्वारा पुलिस के विकास में उठाए गए कदमों का भी जिक्र किया और कहा कि चौदह माह के कार्यकाल में काफी कुछ किया गया है। इसी संदर्भ में उन्होंने पुलिस आयुक्त प्रणाली लागू करने संबंधी मांग का भी जिक्र करते हुए टिप्पणी की। साथ ही उन्होंने कहा कि शासन प्रशासन में सौहार्द्र और समरसता का वातावरण होना चाहिए।

भविष्य का पुलिस बल प्रौद्योगिकी उपकरण से सुसज्जित होगा – कमलनाथ

कमलनाथ ने कहा कि प्रौद्योगिकी के अधिकाधिक उपयोग से भविष्य का पुलिस बल हथियारों के बजाए ‘प्रौद्योगिकी उपकरण’ से सुसज्जित होगा। इसलिए अभी से पुलिस को नई नई प्रौद्योगिकी से परिचित होना होगा और उन्हें अपनाना सीखना होगा।

श्री कमलनाथ ने कहा कि राज्य सरकार इस दिशा में आगे बढ़ने के लिए पुलिस बल को हरसंभव सहायता उपलब्ध करायेगी। उन्होंने आशा व्यक्त की कि भविष्य में मध्यप्रदेश की पुलिस प्रौद्योगिकी के उपयोग की दृष्टि से इतनी दक्ष होगी कि अन्य प्रदेशों के लिए आदर्श होगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आर्थिक विकास बढ़ने के साथ ही भिन्न-भिन्न आर्थिक अपराध भी सामने आ रहे हैं। पुलिस को आर्थिक अपराधों की प्रवृत्ति और प्रकृति से परिचित होना जरूरी है।

उन्होंने कहा कि गुणवत्तापूर्ण परिणाम के लिये शासन-प्रशासन के सभी अंगों में समरसता और सौहार्द्र भी जरूरी है।

उन्होंने कहा कि भारत एक विशिष्ट देश है। मध्यप्रदेश स्वयं में विशिष्टि प्रदेश है। यह विविधताओं से भरा-पूरा प्रदेश है। विविधताओं और भिन्नताओं के बावजूद एक बने रहना इसकी सबसे बड़ी ताकत है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश न सिर्फ सबसे बड़ा वन प्रदेश है, बल्कि सबसे बड़ी जनजातीय संख्या वाला प्रदेश भी है। इसलिए सामाजिक-आर्थिक विषमताओं और विभिन्नताओं को देखते हुए मध्यप्रदेश में पुलिस के सामने भी कई चुनौतियां हैं।

उन्होंने कहा कि दुनिया तेजी से बदल रही है। तकनीकी और प्रौद्योगिकी के कारण सामाजिक व्यवहार और नजरिये में भी बदलाव आ रहा है। इस बदलाव को पुलिस बल को पहचानना होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस प्रशासन का चेहरा होती है। पुलिस समाज को संदेश देने का काम करती है। भारतीय समाज की इसमें बड़ी भूमिका है, क्योंकि सहिषणुता के कारण भारतीय समाज में सबको साथ लेकर चलने की अदभुत क्षमता है। उन्होंने कहा कि पुलिस प्रशासन को इन बदलावों को समझने और इनके अनुसार रणनीति बनाने की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत की सोच में अलगाव या बंटवारे के विचार की कोई जगह नहीं है। बंटवारे का मतलब है विनाश।

राज्य के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) वी. के. सिंह ने अपने स्वागत भाषण में कहा कि बदलते हुए वैश्विक परिदृश्य और सामाजिक-आर्थिक ताने-बाने में आ रहे परिवर्तनों को देखते हुए पुलिस की चुनौतीपूर्ण भूमिका को समझने और पूरी दक्षता के साथ इसे स्वीकारने और निभाने के तौर-तरीकों पर विचार करने की जरूरत है। उन्होंने पुलिस बल के लिये आवास सुविधाओं के विस्तार और साप्ताहिक अवकाश जैसे निर्णय लेने के लिये मुख्यमंत्री का आभार जताया।

आईपीएस ऑफिसर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष विजय यादव ने दो दिवसीय कॉनक्लेव के उद्देश्य के बारे में विस्तार से बताया।

डीजीपी श्री सिंह और आईपीएस ऑफिसर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष एवं विशेष पुलिस निदेशक विजय यादव ने आईपीएस ऑफिसर्स की ओर से मुख्यमंत्री को स्मृति चिन्ह भेंट किया।

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