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छत्तीसगढ़ में शराब पर कोरोना शुल्क से सरकार ने इकठ्ठा कर लिए 365 करोड़ रूपये और अभी भी वसूली जारी है और जारी रहेगी attacknews.in

रायपुर 03 मार्च।छत्तीसगढ़ विधानसभा में आज देशी एवं विदेशी शराब पर लगे कोरोना सेस शुल्क से वसूल लगभग 365 करोड़ रूपए की राशि को अभी तक व्यय नही करने तथा उसे स्वास्थ्य विभाग को नही देने पर मंत्री के जवाब से असन्तुष्ट भाजपा एवं जनता कांग्रेस सदस्यों ने सदन से बहिर्गमन किया।

मंत्री मोहम्मद अकबर ने प्रश्नोत्तरकाल में वरिष्ठ भाजपा सदस्य अजय चन्द्राकर के प्रश्नों के उत्तर में कहा कि गत 02 मई एवं 15 मई को लगाए गए विशेष आबकारी शुल्क से गत 03 फऱवरी तक देशी शराब से 198 करोड़ 19 लाख 98240 रूपए तथा विदेशी शराब से 166 करोड़ 55 लाख 38800 रूपए वसूल हुए। उन्होने कहा कि शिक्षा,स्वास्थ्य,पोषण एवं अद्योसंरचना के लिए दोनो सेस लगाए गए।

श्री चन्द्राकर ने कहा कि सेस जिस मद में लगाया गया है नियमतः उसी मद में वसूल की गई राशि खर्च की जा सकती है।

उऩ्होने राशि को सामान्य प्रशासन विभाग को दिए जाने पर सवाल उठाते हुए कहा कि कोरोना पर लगे सेस से वसूल राशि स्वास्थ्य विभाग को दी जानी चाहिए।उन्होने कोरोना के तीसरी लहर के खतरे की खबरों का भी उल्लेख किया।

मंत्री श्री अकबर ने कहा कि दोनो मदों में वसूल होने वाली राशि सामान्य प्रशासन विभाग के अन्तर्गत गठित मुख्यमंत्री अद्योसंरचना उन्नयन एवं विकास प्राधिकरण द्वारा स्वीकृत कर व्यय किया जाना है।द्दितीय अनुपूरक में इसके लिए 200 करोड़ का प्रावधान भी किया गया है।

श्री चन्द्राकर ने स्वास्थ्य विभाग को पैसे नही दिए जाने पर सवाल उठाया तो मंत्री श्री अकबर ने कहा कि वसूल की गई राशि का अभी तक व्यय नही हुआ है।जो राशि वसूली गई है वह निर्धारित उद्देश्यों के लिए खर्च होगी।

जनता कांग्रेस के धर्मजीत सिंह ने कहा कि शराब सरकार के दुधारू गाय हो गई है।सेस लगाकार सरकार अपनी आमदनी बढ़ाने में जुटी है।भाजपा के ही शिवरतन शर्मा ने सेस की राशि को लेकर सवाल उठाए जिस पर मंत्री ने फिर दोहराया कि अन्य उद्देश्यों के लिए कोई राशि खर्च नही की गई है।

इस दौरान ही तीन से अधिक पूरक प्रश्नों के पूछने पर सत्ता पक्ष के सदस्यों ने आपत्ति भी की, जिसे अध्यक्ष डा.चरणदास महंत ने खारिज कर दिया और दोनो पक्षों की इसे लेकर की गई टिप्पणियों को रिकार्ड से विलोपित करवा दिया।श्री चन्द्राकर एवं अन्य भाजपा सदस्यों ने मंत्री पर घुमाने वाला जवाब देने का आरोप लगाया और विरोध में सदन से बहिर्गमन किया।उनके साथ जनता कांग्रेस के सदस्य धर्मजीत सिंह भी थे।

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