रायपुर, 25 जून। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में आज काम का तय समय और साप्ताहिक अवकाश समेत विभिन्न मांगों को लेकर आंदोलन कर रही पुलिस परिवार की 81 महिलाओं को गिरफ्तार कर लिया गया।
रायपुर जिले के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्रफुल्ल ठाकुर ने बताया कि रायपुर के ईदगाह भाठा मैदान स्थित धरनास्थल में अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन के लिए पहुंची 81 महिलाओं को गिरफ्तार कर लिया गया।
ठाकुर ने बताया कि इसके साथ ही पुलिस ने इनके समर्थन में आए मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के 40, छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस के 70 और बहुजन समाज पार्टी के 15 कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया है।
ठाकुर ने बताया कि पुलिस जवानों के परिवार ने अपनी मांगों को लेकर रायपुर में प्रदर्शन करने की अनुमति मांगी थी। लेकिन उन्हें अनुमति नहीं दी गई। आज जब महिलाएं धरनास्थल पहुंची तब उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। उन्हें शहर के बाहर अस्थायी जेलों में रखा गया तथा बाद में सभी को रिहा कर दिया गया।
अपने पति के लिए प्रदर्शन कर रही एक पुलिस आरक्षक की पत्नी ने कहा कि पुलिस जवानों को पौष्टिक आहार भत्ता के रूप में एक सौ रूपए मिलते हैं। इसे बढ़ाकर तीन हजार रूपए किया जाना चाहिए।
आंदोलनरत महिलाओं का कहना था कि जवानों का काम का समय तय नहीं है। उनकी डूयटी आठ घंटे की होनी चाहिए। उन्होंने साप्ताहिक अवकाश की भी मांग की।
अपनी मांगों के पक्ष में पुलिस परिवार की महिलाएं कहती हैं कि वह भी बेहतर जिंदगी चाहती हैं। इसलिए वह इस आंदोलन में भाग लेने आई हैं। जबकि उन्हें धमकी दी जा रही है कि यदि परिवार के लोग आंदोलन में शामिल होते हैं तब पुलिस जवानों को निलंबित या बर्खास्त कर दिया जाएगा।
इस आंदोलन को देखते हुए रायपुर में बड़ी संख्या में पुलिस जवानों को तैनात किया गया था।
राज्य के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि इस आंदोलन के पीछे पुलिस विभाग से बर्खास्त राकेश यादव है। बिलासपुर जिले का निवासी राकेश पिछले कुछ समय से सोशल मीडिया में पुलिस प्रशासन और अधिकारियों के खिलाफ मुहिम चलाया हुआ था। यादव को इस महीने की 22 तारीख को सूरजपुर जिले से गिरफ्तार कर लिया गया।
अधिकारी ने कहा कि पिछले दिनों राज्य शासन द्वारा शिक्षाकर्मियों की मांग मान ली गई, तब आंदोलन का मन बना रहे पुलिस कर्मियों को महसूस हुआ कि यह आंदोलन के लिए सही समय है। वहीं कई अन्य कारणों से पुलिस विभाग से बर्खास्त या निलंबित सिपाहियों के परिजनों ने अन्य जवानों को और उनके परिजनों को भड़काना शुरू कर दिया।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि इस आंदोलन को देखते हुए कई पुलिस कर्मियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया और कुछ लोगों के खिलाफ कार्रवाई की गई है।
बिलासपुर क्षेत्र में ही 112 पुलिस कर्मियों को नोटिस जारी किया गया है। दो पुलिस कर्मियों को बर्खास्त किया गया है तथा दो कर्मियों को निलंबित किया गया है। वहीं दो अन्य को लाईन अटैच किया गया है।
पुलिस परिवार द्वारा आंदोलन की घोषणा के बाद राज्य का मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस उनके समर्थन में आ गया है।
छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भूपेश बघेल ने दावा किया कि पुलिसकर्मियों के परिजनों की हड़ताल से घबराई रमन सरकार आंदोलन को कुचलने और दबाने के लिए पुलिसकर्मियों की बर्खास्तगी की कार्यवाही कर रही है।
बघेल ने कहा कि वह सरकार की इस कार्रवाई की निंदा करते हैं तथा उन्होंने घोषणा की कि राज्य में कांग्रेस की सरकार बनते ही आंदोलन के दौरान बर्खास्त किए गए पुलिस कर्मियों और अन्य कर्मचारियों की बर्खास्तगी को खत्म किया जाएगा।
वहीं राज्य शासन का कहना है कि पिछले कुछ वर्षों में राज्य में पुलिस की बेहतरी के लिए कई काम हुए हैं।
राज्य के गृह मंत्री रामसेवक पैकरा का कहना है कि राज्य सरकार पुलिस कर्मियों की सभी बुनियादी जरूरतों को संवेदनशीलता और सहृदयता के साथ पूर्ण कर रही है।
राज्य सरकार नक्सल मोर्चे पर तैनात पुलिस जवानों के साथ-साथ राज्य के अन्य जिलों में पदस्थ पुलिस कर्मियों के लिए भी आवश्यक सुविधाओं में वृद्धि कर रही है और उन्हें हरसंभव बेहतर से बेहतर सुविधाएं दी जा रही हैं।
पैकरा ने कहा कि राज्य शासन द्वारा पुलिस कर्मचारियों की लगातार कठिन और चुनौतीपूर्ण ड्यूटी को ध्यान में रखकर उन्हें एक महीने का अतिरिक्त वेतन भी दिया जा रहा है। साथ ही उनके लिए 15 दिनों के विशेष आकस्मिक अवकाश का भी प्रावधान किया गया है, जो शासन द्वारा दिए जाने वाले विभिन्न अवकाशों से अलग है। मंत्री ने बताया कि पुलिस बल को आधुनिक संसाधनों से भी सुसज्जित किया जा रहा है, जिससे वह अपनी ड्यूटी और भी प्रभावी ढंग से कर सकें।attacknews.in