नयी दिल्ली, 23 अगस्त । आईसीआईसीआई बैंक के चेयरमैन जी सी चतुर्वेदी ने आज कहा कि प्रबंध निदेशक और सीईओ चंदा कोचर के पद पर बने रहने को लेकर निर्णय न्यायमूर्ति बी एन श्रीकृष्ण की अगुवाई वाली समिति की रिपोर्ट मिलने के बाद किया जाएगा और यह रिपोर्ट दो से ढाई महीने में आने की उम्मीद है। समिति चंदा कोचर के खिलाफ लगे आरोपों की जांच कर रही है।
उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश श्रीकृष्ण समिति की अध्यक्षता कर रहे है। समिति आईसीआईसीआई बैंक द्वारा परस्पर लाभ के आधार पर दिये गये कर्ज में चंदा कोचर की भूमिका की जांच कर रही है।
उन्होंने कहा कि रिपोर्ट लंबित होने तक कोचर आईसीआईसीआई बैंक की मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) बनी रहेंगी।
हालांकि, हितों के टकराव के आरोपों के चलते फिलहाल कोचर अनिश्चितकालीन अवकाश पर हैं।
यहां एक कार्यक्रम के दौरान चतुर्वेदी ने कहा, ‘‘बैंक को अभी वीडियोकान के मामले में सेबी के नोटिस का जवाब देना है। हम श्रीकृष्ण समिति की रिपोर्ट की प्रतीक्षा कर रहे हैं। हम उम्मीद करते हैं कि रिपार्ट अगले दो से ढाई महीने में आ जाएगी।’’
चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में बैंक को हुए नुकसान के बारे में उन्होंने कहा कि इसकी वजह आरबीआई के नियम हैं।
रिजर्व बैंक को कर्ज लौटाने में एक दिन के देरी के नियम पर विचार करना चाहिए।
आईसीआईसीआई बैंक को जून में समाप्त तिमाही में 119.5 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ। इसका कारण फंसे कर्ज के एवज में राशि का प्रावधान का बढ़ना है।
कोचर पर वीडियोकान समूह समेत कुछ इकाइयों को परस्पर लाभ के आधार पर कर्ज की मंजूरी देने का आरोप है।
सीबीआई और भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) समेत कई एजेंसियां कोचर और उनके परिवार की भूमिका की जांच कर रही हैं।attacknews.in