नयी दिल्ली, 26 मार्च ।वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कोरोना वायरस महामारी और उसके आर्थिक प्रभाव से निपटने के लिये बृहस्पतिवार को खासतौर से गरीबों, बुजुर्गों, स्वयं सहायता समूहों और निम्न आग वर्ग को राहत देते हुये 1.70 लाख करोड़ रुपये की ‘प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना’ की घोषणा की।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के अंतर्गत राशन की दुकानों से 80 करोड़ लोगों को अगले तीन महीने तक प्रति व्यक्ति 5 किलो गेहूं या चावल तथा इसके अलावा प्रति राशन कार्ड एक किलो दाल मुफ्त मिलेगी।
सीतारमण ने पैकेज की घोषणा करते हुए कहा कि 20.5 करोड़ महिला जनधन खाताधारकों को अगले तीन महीने तक हर महीने 500 रुपये दिये जायेंगे ताकि उन्हें कुछ अतिरिक्त मदद मिल सके।
वित्त मंत्री ने तीन करोड़ गरीब वृद्धों, विधवाओं तथा गरीब दिव्यांगों को एक-एक हजार रुपये की अनुग्रह राशि देने की भी घोषणा की।
यह घोषणा ऐसे समय की गयी है जब कोरोना वायरस की महामारी से निपटने के लिये तीन सप्ताह के देशव्यापी ‘लॉकडाउन’ की वजह से लोगों की रोजी-रोटी प्रभावित हुई है। कारखाने और संयंत्र बंद होने से कई क्षेत्र में नौकरियां जाने की भी खबर है।
वित्त मंत्री ने संवाददाताओं को बताया कि मनरेगा के तहत दैनिक मजदूरी 182 रुपये से बढ़कर 202 रुपये की गई है। इससे पांच करोड़ परिवारों को लाभ होगा।
उन्होंने यह भी कहा कि सरकार प्रधानमंत्री किसान योजना के तहत 8.69 करोड़ किसानों को अप्रैल के पहले सप्ताह में दो-दो हजार रुपये कि किस्त उनके खातों में पहुंचा देगी।
वित्त मंत्री ने कहा कि उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों को अगले तीन महीने तक मुफ्त रसोई गैस सिलिंडर मिलेगा। इससे 8.3 करोड़ गरीब परिवारों को लाभ मिलेगा।
उन्होंने कोरोना वायरस महामारी से संक्रमित लोगों के इलाज में जुटे डाक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों के लिये 50 लाख रुपये के बीमा कवर की भी घोषणा की है।
वित्त मंत्री ने कहा कि कर्मचारियों को भविष्य निधि खाते से 75 प्रतिशत जमाराशि अथवा तीन महीने के वेतन में जो भी कम हो उसे निकालने की अनुमति दी गयी है।
छोटी इकाइयों को राहत देते हुए उन्होंने कहा कि सरकार अगले तीन महीने तक उन प्रतिष्ठानों के नियोक्ताओं और कर्मचारी दोनों का भविष्य निधि योगदान जमा करेगी। सरकार इसके तहत उन प्रतिष्ठानों का भविष्यनिध योगदान जमा करायेगी जिनमें 90 प्रतिशत कर्मचारी 15 हजार रुपये तक के वेतन वाले हैं।
सीतारमण ने कहा कि 63 लाख महिला स्वयं सहायता समूह के लिए बिना किसी गारंटी के कर्ज राशि दोगुनी कर 20 लाख रुपये की गयी। इससे सात करोड़ परिवार लाभान्वित होंगें।
वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार ने कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिये 21 दिन के देशव्यापी लॉकडाउन से निपटने के लिये आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज को अंतिम रूप दिया है।
कुल 1.7 लाख करोड़ रुपये के राहत पैकेज का क्रियान्वयन तत्काल प्रभाव से होगा और नकदी मदद एक अप्रैल से मिलेगी।
उद्योग को राहत पैकेज देने से जुड़े एक सवाल के जवाब में सीतारमण ने कहा कि हम इस बारे में बाद में बात करेंगे।
इस मौके पर वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर भी मौजूद थे। उन्होंने कहा कि यह पैकेज मुख्य तौर पर गरीब और वंचित तबके के लिये है। गरीब परिवारों को खाने पीने की दिक्कत नहीं हो इसलिये तीन महीने तक गेहूं अथवा चावल और दाल मुफ्त में उपलब्ध कराई जायेगी।
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज में निम्नलिखित उपाय शामिल हैं: —
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज
सरकारी अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों में कोविड-19 से लड़ने वाले स्वास्थ्य कर्मियों के लिए बीमा योजना
सफाई कर्मचारी, वार्ड-ब्वॉय, नर्स, आशा कार्यकर्ता, सहायक स्वास्थ्य कर्मी (पैरामेडिक्स), टेक्निशियन, डॉक्टर और विशेषज्ञ एवं अन्य स्वास्थ्य कार्यकर्ता एक विशेष बीमा योजना के तहत बीमा कवर पाएंगे। .
कोविड-19 मरीजों का इलाज करते समय किसी भी स्वास्थ्य प्रोफेशनल के साथ दुर्घटना होने पर उन्हें योजना के तहत 50 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा।
सभी सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों, वेलनेस सेंटरों और केंद्र के साथ-साथ राज्यों के अस्पतालों को भी इस योजना के तहत कवर किया जाएगा, इस महामारी से लड़ने के लिए लगभग 22 लाख स्वास्थ्य कर्मियों को बीमा कवर प्रदान किया जाएगा।
पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना-
भारत सरकार अगले तीन महीनों के दौरान इस विपत्ति की वजह से खाद्यान्नों की अनुपलब्धता के कारण किसी को भी, विशेषकर किसी भी गरीब परिवार को कष्ट नहीं होने देगी।
80 करोड़ व्यक्तियों, अर्थात, भारत की लगभग दो-तिहाई आबादी को इस योजना के तहत कवर किया जाएगा।
इनमें से प्रत्येक व्यक्ति को अगले तीन महीनों के दौरान मौजूदा निर्धारित अनाज के मुकाबले दोगुना अन्न दिया जाएगा।
यह अतिरिक्त अनाज मुफ्त में मिलेगा।
दालें:
उपर्युक्त सभी व्यक्तियों को प्रोटीन की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए, अगले तीन महीनों के दौरान क्षेत्रीय प्राथमिकताओं के अनुसार प्रत्येक परिवार को 1 किलो दालें दी जाएंगी।
ये दालें भारत सरकार द्वारा मुफ्त में दी जाएंगी।
III. प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत
किसानों को लाभ:
2020-21 में देय 2,000 रुपये की पहली किस्त अप्रैल 2020 में ही ‘पीएम किसान योजना’ के तहत खाते में डाल दी जाएंगी।
इसमें 7 करोड़ किसानों को कवर किया जाएगा।
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत नकद राशि का हस्तांतरण:
गरीबों की मदद:
कुल 40 करोड़ पीएमजेडीवाई महिला खाताधारकों को अगले तीन महीनों के दौरान प्रति माह 500 रुपये की अनुग्रह राशि दी जाएगी।
गैस सिलेंडर:
पीएम गरीब कल्याण योजना के तहत अगले तीन महीनों में 8 करोड़ गरीब परिवारों को गैस सिलेंडर मुफ्त में दिए जाएंगे।
संगठित क्षेत्रों में कम पारिश्रमिक पाने वालों की मदद:
100 से कम कामगारों वाले प्रतिष्ठानों में प्रति माह 15,000 रुपये से कम पारिश्रमिक पाने वालों को अपना रोजगार खोने का खतरा है।
इस पैकेज के तहत सरकार ने अगले तीन महीनों के दौरान उनके पीएफ खातों में उनके मासिक पारिश्रमिक का 24 प्रतिशत भुगतान करने का प्रस्ताव किया है।
इससे उनके रोजगार में व्यवधान या खतरे को रोका जा सकेगा।
वरिष्ठ नागरिकों (60 वर्ष से अधिक), विधवाओं और दिव्यांगजनों के लिए सहायता :
ऐसी लगभग 3 करोड़ वृद्ध विधवाएं और दिव्यांग श्रेणी के लोग हैं, जो कोविड-19 की वजह से उत्पन्न हुए आर्थिक व्यवधान के कारण असुरक्षित हैं।
सरकार अगले तीन महीनों के दौरान कठिनाइयों से निपटने के लिए उन्हें 1,000 रुपये देगी।
मनरेगा
‘पीएम गरीब कल्याण योजना’ के तहत 1 अप्रैल, 2020 से मनरेगा मजदूरी में 20 रुपये की बढ़ोतरी की जाएगी। मनरेगा के तहत मजदूरी बढ़ने से प्रत्येक श्रमिक को सालाना 2,000 रुपये का अतिरिक्त लाभ होगा।
इससे लगभग 62 करोड़ परिवार लाभान्वित होंगे।
स्वयं सहायता समूह:
63 लाख स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) के माध्यम से संगठित महिलाएं 85 करोड़ परिवारों को आवश्यक सहयोग देती हैं।
ए. जमानत (कोलैटरल) मुक्त ऋण देने की सीमा 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 20 लाख रुपये की जाएगी।
पीएम गरीब कल्याण पैकेज के तहत अन्य उपाय
संगठित क्षेत्र:
कर्मचारी भविष्य निधि नियमनों में संशोधन कर ‘महामारी’ को भी उन कारणों में शामिल किया जाएगा जिसे ध्यान में रखते हुए कर्मचारियों को अपने खातों से कुल राशि के 75 प्रतिशत का गैर-वापसी योग्य अग्रिम या तीन माह का पारिश्रमिक, इनमें से जो भी कम हो, प्राप्त करने की अनुमति दी जाएगी।
ईपीएफ के तहत पंजीकृत चार करोड़ कामगारों के परिवार इस सुविधा का लाभ उठा सकते हैं।
भवन और अन्य निर्माण श्रमिक कल्याण कोष:
‘भवन और अन्य निर्माण श्रमिकों के लिए कल्याण कोष’ केंद्र सरकार के एक अधिनियम के तहत बनाया गया है।
कोष में लगभग 3.5 करोड़ पंजीकृत श्रमिक हैं।
राज्य सरकारों को इस कोष का उपयोग करने के लिए निर्देश दिए जाएंगे, ताकि वे इन श्रमिकों को आर्थिक मुश्किलों से बचाने के लिए आवश्यक सहायता और सहयोग प्रदान कर सकें।
जिला खनिज कोष
राज्य सरकार से जिला खनिज कोष (डीएमएफ) के तहत उपलब्ध धनराशि का उपयोग करने को कहा जाएगा, ताकि कोविड-19 महामारी को फैलने से रोकने के लिए चिकित्सा परीक्षण (टेस्टिंग), स्क्रीनिंग और अन्य आवश्यकताओं की पूरक एवं संवर्धित या बढ़ी हुई सुविधाओं का इंतजाम किया जा सके और इसके साथ ही इस महामारी की चपेट में आए मरीजों का इलाज भी हो सके।