नयी दिल्ली, 29 अक्तूबर । मानव संसाधन विकास मंत्रालय अपने एक हजार से अधिक केंद्रीय विद्यालयों को रैंकिंग देगा जो सरकार द्वारा अपने आप में इस तरह की पहली पहल है। सरकार का यह कदम प्रतिस्पर्द्धा के जरिए इन संस्थानों में सुधार लाने पर केंद्रित है।
सूत्रों ने बताया कि इस पहल की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है जिसका परिणाम अगले साल जून में घोषित किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर के निर्देश पर उठाया गया यह कदम केंद्रीय विद्यालयों में सुधार लाने पर केंद्रित है।
सूत्रों के अनुसार रैंकिंग के लिए स्कूलों का निरीक्षण दो बार किया जाएगा। अगले साल से यह एक वार्षिक प्रक्रिया होगी।
केंद्रीय विद्यालयों की ग्रेडिंग के लिए अधिकतम अंक 1,000 होंगे और इन्हें चार श्रेणियों में रखा जाएगा। ए-श्रेणी में 80 प्रतिशत या इससे अधिक अंक (उत्कृष्ट) हासिल करने वाले केंद्रीय विद्यालय आएंगे। बी-श्रेणी में 60-79.9 प्रतिशत अंक (बहुत अच्छा) वाले स्कूल, सी-श्रेणी में 40-59.9 प्रतिशत अंक (अच्छा) वाले स्कूल तथा डी-श्रेणी में 40 प्रतिशत (औसत) से कम अंक अर्जित करने वाले केंद्रीय विद्यालय आएंगे।
एक हजार से अधिक केंद्रीय विद्यालयों का आकलन सात मानकों के तहत किया जाएगा। इनमें शैक्षणिक प्रदर्शन के सर्वाधिक अंक यानी कि 500 अंक होंगे। इसके बाद स्कूल अवसंरचना के 150 अंक स्कूल प्रशासन के लिए 120 अंक दिए जाएंगे।